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Car Tax : 11 लाख में पड़ती है 8 लाख वाली कार, समझिये टैक्स का खेल

Tax on Car : आजकल कार खरीदना काफी महंगा होता जा रहा है। अगर किसी लग्जरी या एसयूवी कार के बजाय सामान्य कार की बात भी करें ये काफी महंगी पड़ती हैं। इनके महंगा पड़ने का एक कारण यह भी होता है कि इनकी कीमत में काफी सारा खेल टैक्स का होता है। कई तरह के टैक्स की कैलकुलेशन (car tax calculation) को जोड़ा जाता है तो 8-9 लाख वाली कार भी 11 लाख तक में जाकर पड़ती है। आइये जानते हैं क्यों और कैसे होता है यह सब।

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Car Tax : 11 लाख में पड़ती है 8 लाख वाली कार, समझिये टैक्स का खेल

HR Breaking News - (Car Tax calculation)। आप जब भी किसी कार को सड़क पर फर्राटा भरते देखते हैं तो कार की कीमत का अंदाजा भी लगाने लगते हैं। आमतौर पर हर कार उसकी दिखने वाली असल कीमत  से ज्यादा में पड़ती है। अधिकतर लोग इस बात से अनजान होते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि शोरूम (car showroom price) से सड़क तक आते-आते कार लाखों रुपये महंगी हो जाती है। बता दें कि इसमें टैक्स (taxes on cars) का काफी बड़ा रोल है। 

 

इन कामों में लगता है एक्स्ट्रा पैसा-

 

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कारों पर लगने वाले कई तरह के टैक्स (car par lgne wale tax) इन्हें काफी महंगा बना देते हैं।  टैक्स के इस गणित को समझना जटिल हो सकता है, लेकिन इसे जानना बेहद जरूरी भी है। अक्सर लोगों को कंपनी की ओर से 8 लाख की बताई जाने वाली कार (car buying tips) कैसे 11 लाख तक की पड़ती है, यह बड़ा सवाल है। इतना एक्स्ट्रा पैसा आखिर क्यों किसी ग्राहक को चुकाना पड़ता है और कहां जाता है यह पैसा। मिडिल क्लास के लोगों के लिए तो इतना पैसा बहुत भारी रकम होती है। बता दें कि यह पैसा कार की खरीदारी करते समय लगने वाले जीएसटी, रोड टैक्स, सेस, इंश्योरेंस (car insurance rules) आदि के लिए अदा करना पड़ता है। इनके बारे में आमतौर पर लोगों को शोरूम जाकर ही पता चलता है। 

देना पड़ता है GST-

कार खरीदते समय लगने वाला GST कारों (GST on cars) को और महंगा बना देता है। लोगो को कार (auto news) सहित कई लग्जरी चीजों पर 28 प्रतिशत तक जीएसटी देना पड़ता है। जब भी कोई ग्राहक कार लेने जाता है तो उसे भी यह चुकाना पड़ता है। यही कारण है कि 8 लाख की गाड़ी के लिए 2,24,000 रुपये जीएसटी देने के बाद यह काफी महंगी यानी साढे़ दस लाख तक की हो जाती है। इसके बाद भी कई अन्य कर व खर्चे होते हैं जो कार की कीमत को 11 लाख तक पहुंचा देते हैं। 

CESS भी पड़ता है चुकाना-


GST (goods and service tax) देने के बाद ही ग्राहक का पीछा नहीं छूटता, बल्कि इसके बार किसी कार को घर ले जाने से पहले उसे 1 प्रतिशत सेस (CESS) भी देना पड़ेगा।  8 लाख वाली कार का यह 8000 रुपये बनता है। इस तरह से कार की कीमत बढ़ती जाती है। 

बीमे के लिए देनी पड़ती है इतनी राशि -

जीएसटी और सेस चुका देने के बाद गाड़ी का बीमा भी जरूरी होता है। इसके लिए करीब 45 हजार रुपये तक देने होते हैं। इस 45 हजार की राशि पर भी 18 प्रतिशत GST लगेगा जो 8100 रुपये होगा। इस तरह से केवल बीमा ही  लगभग 53000 रुपये (car total price calculation) तक का हो जाता है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपकी 8 लाख रुपये वाली कार की कीमत कितनी हो जाती है।

Road Tax का करना होगा भुगतान-

महंगी कार पड़ने की बात सिर्फ बीमा करा लेने पर ही खत्म नहीं होती। जब वाहन चालक इसे सड़कों पर चलाएगा तो वहां के लिए भी रोड टैक्स (road tax on car) लगेगा। इसे भी कीमत के साथ ही ले लिया जाता है। यह लगभग 52000 रुपये आपको गाड़ी लेते समय देना होगा।

यह बनती है कैलकुलेशन -

इन सभी टैक्स व बीमा आदि की राशि को जोड़ दिया जाए तो करीब साढ़े तीन लाख रुपये सिर्फ टैक्स (car tax calculation)में ही चले जाते हैं। इस तरह से 8 लाख वाली गाड़ी 11 लाख से भी ऊपर में पड़ती है। इस स्थिति को देखते हुए कार लेने से पहले खासकर मिडिल क्लास फैमिली वालों को अपने बजट का जरूर हिसाब लगा लेना चाहिए। क्योंकि गाड़ी की कुल कीमत का अधिकतर हिस्सा तो टैक्स (calculation of car tax) में ही चला जाता है। बिना सोचे कार खरीदने जैसा फैसला आपके बजट को पूरी तरह बिगाड़ भी सकता है। अपनी आय का आकलन कर लेना भी जरूरी है।

इस तरह से करें कैलकुलेशन -

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कार का बेसिक प्राइस - 8 लाख
GST- 2,24,000 (28प्रतिशत) 
CESS- 8000 (1प्रतिशत)
रोड टैक्स-52000
बीमा- 45000+18 प्रतिशत, इसमें GST 8100 यानी कुल राशि 53100

कुल टैक्स राशि - 3.40 लाख रुपये

इस तरह से कार का ऑन रोड प्राइस 11 लाख 40 हजार रुपये तक हो जाता है और आपको 8 लाख वाली कार साढे ग्यारह लाख (how to calculate car tax) से भी ऊपर की पड़ती है।