home page

माल ढुलाई पर रेल मंत्रालय ले सकता है बड़ा फैसला, जुर्माने में हो सकती है इतनी बढ़ोतरी

Railway Ministry may increase the fine for freight in trains अब एक राज्य से दूसरे में मालगाड़ियों से सामना की ढुलाई महंगी पड़ सकती है। रेल मंत्रालय (Railway Ministry) माल ढुलाई को लेकर बड़ा फैसला ले सकता है। जिसको लेकर देश के मंडलों से पत्राचार के माध्यम से सुझाव मांगे गए है। आइए नीचे खबर में जानते है पूरा मामला
 
 | 
Railway Ministry may increase the fine for freight in trains ट्रेनों में माल ढुलाई पर रेल मंत्रालय बढ़ा सकता है जुर्माना

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क,एक राज्य से दूसरे राज्य भेजी जाने वाले अनाज, सीमेंट, कोयला (grain, cement, coal)सहित अन्य सामान की लो¨डग और अनलो¨डग में देरी को लेकर रेल मंत्रालय खफा है। हालांकि निर्धारित समय से देरी होने पर जुर्माने का प्रविधान है, लेकिन इसके बावजूद भी कई मंडलों में सुधार नहीं हो रहा है। इसका असर रेलवे की आमदनी पर भी पड़ता है। ऐसे में रेल मंत्रालय ने इस जुर्माना राशि को बढ़ाने की तैयारी की है। देशभर के रेल मंडलों से पत्राचार कर सुझाव मांगे गए हैं।

देश विदेश के ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें


भेजे गए पत्र में जुर्माना राशि छह गुणा तक बढ़ाने का भी जिक्र किया गया है। हालांकि अभी सभी मंडलों से सुझाव आने के बाद ही इसे अंतमि रूप दिया जाएगा। तीन जून 2022 तक सभी मंडलों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। कुछ मंडल राशि को बढ़ाने के पक्ष में हैं क्योंकि पिछले छह सालों से इन रेटों में कोई बदलाव नहीं किया गया। एक मालगाड़ी में 42 या इससे अधिक डिब्बे होते हैं, लेकिन जुर्माना राशि प्रत्येक डिब्बे में प्रति घंटे के हिसाब से लगती है। प्रस्ताव के अनुसार 42 डिब्बों की मालगाड़ी यदि 48 घंटे से अधिक लेट हो जाती हे, तो उस पर 56 हजार 700 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

हरियाणा के ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें


रेलवे की आमदनी और बढ़ाने के लिए मंत्रालय का फोकस माल ढुलाई पर है। रेलवे की साइडिंग से माल निर्धारित समय में ही उतारने और चढ़ाने को लेकर नियम तय हुए पड़े हैं। मौजूदा समय में ग्रुप वन स्टेशनों पर प्रत्येक डिब्बे में निर्धारित समय से देरी होने पर 150 रुपये वारफेज चार्ज (जहां सामान पड़ा रहता है) लगाया जाता है, जबकि ग्रुप टू में 120 रुपये और ग्रुप थ्री में 75 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 225, 180 और 120 रुपये करने की तैयारी है। साइ¨डग पर सामान काफी देर तक पड़ा होने के कारण भले ही जुर्माना लगाने का प्रावधान है, लेकिन रेलवे की अन्य ढुलाई का कार्य प्रभावित हो जाता है।

 


ऐसे में कई बार मालगाडि़यों को साइ¨डग पर लाने की जगह बीच रास्ते ही रोकना पड़ जाता है, जिसका असर कई बार सवारी गाडि़यों पर भी पड़ता है। इसलिए रेल मंत्रालय नहीं चाहता कि सामान निर्धारित समय से काफी देर तक न उठे। इसी के चलते डैमरेज (विलंब शुल्क) और वारफेज चार्ज बढ़ाने की तैयारी में है। डैमरेज चार्ज भी एक घंटे का डेढ़ सौ रुपये है।

 

रेल मंत्रालय का प्रस्ताव है कि यदि डैमरेज और वारफेज चार्ज डेढ़ सौ रुपये बढ़ाकर 225 रुपये कर दिया जाए। ग्रुप एक में छह से बारह घंटे तक देरी होती है तो दोगुना रेट होगा। यानी कि प्रत्येक डिब्बे का एक घंटे का 225 रुपये वसूल किया जाएगा। यदि गाड़ी 42 डिब्बों की है तो यह राशि 18 हजार 900 रुपये होगा। इसी प्रकार 12 से 24 घंटे होने पर यह राशि तीन गुणा, 24 से 48 घंटे होने पर यह राशि चार गुणा हो जाएगी। इससे अधिक होने पर यह राशि छह गुणा हो जाएगी। उधर, सीनियर डीसीएम (फ्रेट) विवेक शर्मा ने बताया कि रेलवे ने वारफेज और डैमरेज चार्ज बढ़ाने को लेकर सुझाव मांगे हैं,जो तीन जून तक भेजने हैं।