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Chanakya Niti : इन हरकतों की वजह से महिलाएं और पुरूष जल्दी होते हैं बूढ़े, जवानी बरकरार रखनी है तो न करें ये काम

jaldi budhapa kyon aata hai- एक जमाना था जब लोग 50 साल की उम्र में भी जवान रहते थे। लेकिन आज उसके विपरीत हो रहा है। आज की सदी में महिलाएं और पुरुष 45 साल की उम्र में बूढ़े हो जाते हैं। महान विद्वान आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने अपनी नीतिशास्त्र में महिला और पुरूष के बुढ़ापे को लेकर जिक्र किया है। आचार्य ने नीतियों में बताया है कि महिला और पुरुष किस वजह से समय से पहले ही बूढ़े हो जाते हैं। मनुष्य अपने जीवन में आचार्य चाणक्य की नीति (Chanakya Niti ) को अपनाकर तरक्की की सिढ़ियां चढ़ सकता है। ये नीतियां इंसान के जीवन को सरल और सुखमय बनाने के लिए काफी काफी सटीक है। चलिए नीचे खबर में जानते हैं- 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। Chanakya Niti- आचार्य चाणक्य देश में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध रहे हैं. इन्हें एक राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, समाजशास्त्री और अर्थशास्त्री के तौर पर जाना जाता है. इन्हें कई विषयों की समझ व जानकारी थी. अपने इस ज्ञान के बल पर उन्होंने एक साधारण से बालक को सम्राट बना दिया था. आज भी लोग आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) द्वारा लिखी गई चाणक्य नीतियों का पालन करते हैं. चाणक्य नीति में ऐसी बातों का जिक्र किया गया है जो कि व्यक्ति को सफल बनाने में सहायक साबित होती हैं. चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति की कुछ आदतें उसे समय से पहले ही बुजुर्ग कर देती हैं और ऐसे में इनसे दूरी बना लेने में ही फायदा है. आइए जानते हैं इन आदतों के बारे में.

 

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वहीं, आपको बता दें कि आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के चौथे अध्याय में कुछ ऐसी अहम बातों का उल्लेख किया है, जिन्हें आपको जरूर पढ़ना चाहिए. 17वें श्लोक में चाणक्य ने बुढ़ापे की कुछ वजहें बताई हैं. ये वजहें इंसान अपनी वजह से ही बनाता है. उन्होंने बताया है कि किस तरह से स्त्री-पुरुष अपने आपको लंबे समय तक जवान रख सकते हैं.

 


पहले जानिए चाणक्य नीति के चौथे अध्याय का 17वां श्लोक-

 

Chanakya Niti: हर रोज ये काम करने से पुरुष जल्दी हो जाते हैं बूढ़े

अध्वा जरा मनुष्याणां वाजिनां बंधनं जरा ।
अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणामातपं जरा ।।

क्या है इस श्लोक का अर्थ


चाणक्य नीति के चौथे अध्याय के 17वें श्लोक में लिखा है कि जो व्यक्ति हमेशा यात्रा करते हैं, वे बहुत जल्दी बुढ़ापे का शिकार हो जाते हैं। यात्रा की थकान और अव्यवस्थित खान-पान व्यक्ति के शरीर पर विपरीत असर डालता है।


स्त्रियों के बारे में आचार्य ने नीति शास्त्र (Chanakya Niti) में जो वर्णित किया है वो थोड़ा अटपटा है, लेकिन सत्य है। चाणक्य शास्त्र के अपुयसा, अगर पति अपनी पत्नी को शारीरिक सुख नहीं देता, तो वो असंतुष्ट रहती है और वह जल्द ही बूढ़ी हो जाती है। इसी तरह से मनुष्य के कपड़े धूप के कारण जल्दी फट जाते हैं अर्थात धूप उन्हें जल्दी बूढ़ा कर देती है।


घोड़ा स्वच्छंद विचरण करने वाला प्राणी हो जाता है। एक कहावत यह भी है कि घोड़ा कभी बूढ़ा नहीं होता। लेकिन यदि मनुष्य ने घोड़े को पालतू बना लिया है और उसे सदा बांध कर रखता है तो वो जल्द ही बूढ़ा हो जाता है। क्योंकि यह इसकी शारीरिक प्रकृति के प्रतिकूल है।


नीति शास्त्र (Chanakya ki Niti) में कुछ ऐसी चीजों के बारे में भी बताया है जिनका साथ इंसान को बुढ़ापे तक नहीं छोड़नी चाहिए। इससे व्यक्ति हमेशा खुश रहता है। आइए जानें आखिर कौन सी हैं वो चीजें...

