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चाणक्य नीति: चीखने-चिल्लाने वाली महिलाएं अपने पति के लिए होती हैं लक्की, जानिए वो कैसे

अक्सर शादी के बाद महिलाएं अपने पति पर चीखती-चिल्लाती हैं महिलाओं की इस आदत से पति हमेशा परेशान रहते हैं आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि जो पत्नी अपने पति पर गुस्सा करती हैं वो अपने पति के लिए लकी होती है। 

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HR Breaking News (ब्यूरो) : हर व्यक्ति का स्वभाव, पसंद-नपसंद अलग होती है. महिलाओं को लेकर किसी पुरुष का क्या पसंद होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता. किसी पुरुष को शांत रहने वाली महिला पंसद आती है, तो कुछ को चिखने-चिल्लाने वाली. लेकिन चाणक्य ने अपनी नीति में ये बात बताई है कि अक्सर चिखने-चिल्लाने वाली महिलाओं से लोग दूर ही रहना पसंद करते हैं. लेकिन ये महिलाएं पुरुषों के लिए बेहद लकी होती हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार बात-बात पर रोने और चिल्लाने वाली महिलाएं किसी से कम नहीं होती. ऐसे में अन्य महिलाओं को मात दे देती हैं. इन महिलाओं का चरित्र बहुत अजीब होता है. लेकिन जो पुरुष ऐसी महिलाओं से शादी करता है, उनका जीवन सवंर जाता है. जी हां, चाणक्य का कहना है कि ऐसी महिलाएं पुरुषों के लिए भाग्यशाली मानी जाती हैं।

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सच्चे विचार की होती हैं ऐसी महिलाएं


चाणक्या का कहा है कि जो स्त्री बात-बात पर रोती है या चिल्लाती है ऐसी स्त्री की आपको कदर करनी चाहिए. क्योंकि ऐसी स्त्री आपको दोबारा नहीं मिलेगी. ये स्त्रियां परिवार के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं. ये सच्चे विचार की होती हैं. डजो मन में होता है बोल देती हैं. किसी प्रकार की द्वेष भावना नहीं रखतीं।

चाणक्य का कहना है कि इस तरह की स्त्रियां अपने प्रेमी से कभी दूर नहीं होना चाहती. परिवारवालों को खूब ध्यान रखती हैं. इनका दिल कोमल होता है. इतना ही नहीं, ये लड़कियां हर किसी की भावनाओं की कद्र करती हैं. इसलिए इस तरह की स्त्रियां किसी को आसानी से नहीं मिलती. और मिले तो आसानी से खोना नहीं चाहिए. कहते हैं कि गलती न होने पर भी जो स्त्री रो जाती है, उसके अंदर ममता कूट-कूट कर भरी होती है।

कई तरह के रोग हो जाते हैं दूर

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आचार्य चाणक्य का कहना है कि रोने-चिल्लाने से महिलाओं के कई तरह के घातक रोग दूर हो जाते हैं. इतना ही नहीं, रोने से मन भी हल्का होता है और तनाव भी खत्म हो जाता है. इस तरह की महिलाएं हर किसी के भाग्य में नहीं होती. दिल एक गुड़िया की तरह होता है. ये स्त्रियां किसी का दिल आसानी से नहीं तोड़ती. दूसरों की भावनाओं की कद्र करती हैं. चाणक्य का कहना है कि ज्यादा रोने वाली स्त्रियां खुद भूखी रह जाती हैं, लेकिन सामने वाले को भूखा नहीं रहने देती


(नोट-यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. HR Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)