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British - अंग्रेजों ने देश के 26 शहरों के बदले थे नाम, देखिए इसमें आपका शहर तो नहीं है शामिल

आज हम आपको भारत के उन शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनके नाम ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेजों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से बदले थे। ऐसे में नीचे आप भी खबर जानिए कहीं इसमें आपका शहर तो नहीं हैं शामिल। 
 
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British - अंग्रेजों ने देश के 26 शहरों के बदले थे नाम, देखिए इसमें आपका शहर तो नहीं है शामिल 

HR Breaking News, Digital Deskआज हम आपको भारत के उन शहरों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनके नाम ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेजों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से बदले थे। ऐसे में नीचे आप भी खबर जानिए कहीं इसमें आपका शहर तो नहीं हैं शामिल। 
 

वैसे शहरों के नाम बदले जाने का यह सिलसिला नया नहीं है. आजादी के तुरंत बाद से ही भारतीय नामों के लिए शहरों के नाम बदले जाने का सिलसिला शुरू हो गया था. हम आपको भारत के उन शहरों के बारे में बता रहे हैं. जिनके नाम ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेजों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से बदले थे और देश के आजाद होने के बाद से भारतीय नामों के लिए फिर से इन शहरों के नामों को बदला गया -

त्रिचिनापोली से तिरुचिरापल्ली-


1971 में त्रिचिनापोली का नाम ज्यादा हिंदुस्तानी बनाते हुए इसे तिरुचिरापल्ली कर दिया गया था. इससे पहले त्रिचिनापोली को त्रिची भी कहा जाता था. माना जाता है कि इस शहर का नाम तीन सिरों वाली राक्षसी त्रिशिरा के नाम पर रखा गया था.

2. बरोड़ा से वडोदरा-


1974 में गुजरात के बरोड़ा का नाम बदलकर वडोदरा कर दिया गया था. वडोदरा का नाम वटपत्रक या बरगद के पत्ते के नाम पर पड़ा है. कुछ लोग इसका नाम बरगद के बीच यानि वटोदर से पड़ा भी मानते हैं.

3. त्रिवेंद्रम से तिरुवनन्तपुरम-


हालांकि ज्यादातर लोग इसे आज भी त्रिवेंद्रम ही कहते हैं लेकिन केरल की राजधानी का नाम 1991 से ही तिरुवनन्तपुरम हो चुका है. इसका नाम भगवान अनंत के नाम पर रखा गया है. जो कि पद्मनाभमस्वामी मंदिर के प्रमुख देवता हैं.

4. बॉम्बे से मुंबई-


मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है और लोग कहते हैं कि बॉम्बे से आज भी जो फील आता है, मुंबई से नहीं आता. मुंबई शहर है, जबकि बॉम्बे एक भावना है. मुंबई का नाम मुंबा देवी के नाम पर रखा गया है. मुंबई में जो आखिरी का आई है, उसका मतलब होता है मां. यानि मुंबई का मतलब हुआ 'मुंबा मां'. बॉम्बे का नाम 1996 में बदलकर मुंबई किया गया था.

5. मद्रास से चेन्नई-


सारे बदले जाने वाले नाम ज्यादातर मिलते-जुलते होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा अंतर चेन्नई और मद्रास में दिखता है. इसका नाम भी 1996 में ही बदला गया था. अंग्रेजों ने मद्रास का नाम मद्रासपट्टिनम से बदलकर मद्रास रखा था. आज भी चेन्नई में इस नाम का मछुआरों का एक कस्बा है. कुछ लोगों का कहना है कि इस शहर का नाम तेलुगु राजा दमारला चेनप्पा नायकुडु के नाम पर रखा गया है. जबकि एक मत यह भी है कि यह नाम चेन्ना केसवा पेरुमत मंदिर से आया है.

6. कोचीन से कोच्ची-


यह नाम भी अंग्रेजों ने ही रखा था हालांकि इसमें उतना अंग्रेजी प्रभाव नहीं झलकता है. इसका नाम भी कोच्ची 1996 में ही बदलकर किया गया. ज्यादातर इसे इरनाकुलम नाम से भी बुलाया जाता है कोच्ची को कोचु अझ आई भी कहते हैं, जिसका मतलब मलयालम में छोटी खाड़ी होता है.

