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Delhi के पास इस जगह 80 गांवों की जमीन पर यहां बसाया जाएगा हाईटेक शहर, शिकागो की तर्ज पर होगा डेवलेप

new noida : आज के समय में सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहरों की लिस्ट में नोएडा और ग्रेटर नोएडा सबसे उपर है। दोनों शहरों में बेहतर सड़क क्नेक्टिविटी, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कई बड़े एक्सप्रसवे और आईटी हब (IT Hub) का तेजी से हो रहे विस्तार के चलते यहां आबादी में बढ़ौतरी हुई है। ऐसे में यूपी सरकार दिल्ली के पास 80 गांवों की जमीन पर हाईटेक शहर बनाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि इस शहर को शिकागों की तर्ज पर बसाया जाएगा। आईये जानते हैं न्यू सिटी में कौन- कौन सी खास सुविधाएं मिलेंगी।  

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Delhi के पास इस जगह 80 गांवों की जमीन पर यहां बसाया जाएगा हाईटेक शहर, शिकागो की तर्ज पर होगा डेवलेप

HR Breaking News - (ब्यूरो)।  नोएडा और ग्रेटर नोएडा (Noida and Greater Noida) में रहने वालों के लिए गुड न्यूज है। दरअसल, यूपी सरकार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास प्रदेश (UP) में अब एक नया शहर बसाने की तैयारी कर रही है, जिसका नाम 'न्यू नोएडा (New Noida)' होगा। नोएडा और ग्रेटर नोएड में आबादी के साथ ही इंडस्ट्री के बढ़ते दबाव को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के बीच 'नया नोएडा' बसाने जा रही है। 


औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए 'न्यू नोएडा '(New Noida update) में बड़े पैमाने पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, इसके अलावा शहर में लोगों के रहने के लिए घर भी बनाए जाएंगे। नोएडा अथारिटी  (Noida Authority) ने इसके लिए मास्टर प्लान 2041 के मसौदे को हरी झंडी दे दी है, न्यू नोएडा के लिए 21,000 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि मास्टर प्लान 2041 का फोकस दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNGIR) में औद्योगिक विकास होगा, जहां न्यू नोएडा विकसित करने का प्रस्ताव है।

कहां और कितनी जमीन पर बसाया जाएगा नया शहर - 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश सरकार 'न्यू नोएडा' (New Noida latest news) को बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के गावों को मिलाकर बसाएगी। प्रस्ताव के अनुसार, न्यू नोएडा में बुलंदशहर (Bulandshahr) के करीब 60 तो गौतमबुद्ध नगर के 20 गांव की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। इसके अलावा गाजियाबाद के 6 अन्य गांव को भी इसमें जोड़ा जाएगा। 1976 में स्थापित दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के मुख्य शहर नोएडा की शुरुआत धीमी रही, लेकिन हाल के कुछ सालों में इसके विकास में काफी तेजी आई है।


न्यू नोएडा बसाने का ये है कारण - 

पहले नोएडा में बड़े पैमाने पर कृषि लायक जमीन थी, जो अब आवासीय और औद्योगिक इमारतों में तब्दील हो चुकी है। नोएडा में इस समय तेजी से जगह की कमी हो रही है। वहीं, ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) 1990 के दशक की शुरुआत में अस्तित्व में आया, जो नोएडा से करीब 30 किमी दूर एक शांत शहर है। अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा पर से आबादी और इंडस्ट्री के बोझ को कम करने के लिए 'न्यू नोएडा' (New Noida) बसाने की आवश्यकता महसूस की गई।

'न्यू नोएडा मास्टर प्लान' को मंजूरी देने का निर्णय 13 अगस्त को नोएडा अथॉरिटी  (Noida Authority) की 210वीं बोर्ड बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव, राज्य के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास आयुक्त और प्राधिकरण के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने की। बोर्ड ने इस दौरान अटकी आवासीय परियोजनाओं (residential projects) पर अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर भी चर्चा की।

क्या है 'न्यू नोएडा' मास्टर प्लान 2041?

स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (School of Planning and Architecture) द्वारा तैयार किए गए नए नोएडा मास्टर प्लान के तहत 'न्यू नोएडा' में आवासीय, व्यावसायिक भूखंडों के अलावा विशेष औद्योगिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित किए जाएंगे। नए शहर में लॉजिस्टिक हब, इंटीग्रेटेड टाउनशिप और स्किल डेवलपमेंट सेंटर के साथ ही नॉलेज सेंटर एवं यूनिवर्सिटी के लिए जमीन उपलब्ध कराए जाएंगे। नोएडा अथॉरिटी बोर्ड  (Noida Authority Board) की मंजूरी के बाद अब जल्दी ही जमीन अधिग्रहण का काम शुरू हो जाएगा।

नोएडा अथॉरिटी ने इस साल न्यू नोएडा में जमीन अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट भी निर्धारित किया है। अथॉरिटी की योजना न्यू नोएडा के लिए गौतमबुद्धनगर के 20 गांवों और बुलंदशहर के 60 गांवों की कृषि भूमि अधिग्रहण की है।
Noida Authority के एक अधिकारी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि नोएडा में आगे के विकास के लिए शायद ही कोई जमीन बची है। हालांकि, बढ़ती जनसंख्या के कारण उद्योगों, वाणिज्यिक परियोजनाओं और अन्य विकास के लिए जमीन की मांग बढ़ रही है। इसलिए, अब DNGIR में विकास की योजना बनाई गई है जिसे 'न्यू नोएडा' के नाम से जाना जाएगा।

आधी जमीन पर विकसित होंगे उद्योग - 

न्यू नोएडा मास्टर प्लान (New Noida Master Plan) के अनुसार कुल चिह्नित जमीन में से 40 प्रतिशत जमीन पर उद्योग विकसित किए जाएंगे। करीब 13 प्रतिशत जमीन का इस्तेमाल आवासीय उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जबकि 18 प्रतिशत हरित बेल्ट और मनोरंजक उद्देश्यों के लिए रिजर्व रखा जाएगा।

इन अटके हुए प्रोजेक्ट पर किया जाएगा काम - 

नोएडा अथॉरिटी बोर्ड (Noida Authority Board) ने रुकी हुई परियोजनाओं पर अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर भी चर्चा की, जिसने करीब 2 लाख घर खरीदारों को राहत देने के लिए इन्हें पुनर्जीवित करने के उपायों का प्रस्ताव दिया है। अथॉरिटी के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में डेवलपर्स के बकाए पर रोक लगाने और ब्याज दरों को तर्कसंगत बनाने के समिति के सुझावों पर चर्चा की गई, लेकिन निर्णय पर पहुंचने से पहले और विचार-विमर्श होने की संभावना है।
 

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