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NCDRC : फ्लैट खरीदारों के हक में आया फैसला, अब ब्याज सहित मिलेगी पूरी रकम

 राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सोहना रोड स्थित जेएमडी गार्डन सोसायटी के 480 फ्लैट मालिकों को बड़ी राहत दी है। फैसला फ्लैट खरीदारों के हक में आया है। आइए नीचे खबर में जानते हैं पूरी जानकारी- 
 
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NCDRC : फ्लैट खरीदारों के हक में आया फैसला, अब ब्याज सहित मिलेगी पूरी रकम

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने सोहना रोड स्थित जेएमडी गार्डन सोसायटी के 480 फ्लैट मालिकों को बड़ी राहत दी है। आयोग ने सोसायटी की रेजीडेंट वेलफेयर एसाेसिएशन (आरडब्ल्यूए ) के पक्ष में आदेश जारी कर कहा है बिल्डर फ्लैट खरीदारों को बालकनी के क्षेत्र को जोड़कर सुपर एरिया के नाम पर ली गई अतिरिक्त राशि ब्याज समेत वापस करे।

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सोसायटी निवासियों ने की आयोग के फैसले की सराहना


इसके साथ ही बिल्डर को ब्याज मुक्त रखरखाव की राशि भी आरडब्ल्यूए को देने के आदेश दिए हैं। सोसायटी निवासियों ने आयोग के फैसले की सराहना की है। आरडब्ल्यूए की ओर से आठ साल से इसके लिए संघर्ष किया जा रहा था। एनसीडीआरसी के इस आदेशको सुपर एरिया के नाम पर अन्य बिल्डर कंपनियों द्वारा वसूली जा चुकी रकम के परिदृश्य में अहम माना जा रहा है।
आयोग ने जेएमडी बिल्डर को परियोजना की सभी कमियों (सीपेज सहित) को ठीक करने के निर्देश दिए हैं। प्रारंभिक अनुमोदित योजना के अनुसार एक डिस्पेंसरी और सामुदायिक केंद्र बनाने का निर्देश दिया गया है। जेएमडी बिल्डर प्रबंधन को अब प्रत्येक फ्लैट को 6.5 केवीए का पावर बैकअप भी देना होगा।

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अतिरिक्त राशि वापस करने का आदेश 


बिल्डर को एल और एम ब्लाक में सभी घर खरीदारों को अधिमान्य स्थान शुल्क (पीएलसी) के रूप में एकत्र की गई राशि वापस करने का आदेश दिया गया है। नौ प्रतिशत प्रति वर्ष के ब्याज के साथ आरडब्ल्यूए को ईडीसी (बाह्य विकास शुल्क ) के रूप में ली गई अतिरिक्त राशि वापस करने का आदेश दिया है। बता दें, जेएमडी गार्डन में बिल्डर ने 480 फ्लैट बनाकर निवासियों को सभी फ्लैट के कब्जे देकर रखरखाव स्टाफ तथा गार्ड आदि अपनी कंपनी की तरफ से लगा रखे थे।
निवासियों से रखरखाव शुल्क भी बिल्डर प्रबंधन खुद ही वसूल रहा था। दिसंबर 2020 में इसको लेकर विवाद हुआ था। निवासियों ने आपसी सहमति बनाकर अपनी आरडब्ल्यूए का गठन कर लिया। उसके बाद बिल्डर प्रबंधन से चार्ज लेने के लिए कई बार आग्रह किया,लेकिन मिला नहीं।सोसायटी की आरडब्ल्यूए ने जिला नगर योजनाकार को पत्र लिखकर बिल्डर से चार्ज दिलाने की मांग की थी।

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19 दिसंबर 2020 को जिला नगर योजनाकार (एन्फोर्समेंट) आरएस बाठ ने बिल्डर को पत्र लिखकर जेएमडी गार्डन की आरडब्ल्यूए को चार्ज देने के निर्देश दिए थे। आदेश नहीं मानने पर आरडब्ल्यूए पदाधिकारी आयोग के पास पहुंचे। सोसायटी में रहने वाले योगेश ने कहा कि उम्मीद है कि, बिल्डर प्रबंधन एनसीडीआरसी द्वारा निर्देशित छह महीने की समय सीमा के भीतर फैसले में दिए गए निर्देशों का पालन करेगा।

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हमने इस दिन का आठ साल इंतजार किया। अपने वादों को पूरा नहीं करने वाले बिल्डर के खिलाफ फ्लैट खरीदारों को बचाने के लिए एनसीडीआरसी ने सराहनीय फैसला दिया है। हमें उम्मीद है कि यह फैसला शक्तिशाली बिल्डर लाबी को अपनी जिम्मेदारी याद दिलाने का काम करेगा।

क्या होता है सुपर एरिया
बिल्डर फ्लैट लेने वाले निवेशक को बालकनी, दीवार के अलावा सीढ़ियां और लिफ्ट की जगह को भी उस टावर के फ्लैट धारकों में बराबर आधार पर वितरित कर पैसा वसूल लेता है। कारपेट एरिया में कामन एरिया के पार्क, जिम और लाबी की जगह को मिलाकर सुपर एरिया बनता है।
नियमानुसार बिल्डर को कारपेट एरिया का ही पैसा वसूलना चाहिए। उदाहरण के तौर पर 1800 वर्ग फुट फ्लैट के सुपर एरिया में 1300 वर्ग फुट कारपेट एरिया बनता है तो बिल्डर सिर्फ 1300 वर्ग फुट एरिया के ही पैसे लेगा। राजकुमार, अध्यक्ष,

आरडब्ल्यूए, जेएमडी गार्डन सोसायटीमैंने अभी आयोग का फैसला नहीं देखा है। देश की न्यायिक व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है। जो भी फैसला आया है। हम उसका स्वागत करते हैं। अभी विदेश में हूं। लौटने के बाद फैसला देखने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया दी जाएगी। फ्लैट खरीदारों के हित हमारे लिए सबसे पहले हैं। सुनील बेदी, सीएमडी, जेएमडी ग्रुप