7. कलकत्ता से कोलकाता-


भारत के सांस्कृतिक शहरों में से एक कलकत्ता ने 2001 में फिर से अपना बंगाली नाम कोलकाता अपना लिया था. यह कोलिकाता का छोटा रूप है. यह यहां स्थापित एक ऐसा गांव था, जो ब्रिटिशों के इस पर कब्जे से पहले यहां हुआ करता था. इसके अलावा कलकत्ता जिन दो गांवों को मिलाकर बना है, उनके नाम थे सुतानुती और गोविंदपुर.

8. पॉन्डिचेरी से पुद्दुचेरी-


पॉन्डिचेरी से बदलकर इस शहर का नाम 2006 में पुद्दुचेरी हो गया. जैसा कि पॉन्डिचेरी नाम से ही साफ था, इस पर फ्रांसीसीस भाषा का साफ प्रभाव था. इसे पॉन्डि भी कहा जाता था. तमिल भाषा में इसका नाम पुद्दुचेरी होता है, जिसका सीधा मतलब होता है, नया शहर.

9. कॉनपोर से कानपुर-


गंगा के किनारे बसे इस औद्योगिक शहर कॉनपोर का नाम आजादी के एक साल के अंदर ही बदल दिया गया था. इस शहर के नाम को लेकर दो मान्यताएं हैं. पहली के हिसाब से शहर का नाम महाभारत के कर्ण के नाम पर कर्णपुर रखा गया था. जबकि दूसरी मान्यता के अनुसार पास के ही एक कस्बे मकनपुर के नाम पर इसका नाम रखा गया था.

10. बेलगाम से बेलागावी-


संस्कृत शब्द 'वेलुग्रामा' से इस शहर का नाम बेलागवी पड़ा. इस शहर का नाम बेलगाम से बेलागावी हाल ही में हुआ है. संस्कृत में बेलुग्रामा का मतलब होता है बांस का गांव.

11. इंधुर से इंदौर-


ब्रिटिश राज के दौरान ही इंदौर का नाम बदला गया था. मध्यप्रदेश के इस शहर का नाम इससे पहले इंधुर हुआ करता था. शहर का नाम इंद्रेश्वर मंदिर के चलते इंधुर कहा जाता था. इस मंदिर में हिंदू देवता इंद्र की पूजा होती है.

12. पंजिम से पणजी-


गोवा की राजधानी पणजी का नाम 1960 में आजादी के बाद बदलकर पंजिम कर दिया गया. मजेदार यह है कि कोंकणी में इस शहर को पोंजी पुकारा जाता है.

13. पूना से पुणे-


बॉम्बे का चचेरा शहर कहा जाने वाला पुणे 1977 तक पूना नाम से जाना जाता था. शब्दश: इसका मतलब खूबियों का शहर होता है. वैसे पुणे को नाम पुण्य गिरि पहाड़ियों से मिला है.

14. सिमला से शिमला-


शिमला फिलहाल हिमाचल प्रदेश की राजधानी है लेकिन ब्रिटिश राज के दौरान यह गर्मियों की राजधानी हुआ करती थी. देवी श्यामला देवी के नाम पर इस शहर का नाम पड़ा है. यह देवी काली का एक अवतार मानी जाती हैं. आजादी के बाद ही सिमला का नाम बदलकर शिमला कर दिया गया था.

15. बनारस से वाराणसी-


इस पवित्र माने जाने वाले शहर को काशी के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन आजादी के बाद बनारस ने 1956 में अपना भारतीय नाम वाराणसी पाया. वरुणा नदी और अस्सी घाट के बीच बसे होने के चलते इस शहर को वाराणसी कहा जाता है.

16. वाल्टेयर से विशाखापट्टनम-


आंध्रप्रदेश का विशाखापट्टनम जिसे अक्सर विजाग भी कहा जाता है, आजादी के बाद ही इसने अपने अंग्रेज नाम वाल्टेयर छोड़ दिया था. लेकिन इसे छोड़कर वह विजागापट्टनम हो गया था. जिसके बाद 1987 में यह विशाखापट्टनम हो गया. यह भारत के पूर्वी तट पर चेन्नई और कोलकाता के बाद तीसरा सबसे बड़ा शहर है. आंध्र वंश के शासक भगवान विसाकेश्वर के नाम पर इसका नाम रखा गया था.

