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Indian Railways: सरकार ने DRM का ये अधिकार लिया वापिस, प्लेटफॉर्म में नहीं कर सकेंगे ये काम

पीक सीजन के दौरान प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाने के मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब रेलवे के डिविजनल रेलवे मैनेजर अपनी मर्जी से प्लेटफार्म टिकट के दाम तय नहीं कर सकेंगे. रेल मंत्रालय ने उनसे यह अधिकार वापस ले लिया है.
 
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Indian Railways: सरकार ने DRM का ये अधिकार लिया वापिस, प्लेटफॉर्म में नहीं कर सकेंगे ये काम 

HR Breaking News, Digital Desk- पीक सीजन के दौरान प्लेटफॉर्म टिकट के दाम बढ़ाने के मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. रेल मंत्रालय (Indian Railway) ने डिविजनल रेलवे मैनेजरों (DRM) से प्लेटफॉर्म टिकट की दरें तय करने का अधिकार वापस ले लिया है. मंत्रालय ने वर्ष 2015 में DRM को ये अधिकार दिया था. अब प्लेटफार्म टिकट (Platform Ticket) की दरें क्या रहेंगी, इसका अधिकार रेल मंत्रालय के पास रहेगा और वहीं से तय होगा कि त्योहारी दिनों में प्लेटफार्म टिकट के दाम क्या रहेंगे.

 

त्योहारी सीजन में स्टेशनों पर पहुंचती है भारी भीड़-

बताते चलें कि रेलवे स्टेशनों पर जाने वाले यात्रियों को छोड़ने के लिए बड़ी संख्या में उनके परिवार के लोग भी पहुंचते हैं. इसके चलते प्लेटफार्मों (Platform Ticket) पर भारी भीड़ हो जाती है. छोटे शहरों के मुकाबले बड़े शहरों में यह भीड़ ज्यादा होती है. जब कभी त्योहारी सीजन आता है या बच्चों की छुट्टियां शुरू होती हैं तो स्टेशनों पर भीड़ इस कदर बढ़ जाती है कि यात्रियों को भी वहां बैठने की जगह नहीं मिल पाती. 

कई DRM ने बढ़ा दिए थे प्लेटफार्म टिकट के दाम-


इस गैर-जरूरी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए प्लेटफार्म टिकट (Platform Ticket) लगाए जाते हैं. यह टिकट यात्रियों के साथ आए उनके परिवार के लोगों के लिए होते हैं. पिछले दिनों दिवाली और छठ पूजा पर जब लोग अपने घर जाने के लिए स्टेशनों पर उमड़े तो क्राउड मैनेजमेंट के लिए कई DRM के दाम 30 से लेकर 50 रुपये तक कर दिए थे. जिस पर पैसेंजर्स ने कड़ा विरोध जताया था. 

अब सरकार तय करेगी प्लेटफार्म टिकट की दरें-

लोगों के इस विरोध को देखते हुए सरकार ने सबसे पहले तो प्लेटफार्म टिकट (Platform Ticket) के दाम घटाकर 10 रुपये प्रति व्यक्ति किए. इसके बाद अब DRM से प्लेटफॉर्म टिकट की दरें तय करने का अधिकार छीन लिया है. यानी कि अब किस स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट की दरें कितनी होंगी, इसका फैसला खुद रेल मंत्रालय लिया करेगा. माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से लाखों ट्रेन यात्रियों को भारी राहत मिलेगी.