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Consumer Forum : घटिया सामान मिलने पर जानिए ग्राहक कैसे उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं केस

Consumer Forum : अगर आपको भी उपभोक्ता कभी घटिया सामान दे दे तो उसके लिए आप कैसे उपभोक्ता फोरम में केस कर सकते है। क्या आप ये जानते है। अगर आपका जवाब नहीं है तो आइए चलिए जानते है इस खबर में...

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Consumer Forum : घटिया सामान मिलने पर जानिए ग्राहक कैसे उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं केस

HR Breaking News, Digital Desk- वर्तमान उपभोक्तावाद के युग में लोगों में किसी भी जरूरी गैर जरूरी चीज को खरीदने की होड़ सी लगी हुई है. शायद इसी का फायदा कुछ विक्रेता और कम्पनियाँ उठा रहे हैं. ये लोग कई बार लोगों को घटिया क्वालिटी की चीजें बेच देते हैं, टूटे हुए उत्पाद बेच देते हैं, तय कीमत से अधिक कीमत वसूल लेते हैं और कई बार तो वस्तु की मात्रा भी कम दी जाती है.


इस तरह की चीटिंग आये दिन किसी न किसी उपभोक्ता के साथ होती ही रहती है. इसलिए सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986बनाया है.

हालांकि हमारे पास कुछ कानून हैं जो कुछ हद तक उपभोक्ताओं की रक्षा करते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:


1. भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872
2. वस्तुओं की बिक्री अधिनियम, 1936
3. खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006
4. वजन और माप अधिनियम, 1976
5. खतरनाक ड्रग्स एक्ट, 1952
6. कृषि उत्पाद अधिनियम, 1937
7. भारतीय मानक संस्थान (ISI)अधिनियम, 1952 आदि
लेकिन इन कानूनों में सिविल सूट दाखिल किया जाता है जो कि बहुत महंगा है और समय लेने वाला होता है और मामले के अंतिम निर्णय में वर्षों लगते हैं.
इसलिए निर्णय आने में देरी की समस्या के समाधान के लिए सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 बनाया जो कि कम समय में उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान उपलब्ध कराता है.


इस अधिनियम की विशेषता यह है कि इसमें केवल एक उपभोक्ता ही केस दायर कर सकता है. इसलिए अब यह प्रश्न उठता है कि उपभोक्ता किसे माना जाये?


उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 के अनुसार कौन कौन व्यक्ति उपभोक्ता है?


1. उपभोक्ता वह व्यक्ति है जिसने रुपये का भुगतान करके कुछ खरीदा हो.
2.एक व्यक्ति जिसने खुद कोई सामान खरीदा नहीं है, लेकिन खरीदार की अनुमति से सामान का उपयोग करता है; वह भी उपभोक्ता है.
3. जो व्यक्ति सामान को बेचने के उद्येश्य से खरीदता हो वह उपभोक्ता नही है.
4. स्व-रोजगार के लिए सामान खरीदने वाला व्यक्ति उपभोक्ता है.

 उपरोक्त लोगों के अलावा निम्न लोग भी उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं-


1. वह व्यक्ति जो कि वस्तु या सेवा का लाभार्थी हो
2.मृतक उपभोक्ताओं के कानूनी वारिस
3. उपभोक्ता के पति/पत्नी
4. उपभोक्ता के रिश्तेदार


क्या कोई उपभोक्ता खुद शिकायत दर्ज कर सकता है?


जी हाँ, इसके लिए उपभोक्ता को वकील करने की जरुरत नही है. उपभोक्ता स्वयं अपने केस दर्ज करा सकता है. यहां तक कि एक आम आदमी जिसने कानून की पढाई नही की है वह भी अपनी शिकायत स्वयं दर्ज करा सकता है.


उपभोक्ता शिकायत कैसे दर्ज करें-


औपचारिक रूप से एक उपभोक्ता का यह कर्तव्य है कि वह शिकायत दर्ज करने से पहले विपक्षी (विक्रेता या कम्पनी) को उसकी वस्तु या सेवा में कमी के बारे में एक नोटिस में माध्यम से मामले को अवगत कराये.

यदि विक्रेता या कम्पनी अपने उत्पाद या सेवा को ठीक करने के लिए तैयार हो जाता है तो मामला यहीं पर ख़त्म हो जाता है. परन्तु यदि नोटिस देने के बावजूद भी विक्रेता या कम्पनी उपभोक्ता की समस्या का समाधान नही करती है तो ऐसी स्थिति में उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है.
किसी भी केस को उसकी आर्थिक योग्यता की आधार पर इन तीन स्तरों (जिला मंच या राज्य आयोग या राष्ट्रीय आयोग) पर उठाया जा सकता है.