17. तंजौर से तंजावुर-


तमिलनाडु में मंदिरों की कला का गढ़ है तंजावुर. इसके बृहदेश्वर मंदिर और तंजौर पेंटिंग बहुत प्रसिद्ध हैं. आजादी के बाद ही इस शहर ने अपना नाम तंजौर से बदलकर तंजावुर कर लिया था. इसका नाम हिंदू आख्यानों के प्रसिद्ध राक्षस तंजन के नाम पर रखा गया है.

18. जुब्‍बुलपोर से जबलपुर-


भारत में जिन शहरों का नाम सबसे पहले बदला गया जबलपुर उनमें से एक था. 1947 में आजादी के तुरंत बाद ही इस शहर का नाम बदल दिया गया था. इस शहर का नाम रामायण के जाबाली के कथा के साथ जोड़ा जाता है.

19. उटकमंडलम से उधगमंडलम-


इसे उटी भी कहा जाता है. यह नीलगिरि पहाड़ियों में बसा है. पहले इसका नाम उटकमंडलम था, अब उधगमंडलम है. लेकिन आज भी लोग इसे इसके छोटे नाम उटी से ही बुलाते हैं.

20. कालीकट से कोझीकोड-


यही भारत का वह तटीय शहर है जहां सबसे पहले वास्कोडिगामा आया था. यह मलयालम शब्दों कोवली और कोटा से मिलकर बना है. इस दोनों ही शब्दों का मलयालम में अर्थ महल और किला होता है. अरब इस शहर को कालीकत, तमिल इस शहर को कालीकोट्टई और चीनी कलिफो कहा करते थे.

21. गौहाटी से गुवाहाटी-


पुराने असमिया आख्यानों से पता चलता है कि इस शहर का नाम प्राचीन काल में प्रागज्योतिषपुर हुआ करता था. अभी का नाम गुवाहाटी, गुवा माने सुपारी और हाट माने बाजार से मिलकर बना है. 1980 में इसने अपने अंग्रेजी लहजे वाले नाम गौहाटी को छोड़ दिया था.

22. अलेप्पी से अलपुझा-


1957 में ही अलेप्पी का नाम बदलकर अलपुझा हो गया था. यह मलयालम के अला और पुझा शब्दों को मिलाकर बना है. जिसका मलतब समुद्र और नदियों के बीच की डेल्टा जैसी जमीन होता है.


23. मैसूर से मैसुरू-


अपने महलों और मैसूर पार्क के लिए प्रसिद्ध इस शहर का नाम महिषासुर या महिशुरू से मिला है. हिंदू आख्यानों के अनुसार महिषासुर का महल यहीं था, जिसे बाद में देवी चामुंडेश्वरी ने मार दिया.

24. मंगलौर से मंगलुरू-


मंगलौर ने कलकत्ता की तरह अपने लोगों की भाषा को अपना लिया है, जिससे इसका नाम मंगलुरू हो गया है. यहां पर स्थापति देवी मंगलादेवी मंदिर के नाम पर इस शहर का नाम पड़ा है.

25. बंगलौर से बंगलुरू-


बंगलुरू में बेगुर नाम की जगह पर मिले एक शिलालेख में वहां पर पश्चिमी गंग शासकों का इलाका बताया गया है. यह शिलालेख 890 के आस-पास का है. 1004 तक यहां पर गंग शासकों ने शासन किया. तब तक इसे बेंगावल-उरू कहा जाने लगा था. जिसका मतलब होता था, रक्षकों का शहर.

26. गुड़गांव से गुरुग्राम-


महाभारत में पांडवों और कौरवों को युद्धविद्या की सीख देने वाले गुरु द्रोणाचार्य का गांव गुरुग्राम यहीं पर है. इसी स्थान पर अर्जुन ने चिड़िया की आंख में निशाना लगाया था. और इसी स्थान पर महाभारत की पूर्व तैयारी भी हुई थी.