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DA Hike : सरकारी कर्मचारियों को एक बार फिर तगड़ा झटका, अबकी बार महंगाई भत्ते में नहीं होगी बढ़ोतरी

DA Hike : केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को अगले महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर तगड़ा झटका लग सकता है। दरअसल हाल ही में आए एक ताजा अपडेट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि अबकी बार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी नहीं होगी.. साथ ही आइए नीचे खबर में जान लेते है कि आखिर DA में संभावित कटौती होने के पीछे क्या-क्या कारण हो सकते हैं-

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DA Hike : सरकारी कर्मचारियों को एक बार फिर तगड़ा झटका, अबकी बार महंगाई भत्ते में नहीं होगी बढ़ोतरी

HR Breaking News, Digital Desk- (DA Hike News) केंद्र सरकार ने मार्च 2025 में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Alowance) में 2 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिससे यह 55 प्रतिशत हो गया। यह वृद्धि पिछले 78 महीनों में सबसे कम थी। हालांकि, 2025 के पहले तीन महीनों में महंगाई दर में गिरावट के कारण अनुमान है कि डीए में 2 प्रतिशत से भी कम इजाफा हो सकता है, या संभव है कि कोई वृद्धि न हो।

अगर ऐसा होता है तो जुलाई-दिसंबर 2025 अवधि के लिए अपने महंगाई भत्ते में बढ़िया बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे करोड़ो केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को निराशा होगी। बता दें कि सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में होने वाला यह आखिरी डीए रिवीजन होगा। 31 दिसंबर 2025 को यानी इसी साल के आखिर में सातवें वेतन आयोग अपने 10 साल पूरे कर रहा है।

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर DA में संभावित कटौती होने के पीछे क्या-क्या कारण हो सकते हैं। इसके साथ ही बताएंगे कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर इसके असर और कैलकुलेशन के तरीके के बारे में… लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि डीए यानी Dearness Allowance आखिर होता क्या है…

क्या होता है डियरनेस अलाउंस (DA)?
महंगाई भत्ता (डीए) एक जीवन-यापन समायोजन भत्ता है, जिसे केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों तथा पेंशनभोगियों को मुद्रास्फीति के प्रभाव से राहत देने के लिए दिया जाता है। इसे साल में दो बार, जनवरी और जून में रिवाइज किया जाता है। पहली बढ़ोतरी की घोषणा आमतौर पर मार्च में, जबकि दूसरी बढ़ोतरी की घोषणा अक्टूबर या नवंबर में की जाती है। यह भत्ता कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक होता है।

कैसे तय किया जाता है डीए: How is DA decided?

डीए रेट, Labour Bureau द्वारा जारी All India Consumer Price Index for Industrial Workers (AICPI-IW) के आधार पर तय किया जाता है। किसी भी छह महीने के लिए डीए बढ़ोतरी का फैसला पिछले छह महीनों के AICPI-IW डेटा का विश्लेषण करके किया जाता है।

2025 के पहले दो महीनों में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) में गिरावट देखी गई है, जो जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में वृद्धि को प्रभावित कर सकती है। AICPI-IW केंद्रीय कर्मचारियों की डीए बढ़ोतरी की गणना का एक महत्वपूर्ण मानक है। यदि अगले चार महीनों में यह गिरावट जारी रही, तो कर्मचारियों और सेवानिवृत्त व्यक्तियों को डेढ़ से दो प्रतिशत से कम या शून्य प्रतिशत डीए बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। 

AICPI-IW वह इंडेक्स है जिसके आधार पर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी तय की जाती है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत, श्रम ब्यूरो ने अपने पिछले महीने के आंकड़ों के आधार पर बताया कि फरवरी 2025 में AICPI-IW 0.4 अंक गिरकर 142.8 पर आ गया, जबकि जनवरी 2025 में यह 143.2 था।

फरवरी 2025 में साल-दर-साल मुद्रास्फीति घटकर 2.59% हो गई, जबकि फरवरी 2024 में यह 4.90% थी।

अब यह उम्मीद है कि देश में ओवरऑल मुद्रास्फीति की स्थिति को देखते हुए AICPI-IW में मार्च और अप्रैल में और गिरावट आ सकती है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल मार्च में गिरकर पांच साल के निचले स्तर 3.34% पर आ गई। फरवरी में यह 3.61% थी।

डीए कैलकुलेटर (DA Calculator): 7वां वेतन आयोग का फॉर्मूला कैसे काम करता है?
डीए वृद्धि की कैलकुलेशन (calculation) पहले आधार वर्ष 2001 के साथ AICPI के आधार पर की गई थी। बाद में सितंबर 2020 से डीए की गणना करने के लिए इसे बेस ईयर 2016 के साथ एक नए AICPI के साथ बदल दिया गया।

DA = (पिछले 12 महीनों के लिए CPI-IW का औसत (बेस 2016=100) x 2.88–261.4)*100/(261.4))

जहां AICPI पिछले 12 महीनों का औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) है।

261.4 सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) द्वारा निर्धारित आधार सूचकांक है।

अगर सूचकांक के आंकड़ों में सुधार नहीं हुआ, तो जुलाई 2025 में डीए संशोधन बहुत कम होगा, जिससे कर्मचारियों के वेतन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह पेंशनभोगियों (pensioners) के लिए भी चिंता का विषय है, क्योंकि डीए उनके मासिक भत्ते का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आर्थिक स्थिति गंभीर हो सकती है।