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Bank Loan Rules : लोन लेने वाले करोड़ों लोगों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, बैंकों के बांधे हाथ

Bank Loan : हर किसी को जीवन में कभी न कभी लोन की जरूरत पड़ी ही जाती है। आज लोन लेना काफी आसान भी हो गया है। लेकिन, इसका समय पर भुगतान करना बेहद जरूरी है। यदि सयम पर लोन नहीं चुका पाते हैं तो बैंक कर्ज की रकम वसूल करने के लिए एजेंट को को जिमा देते हैं। एजेंट लोन को वसूल करने के लिए कई हथकंडे अपनाते हैं और कर्जदार को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा हाईकोर्ट ने इस मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है आईये जानते हैं - 
 
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Bank Loan Rules : लोन लेने वाले करोड़ों लोगों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, बैंकों के बांधे हाथ

HR Breaking News - (Bank Loan Rules)। बैंक से लोन लेते समय हर कोई यही सोचता है कि समय पर किस्तों का भुगतान कर लोन को आसानी से चुकता कर देंगे। लेकिन आर्थिक तंगी या फिर किसी अन्य कारण वंश लोन (Loan News) को चुकता नहीं कर पाते हैं। इस परिस्थिति में कई बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

दरअसल, लोन वसूली के लिए बैंक एजेंट को यह काम सौंपते हैं। एजेंट कई तरीके अपनाकर लोनधारक से पैसे निकालने की कोशिश करते हैं। ऐसे में मानसिक परेशानी का तो सामना करना ही पड़ता है आर्थिक नुकसान भी होता है। लेकिन अब एजेंट अपनी मनमानी नहीं चला पाएंगे। क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं। 


बैंक से लोन (Loan Rule) लेने के बाद समय पर कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से एजेंट द्वारा अब कर्जधारक को कोई परेशान नहीं कर पाएगा। दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने अपने फैसले में कहा है कि लोन की वसूली के लिए बैंक कर्जधारक के साथ मनमानी नहीं कर सकते हैं। 


कोर्ट ने बैंकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि व्‍यक्ति के मूल अधिकारों (fundamental rights) की रक्षा करना कानून का काम है और लोन की वसूली करते समय इन सभी नियमों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। किसी भी व्‍यक्ति के मूल अधिकारों का अतिक्रमण न होने पाए।

अब बैंक जारी नहीं कर पाएंगे लुक आउट सर्कुलर 

हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट किया है कि यदि कर्जधारक पर पैसों की धोखधड़ी का मामला नहीं है तो केवल लोन की राशि वसूल करने के लिए बैंक किसी व्यक्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी नहीं कर सकते हैं। 


हाईकोर्ट (High Court News) ने अपने फैसले में याचिकाकर्ता कंपनी के पूर्व निदेशक के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर को भी रद्द कर दिया है। क्योंकि पूर्व निदेशक सिर्फ कंपनी द्वारा लिए गए कर्ज का गारंटर था, जिसके चलते लोन नहीं चुकाने पर बैंक ने निदेशक के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया गया। परंतु कर्ज चुकाने में असर्मथ तो कंपनी रही थी। 

विदेश जाने से नहीं रोक सकता बैंक - 

कोर्ट (court decision) ने कहा, किसी भी व्‍यक्ति को उसकी इच्‍छा के बिना विदेश जाने से रोकना उसके मूल अधिकारों का हनन करना है। जस्टिस सुब्रमण्‍यम प्रसाद ने अपने फैसले में कहा, लुक आउट सर्कुलर (Look Out Circular) का उपयोग बल प्रयोग के तौर पर नहीं किया जा सकता है। कोर्ट का कहना है कि आरोपी के खिलाफ न तो कोई केस है और न ही आरोप के खिलाफ पैसों की हेराफेरी का कोई आरोप लगाया गया है। 

बैंक ने पूरी तरह की मनमानी

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) ने मामले में पूरी तरह मनमानी करते हुए कंपनी और उसके पूर्व निदेशक के खिलाफ दिवालियापन सहित तमाम कानून के तहत कदम उठा लिए थे। कोर्ट ने इन सभी मामले को भी खारिज कर दिया और लुक आउट सर्कुलर को रद्द करते हुए आरोपी पूर्व निदेशक को विदेश जाने की इजाजत भी दे दी। 

जानिये क्या था पूरा मामला - 

आरोपी कंपनी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) से 69 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसका गारंटर कंपनी के पूर्व निदेशक को बनाया गया था। मामले में आरोपी कंपनी इस कर्ज का भुगतान नहीं कर पाई। जिसके बाद कंपनी के खिलाफ बैंक ने अपनी कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। बैंक ने गारंटर बने कंपनी के पूर्व निदेशक के खिलाफ भी लुक आउट सर्कुलर (Look Out Circular) जारी कर दिया।

लेकिन, पूर्व निदेशक पहले ही उस कंपनी को छोड़कर दूसरी जगह चले गए थे। ऐसे में पूर्व निदेशक ने कोर्ट (court latest news) का दरवाजा खटखटाया। कोई ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए संविधान के अनुच्‍छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि जब तक कोई आपराधिक मामला न बनता हो, केवल लोन वसूली के लिए बैंक किसी भी व्यक्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी नहीं कर सकते हैं।