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Indian Railways: यात्रीगण ध्यान देें, रेलवे बदलने जा रहा ये महत्वपूर्ण सर्विस, जान लें बाद में उठानी पड़ सकती है बड़ी परेशानी

Indian Railways PRS:  रेलवे यात्रियो की सुविधाओं के सुधार के साथ व्यवस्थाओं में बदलाव करता रहता है. हाल ही में रेलवे ने रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. जानें पूरी जानकारी..
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यात्रीगण ध्यान देें, रेलवे बदलने जा रहा ये महत्वपूर्ण सर्विस

HR Breaking News,(डिजिटल डेस्क): रेलवे समय-समय पर यात्रियों की सुविधा के लिए सुविधाओं के सुधार के साथ व्यवस्थाओं में बदलाव करता रहता है. हाल ही में रेलवे ने रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. ये जानकारी रेल मंत्रालय ने संसद की एक समिति में दी है. इसके मुताबिक भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) पीआरएस के मौजूदा सिस्टम का अध्ययन करा रहा है. इसके अपग्रेडेशन के लिए सुझाव देने के उद्देश्य से अग्रणी सलाहकार फर्म ग्रांट थॉर्नटन(Grant Thornton) को नियुक्त किया है. संसद के मानसून सत्र में भारतीय जनता पार्टी के सांसद राधा मोहन सिंह के नेतृत्व वाली रेल संबंधी स्थायी समिति की ‘भारतीय रेल की यात्री आरक्षण प्रणाली’ शीर्षक से पेश रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

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रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि वर्ष 2019-20 के दौरान IRCTC की वेबसाइट/एप के जरिये ऑनलाइन बुक किए गए आरक्षित टिकट वास्तविक आरक्षण केंद्र स्थल पर खरीदे गए टिकटों की तुलना में तीन गुणा अधिक हैं . हालांकि यह वेबसाइट आमतौर पर धीमी होती है और विशेष रूप से व्यस्तता वाले समय के दौरान इसके माध्यम से टिकट बुक करने में काफी समय लगता है. समिति ने ध्यान दिलाया कि ई टिकटिंग की सुविधा न केवल यात्रियों के लिये सुविधाजनक है बल्कि रेलवे काउंटरों पर भीड़-भाड़ कम करने में भी मदद करती है तथा दलालों की समस्या को समाप्त करने के साथ साथ काउंटरों पर जाली नोट मिलने की भी संभावना समाप्त हो जाती है.


ई-टिकटिंग की बढ़ती संख्या


समिति ने मंत्रालय से कहा कि IRCTC की वेबसाइट/सर्वरों की क्षमता को नियमित रूप से सुदृढ़ एवं उन्नत बनाने की जरूरत है ताकि इसे और सुदृढ़ बनाकर अधिकाधिक ट्रैफिक को संभालने योग्य बनाया जा सके. सरकार ने अपने उत्तर में समिति को बताया कि ऑनलाइन टिकटिंग को मजबूत करने के लिये 2014 में शुरू प्रणाली की क्षमता को लगातार उन्नत किया जा रहा है. भारतीय रेल ई-टिकटिंग के तहत कुल आरक्षित टिकटों की हिस्सेदारी दिसंबर 2021 तक 80.5 प्रतिशत तक पहुंच गई है.

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उसने बताया कि IRCTC के पास 10 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओं का आधार है जिसमें 7.60 करोड़ एक्टिव यूजर हैं. मंत्रालय ने समिति को बताया कि IRCTC ने रेलवे यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) की मौजूदा प्रणाली का अध्ययन करने और इसके उन्नयन के लिये सुझाव देने के उद्देश्य से अग्रणी सलाहकार फर्म ग्रांट थॉर्नटन(Grant Thornton)  को नियुक्त किया है. रेल मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, भारतीय रेल में कुल आरक्षित टिकटों(Reserved Tickets) में ई टिकट की हिस्सेदारी वर्ष 2016-17 में 59.9 प्रतिशत थी . वर्ष 2016-17 में कुल आरक्षित टिकटों में ई टिकट की हिस्सेदारी 65.8 प्रतिशत, वर्ष 2018-19 में 70.1 प्रतिशत, वर्ष 2019-20 में 72.8 प्रतिशत, वर्ष 2020-21 में 79.6 प्रतिशत और वर्ष 2021-22 में दिसंबर माह तक 80.5 प्रतिशत दर्ज की गई .