अपनी आदतों से लोग होते हैं बूढ़े


आपको बता दें आचार्य चाणाक्य ने अपने नीति शास्त्र के चौथे अध्याय में कई अहम बातों का जिक्र किया है। जिसे हमें जानना बेहद जरूरी है। ऐसे ही उन्होंने अपने 17वें श्लोक में आचार्य ने बुढ़ापे को लेकर कई वजहें बताई है कि कैसे इंसान अपनी आदतों की वजह से जल्दी बुढ़ापन की शिकायत होने लगती है, इसे लेकर आचार्य ने कई विकल्प भी बताएं है कि किस तरह से स्त्री और पुरुष अपने आपको लंबे समय तक जवान रख सकेंगे।

पुरुषों के लिए


चाणक्य के श्लोक के अनुसार, इंसानों के लिए उनका पैदल न चलना उनके बुढ़ापे का करण हो सकता है, लेकिन आगे उन्होंने ये भी कहा कि ज्यादा चलना भी आपके जल्दी बूढ़े होने की वजह भी बन सकती है। इसके अलावा धूप में लंबे समय तक रहने पर भी ये शिकायत हो सकती है।

महिलाओं के लिए


वहीं, महिलाओं के लिए आचार्य चाणक्य ने कहा कि अपने महिला को हमेशा अपनी पत्नी धर्म निभाना चाहिए। पति किसी भी हाल में हो महिला को हर कदम में साथ दें।
 

दुनिया से कटकर रहना


अक्सर हम अपने आप को चार दीवारी में कैद कर लेते हैं जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है। अपना सोशल सर्किल बढ़ाने, लोगों को से मिलने जुलने से हमारा सामाजिक दायरा बढ़ जाता है और हम मानसिक और शारीरिक रूप से भी अच्छा महसूस करते हैं।

जिम्मेदारियों का बोझ


30 की उम्र आते आते हम खुद को जिम्मेदारियों में जकड़ लेते हैं और अपने शौक की तरफ कम ध्यान देते हैं। हमें जिन चीजों से खुशी मिलती है उन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अपनी प्राथमिकताओं में खुद को आगे रखें।

फिजूल खर्च करना

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पैसे सब कुछ नहीं होता लेकिन जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे बहुत जरूरी है। 30 की उम्र के बाद अपनी फाइनेंशियल कंडिशन के बारे में गंभीर होने की जरूरत है। पैसे बचाएं और अपने फ्यूचर को सिक्योर करें। इससे आपको जीवन भर का तनाव नहीं रहेगा।

लाइफ में कुछ नया ट्राई न करना


अपनी लाइफ में कुछ न कुछ नया ट्राई करते रहें। ये न सिर्फ आपको मानसिक शांति देगा बल्कि नई नई चीजें भी सीखने को मिलेंगी। आप नया करियर या जॉब ट्राई कर सकते हैं।

एक ही जॉब सालों तक करते रहना


इंसान को हमेशा कुछ न कुछ नया ट्राई करते रहना चाहिए। अक्सर लोग 30 के दशक तक एक ही जॉब करते करते परेशान रहने लगते हैं और तनाव की वजह से अपना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य खराब कर लेते हैं।

अनहेल्दी लाइफस्टाइल


30 की उम्र तक हम अपने तरीके से जिंदगी जीते हैं, लेकिन इसका असर हमारी एजिंग पर भी पड़ता है। 30 के बाद हमें अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है।

अनहेल्दी खानपान


अगर आप शराब के आदी हैं या स्मोकिंग करते तो आज से ही छोड़ने पर विचार करें। बहुत ज्यादा फास्ट फूड का सेवन करना भी एक बुरी आदत है। इन सभी को छोड़कर अपनी एजिंग को सुधाकर रखा जा सकता है।


 

इन बातों का जरूर रखें ध्यान- 


सबसे पहले अनुशासन 


अनुशासन से आत्मविश्वास का जन्म होता है। इससे हर काम टाइम से होता है। जो व्यक्ति अनुशासन में रहते हैं वे जीवनभर किसी पर निर्भर नहीं होते हैं। ऐसे लोगों को हर कदम पर सफलता हासिल होती है। व्यक्ति को अपने काम को सही समय पर करने की आदत होनी चाहिए। इससे जीवनभर परेशानी नहीं होती है।  इससे सेहत भी अच्छी रहती है।


धन जरूरी


चाणक्य नीति के अनुसार हमेशा धन का सदुपयोग करें। इससे आपको बुढ़ापे तक परेशानी नहीं होती। आपको बुढ़ापे में किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसा न करने वाला व्यक्ति हमेशा परेशान ही रहता है, इसलिए धन का सदुपयोग करें।


मदद करें


चाणक्य नीति के मुताबिक दूसरों की निस्वार्थ भावना से मदद करें। इससे आप जीवन में परेशान नहीं होते हैं। दान और दया को सबसे बड़ा धर्म है। इसलिए हमेशा जरूरतमंद लोगों की मदद करें। इससे आपका बुढ़ापा शांति से व्यतीत होता है।