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Ancestral land : पुश्तैनी जमीन में बंटवारे से पहले तैयार कर लें ये 8 डॉक्यूमेंट, वरना कुछ नहीं लगेगा हाथ

Rights in ancestral property - परदादा के पिता से मिली संपत्ति को पुश्तैनी संपत्ति कहते हैं। पुश्तैनी संपत्ति अगली 4 पीढ़ियों का अधिकार होता है। परदादा, दादा, पिता और फिर बेटे का अधिकार होता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को पुश्तैनी संपत्ति से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी नहीं होती है। जिसके कारण जब बात पुश्तैनी संपत्ति के बंटवारे की आती है तो परिवार के सदस्यों के साथ ही वाद-विवाद शुरू हो जाते हैं। ऐसे में आपको जानना बहुत जरूरी है कि पुश्तैनी जमीन में बंटवारे के समय कौन-कौन से डॉक्यूमेंट की आवश्कता पड़ती है। चलिए जानते हैं- 

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Ancestral land : पुश्तैनी जमीन में  बंटवारे से पहले तैयार कर लें ये 8 डॉक्यूमेंट, वरना कुछ नहीं लगेगा हाथ 

HR Breaking News (ब्यूरो)।  बिहार में वर्षों से एक कहावत प्रचलित है, “जमीन और जाल में बहुत उलझन होते हैं।” बुजुर्गों का कहना है कि शुरुआती दौर से ही उलझन पर उलझन बढ़ते चली गई। ऐसे में अब राज्य सरकार के द्वारा आपसी सहमति के आधार पर भूमि विवाद सुलझाने की प्रकिया शुरू कर दी गई है। इसे राज्य सरकार की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में इस प्रक्रिया के तहत भूमि विवाद के मामले को सुलझाने में सबसे अहम भूमिका आपसी बंटवारा के आधार पर तैयार होने वाले दस्तावेजों की है।

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आज हम आपको बिहार के बेगूसराय जिले के अंचल अधिकारी नंदन कुमार से मिली जानकारी के आधार पर आपसी बंटवारा के बारे में जानकारी दे रहे हैं। ताकि, जमीन विवाद का निपटारा आसानी से हो सके।

सप्ताह में तीन दिन होंगे भूमि सुधार के कार्य


बिहार सरकार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन संबंधी विवादों को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसीलिए अब राज्य में अगर किसी से परिवार में संपत्ति का बंटवारा करवाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 8 प्रकार के कागजातों की जरूरत पड़ेगी। बेगूसराय के अंचल अधिकारी नंदन कुमार के मुताबिक उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में सरकार के द्वारा एक नया गाइडलाइन जारी किया गया है।


इसमें राज्य में तीन दिन यानी मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को विशेष रूप से भूमि सुधार से जुड़े कार्य होंगे। ताकि, बेचने के समय रजिस्ट्री में उन्हें कोई दिक्कत ना हो। इस दौरान जिनके पास जो दस्तावेज नहीं है, अंचल कार्यालय के द्वारा प्रयास किया जाता है कि उन दस्तावेजों को दुरुस्त करवा दिया जाए।


आपसी बंटवारा में इन 8 कागजात की पड़ेगी जरूरत

1 लगान रसीद की छायाप्रति

–यह जिस मौजा की जमीन होती है, उस मौजा का राजस्व कर्मी जारी करता है। इसके लिए निर्धारितमालगुजारी सरकारी खजाना में जमा कराना होता है।

2 भूमि से संबंधित दस्तावेज ( केवाला, खतियान आदि)

–जिस जमीन का बंटवारा करना चाहते हैं, उस जमीन से संबंधित खरीदगी के कागजात को केवाला कहते हैं। यह रजिस्ट्री कार्यालय से जारी किया जाता है। दूसरी ओर, जमीन खरीदगी के बाद उसे राजस्व विभाग में दर्ज कराना होता है, जहां से खरीदार को एक वैध कागजात जारी किया जाता है। इसे ही खतियान कहते हैं।

3 वंशावली

–जिस व्यक्ति के नाम की जमीन है, उसके पुत्रों-पुत्रियों, पुत्रों के पुत्रों- पुत्रियों आदि को एक कागजात पर सिलसिलेवार तरीके से लिखना वंशावली कहलाता है।

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4 जमाबंदी रैयत का मृत्यु प्रमाण-पत्र
–राजस्व विभाग से जारी जमीन के वैध पत्र धारक को रैयत कहते हैं। अगर इनकी मौत मौत हो गई हो तो मृत्यु का प्रमाण-पत्र होना चाहिए।

5 100 रुपए के स्टांप पर बंटवारा शेड्यूल

–स्टांप पेपर रजिस्ट्री कार्यालय के वेंडर से मिल जाता है। जो 100 रुपए लिखा हुआ सदा कागज होता है। इसी पर जमीन का बंटवारा किया जाता है। जो विभिन्न प्रक्रियाओं के बाद वैध बंटवारा बन जाता है।

6 आधार कार्ड

7 सभी हिस्सेदारों की सहमति

8 SDM कार्यालय से जारी शपथ-पत्र
 

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