Chanakya Niti: पति पत्नी रात को सिर्फ एक बार ही करें ये काम

HR Breaking News (ब्यूरो) : आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार ज्यादातर लोगों को सख्त और कठोर लगते हैं, लेकिन उनकी बातें जीवन का वास्तविक सत्य हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार, राजा एक ही बार आज्ञा देते हैं, पंडित एक ही बार बोलते हैं और कन्या भी एक ही बार विवाह के समय दान में दी जाती है.
सकृज्जल्पन्ति राजानः सकृज्जल्पन्ति पण्डिताः ।
सकृत कन्याः प्रदीयन्ते त्रीण्येतानि सकृत्सकृत् ।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सरकार एक ही बार आज्ञा देती है और उसका आदेश कानून का रूप ले लेता है.जिसपर प्रजा को हर हाल में पालन करना ही पड़ता है.
पंडित लोग भी किसी आयोजन में एक बार ही श्लोक बोलते हैं. इसी प्रकार कन्या का विवाह भी एक ही बार होता है और कन्या का दान भी पिता एक बार ही करता है.
आचार्य चाणक्य का कहना है कि ये ऐसे कार्य हैं, जो केवल एक बार ही होते हैं. इनको बार-बार नहीं दोहराया जाता. इनके संबंध में निश्चय बजलने से बात हल्की पड़ जाती है और उसका प्रभाव कम हो जाता है.इससे हानि होती है और समाज में अपयश प्राप्त होता है.