8th Pay Commission : कर्मचारियों की सैलरी में नहीं होगा इजाफा, 2.86 का फिटमेंट फैक्टर भी नहीं आएगा काम
8th Pay Commission Updates :जैसे-जैसे समय बीत रहा है। वैसे-वैसे आठवें वेतन आयोग को लेकर चर्चांए काफी तेज हो गई है। अब जानकारी के अनुसार आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission)में 2.86 फिटमेंट फैक्टर होने के बाद भी कर्मचारियों की सैलरी में मामूली इजाफा देखने को मिलने वाला है। अगर आप भी एक सरकारी कर्मचारी है तो आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि कर्मचारियों की सैलरी में कम इजाफे का क्या कारण है।

HR Breaking News - (8th Pay Commission)। आठवें वेतन आयोग की घोषणा के बाद ही फिटमेंट फैक्टर को लेकर खूब चर्चाएं चल रही हैं। फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)के जरिए ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों की सैलरी में वृद्धि की जाती है।
अब कर्मचारियों के मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारी और पेंशनर्स की वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी। इन्हीं चर्चांओं को लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार केंद्रीय कर्मचारियों की वास्तविक वेतन बढ़ौतरी कम हो सकती है।
कितना होगा फिटमेंट फैक्टर
कई कर्मचारी संगठनों की ओर से नए वेतन आयोग (8th Pay Commission) में 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग की जा रही है, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार नए वेतन आयोग में सैलरी में कम बढ़ौतरी होने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि इस बार बढ़ौतरी कम होने का कारण यह है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर का बड़ा हिस्सा मुद्रास्फीति समायोजन (Inflation adjustment) के लिए जाता है।आप जानते ही हैं कि फिटमेंट फैक्टर मूल वेतन पर लागू होता है।
फिटमेंट फैक्टर से सैलरी केलकुलेशन
हम एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं कि अगर 8वां वेतन आयोग 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू करता है, तो इससे न्यूनतम मूल वेतन (Employees Minimum Basic Pay) जोकि 18,000 रुपए हैं, उससे बढ़कर 34,560 रुपए हो जाएगा। इसके साथ ही अगर फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor Hike)2.86 रहता है, तो मूल वेतन बढ़कर 51,480 रुपए पहुंचेगा।
हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि फिटमेंट फैक्टर का बड़ा हिस्सा महंगाई भत्ते (Dearness Allowances) और मुद्रास्फीति समायोजन के लिए उपयोग होता है, जिससे वास्तविक वेतन बढ़ौतरी सीमित रहती है। वहीं, कई एक्सपर्ट के अनुसार 2.86 का फिटमेंट फैक्टर होना लगभग असंभव है, और यह 1.92 के आसपास ही रहने के आसार है, जिससे सैलरी में बढ़ौतरी कम होगी।
बीते आंकड़ों के अनुसार वेतन वृद्धि
अगर पहले के आंकड़ों पर गौर करें तो फिटमेंट फैक्टर और वास्तविक वेतन बढ़ौतरी में बहुत बड़ा फर्क होता है। इससे पहले 6वें वेतन आयोग (6th pay commission) (2006) में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, लेकिन वास्तविक इस फिटमेंट फैक्टर से सैलरी (Salary by fitment factor)में बढ़ौतरी 54 प्रतिशत थी।
वहीं, 7वें वेतन आयोग (2016) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, लेकिन इस फिटमेंट फैक्टर से कर्मचारियों के वेतन (Salaries of employees)में बढ़ौरी सिर्फ 14.2 प्रतिशत थी।
क्यों मिलता है कर्मचारियों को कम पैसा
वर्तमान में चल रहे 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission)में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर में से तकरीबन 2.25 प्रतिशत मौजूदा वेतन और 125 प्रतिशत महंगाई भत्ते के समायोजन (adjustment of dearness allowance) के लिए यूज में लाया गया था।
जबकि सिर्फ 0.32 प्रतिशत वेतन बढ़ौतरी के लिए यूज किया गया। इससे यह पता चलता है कि फिटमेंट फैक्टर का हिस्सा मुद्रास्फीति समायोजन में चला जाता है, जिससे कर्मचारियों को नया पैसा वास्तविक से थोड़ा कम मिलता है।
जानिए क्या है कर्मचारी संगठनों की मांग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेशनल काउंसिल-जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (National Council-Joint Consultative Machinery) जैसे कई कर्मचारी संगठन 2।86 या उससे अधिक फिटमेंट फैक्टर को लेकर मांग कर रहे हैं, ताकि कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में बंपर बढ़ौतरी हो सकें।
NC-JCM के सचिव का कहना है कि मुद्रास्फीति की गति पर अगर गौर करें तो फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)7वें आयोग से अधिक होना चाहिए। हालांकि, अब की बार ऐसा लग नहीं रहा है। फिलहाल तो कर्मचारी संगठन न्यूनतम वेतन को 34,000 से 51,480 रुपए तक बढ़ने की उम्मीद लेकर बैठे हैं, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि वास्तविक बढ़ौतरी इससे कम होगी।
कब होगी प्रमुख सदस्यों की नियुक्ति
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने पिछले महीने दो सर्कुलर जारी कर 8वें वेतन आयोग (8th pay commission)के लिए 40 कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की जानकारी दे दी है।
बता दें कि ये पद विभिन्न सरकारी विभागों से डेपुटेशन पर भरे जाएंगे। इसके बाद सरकार की ओर से आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को अंतिम रूप देगी, जिसके बाद चेयरमैन और प्रमुख सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी।
कब लागू हो सकता है आठवां वेतन आयोग
जानकारी के अनुसार 8वां वेतन आयोग(8th Pay Commission) 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, क्योंकि 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission)का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है।
अभी फिलहाल में 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स नए वेतन आयोग की सिफारिशों का वेट कर रहे हैं। इससे पहले जब 7वें वेतन आयोग लागू किया गया था तो उसम समय में सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ा था।
सरकार पर कितना बढ़ेगा वित्तीय बोझ
अगर इस बार आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (fitment factor in 8th pay commission)2.86 के आसपास होता है तो इसके साथ ही 8वें वेतन आयोग के साथ सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ने के आसार है। कर्मचारियों को आशा है कि उनकी नई सिफारिशें उनके जीवन स्तर को बेहतर करेंगी।
एक्सपर्ट की मानें तो इस बार वास्तविक वेतन (Employees Actual salary) बढ़ौतरी 20 से 35 प्रतिशत के बीच रह सकती है। कर्मचारी और पेंशनर्स भी आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission)का इंतजार कर रहे हैं और चाह रहे हैं कि नए आयोग के सदस्यों की नियुक्ति जल्द हो, ताकि सिफारिशें समय पर लागू हो सकें।