UP के 200 गांवों को बड़ी सौगात, बिछाई जाएगी 67 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन
new railway line : उत्तर प्रदेश वासियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश के लोगों को हर एक अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए योगी सरकार की तरफ से नए-नए प्रोजेक्ट्स पर काम किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के 200 गांवों को बड़ी सौगात मिली है। अब उत्तर प्रदेश में 67 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बिछाई जाएगी।
HR Breaking News : (railway line in UP) यूपी में अब रेलवे लाइन के विस्तार के लिए सरकार काफी जोर दे रही है। अब हाल ही में उत्तर प्रदेश के 200 गांवों को बड़ी सौगात मिली है। यूपी में नई रेलवे लाइन को लेकर मंजूरी मिली है, जिसके चलते अब उत्तर प्रदेश वासियों को बड़ा फायदा मिलने वाला है। उलंबे समय से अटकी छितौनी–तमकुही रेल परियोजना (Chhitauni Tamkuhi Railway Project) को आखिरकार मंजूरी मिल गई है।
तकरीबन 67 किलोमीटर लंबी ये नई रेलवे लाइन से न सिर्फ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत होगी बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी नई गति मिलेगी। आइए जानते है इस नई रेलवे लाइन पर कौन-कौन से स्टेशन बनेंगे और कहां होगा जंक्शन।
आपको बता दे की करीब 18 साल से ठप पड़ी इस परियोजना को अब बजट स्वीकृति मिलने के बाद नया जीवन मिलने जा रहा है। जिसके पूरा होने से यूपी और बिहार के बीच आवागमन और भी आसान होगा। इन सबके अलावा पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे।
उत्तर प्रदेश के करीब 200 गांवों के लोगों के लिए यह खबर किसी सौगात से कम नहीं है। अब उन्हें बड़े शहरों तक जाने के लिए कप्तानगंज या गोरखपुर भटकना नहीं पड़ेगा। निकटतम स्टेशनों से ही उन्हें रेल सेवा की सुविधा (Rail service facility) उपलब्ध होगी, जिससे उनकी यात्रा आसान होने के साथ ही विकास की राह भी प्रशस्त होगी।
छितौनी–तमकुही रेल परियोजना का शिलान्यास वर्ष 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था। लेकिन बजट की कमी के चलते यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब रेलवे मंत्रालय ने 477 करोड़ रुपये से अधिक का बजट स्वीकृत कर दिया है और टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
रेल लाइन और स्टेशन का होगा निर्माण-
परियोजना के तहत 67 किमी लंबी रेल लाइन को बिछाया जाएगा। इसमें छितौनी से तमकुही राज तक छोटे-बड़े पुल, इलेक्ट्रिक लाइन, सिग्नलिंग और आधुनिक स्टेशन बनाए जाएंगे। प्रमुख स्टेशनों (new railway line) में जटहां बाजार, मधुबनी, धनहां, खैरा टोला और पिपरही शामिल किया गया है। इसके साथ ही तमकुही रोड को जंक्शन के रूप में विकसित किया जाने वाला है।
संघर्ष और आंदोलन का सफर-
2018 में जब इस परियोजना को अनुपयोगी बताकर बंद कर दिया गया, तो स्थानीय लोगों परेशानी बढ़ गई। इसके बाद संजय सिंह और शैलेश यदुवंशी के नेतृत्व में संघर्ष समिति ने आंदोलन शुरू किया। पोस्टकार्ड अभियान (Postcard campaign) से लेकर सांसद विजय कुमार दूबे और अन्य जनप्रतिनिधियों की पहल तक, लगातार प्रयासों से केंद्र सरकार का ध्यान दिया गया है।
विकास और रोजगार के नए मौके-
रेल संपर्क सुधरने से कुशीनगर और तमकुही राज जैसे पर्यटन स्थलों पर देशी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने वाली है। इसके अलावा रेल लाइन (new railway line) से जुड़े व्यवसाय, ठेला-खोमचा और स्थानीय व्यापारियों को रोजगार मिलने वाला है। लगभग 200 गांवों के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध होगी और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
दो सालों में पूरा होगा काम-
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, निर्माण कार्य में लगभग दो साल का समय लगने वाला है। इसके बाद यूपी-बिहार सीमावर्ती क्षेत्र के करीब दो लाख लोग मुख्यधारा से जुड़ेंगे। जब इस पटरी पर ट्रेन दौड़ेगी, तो यह सिर्फ यात्रा का साधन नहीं बल्कि क्षेत्र (new railway line in UP) के सामाजिक और आर्थिक विकास की नई राह साबित होगी।
