DA Merger : बड़ा अपडेट, केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में मर्ज होगा महंगाई भत्ता, 3.0 होगा फिटमेंट फैक्टर
DA Merger : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर. दरअसल, आठवां वेतन आयोग करोड़ों कर्मचारियों के लिए उम्मीद लेकर आ रहा है. यदि सरकार DA को बेसिक में मर्ज कर उचित फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो वेतन में बड़ा सकारात्मक बदलाव संभव है... आइए नीचे खबर में जान लेते है इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी-

HR Breaking News, Digital Desk- (8th Pay Commission Fitment Factor) मोदी सरकार ने जनवरी 2024 में घोषणा की कि सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होने के बाद आठवां वेतन आयोग गठित किया जाएगा. इस खबर ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स (pensioners) के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है. अब हर कोई जानना चाहता है कि अगले वेतन आयोग के अंतर्गत उनकी सैलरी (employees salary hike) कितनी बढ़ेगी.
अभी तक सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th pay commisison) के चेयरमैन और अन्य सदस्यों के नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन चर्चाएं जोरों पर हैं. इसके साथ ही चर्चा है कि फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) क्या होगा और यह भी कि क्या बेसिक पे में DA (महंगाई भत्ता) को मर्ज किया जाएगा या नहीं.
फिटमेंट फैक्टर लागू कैसे होता है?
अब बात करते हैं कि ये फिटमेंट फैक्टर होता क्या है. दरअसल, ये एक तरह का मल्टीप्लायर (multiplier) होता है, जिसके जरिए पुरानी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी (salary) तय की जाती है. ये फैक्टर DA यानी महंगाई भत्ते और मौजूदा आर्थिक हालातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है. इसका मकसद होता है कि सभी कर्मचारियों (employees) को एक समान और न्यायसंगत बढ़ोतरी मिले.
पिछले कुछ वेतन आयोगों की बात करें तो यही ट्रेंड देखने को मिला है कि सैलरी बढ़ाने से पहले महंगाई भत्ते यानी DA को बेसिक सैलरी (basic salary) में मर्ज कर लिया जाता है और उसके बाद उस कुल योग पर फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) लागू किया जाता है.
उदाहरण से समझिए-
उदाहरण के लिए, जब सातवां वेतन आयोग (7th pay commisison) 2016 में लागू हुआ था, उस समय कर्मचारियों को 125 फीसदी DA मिल रहा था. आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया था. यानी अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 10,000 थी, तो 125 फीसदी DA यानी 12,500 जोड़कर कुल बनता है 22,500. इस पर 14.22 प्रतिशत की वास्तविक बढ़ोतरी जोड़कर नई सैलरी 25,700 तय की गई. यानि फिटमेंट फैक्टर = 25,700 / 10,000 = 2.57 हुआ.
पिछले वेतन आयोगों में भी ऐसा ही पैटर्न देखने को मिला. 5वें वेतन आयोग (1996) के समय DA करीब 74 फीसदी था और फिटमेंट फैक्टर 1.86 रखा गया. 6ठे वेतन आयोग (2006) में DA करीब 115 फीसदी था और फिटमेंट बेनिफिट 1.86x रखा गया, जिसमें ग्रेड पे का कॉन्सेप्ट भी शामिल किया गया. वहीं 7वें वेतन आयोग (2016) में DA 125 फीसदी था और फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया.
फिटमेंट फैक्टर 3.0 रखा जाए-
यह स्पष्ट है कि प्रत्येक वेतन आयोग DA को बेसिक वेतन (basic salary) में समाहित करके एक पूर्ण सैलरी ढांचा तैयार करता है. इसके बाद उस पर एक निश्चित प्रतिशत की वृद्धि जोड़कर नई सैलरी निर्धारित की जाती है. इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि आठवां वेतन आयोग (8th pay commission) भी इसी फॉर्मूले का पालन करेगा, जिससे कर्मचारियों को वेतन में सुधार की संभावना है.
फिलहाल यह भी चर्चा में है कि जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए महंगाई दर में स्थिरता के चलते DA में मामूली बढ़ोतरी की संभावना है. कर्मचारी संगठन इस बार फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) 3.0 या उससे अधिक रखने की मांग कर रहे हैं, ताकि कर्मचारियों (employees) को वास्तविक वेतन वृद्धि का लाभ मिल सके. उन्होंने इस वृद्धि के लिए सकारात्मक संकेतों की आशा जताई है और सरकार से उचित निर्णय की अपेक्षा की है, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.
8वें वेतन आयोग से उम्मीद-
8वां वेतन आयोग करोड़ों कर्मचारियों के लिए उम्मीद लेकर आ रहा है. यदि सरकार DA को बेसिक में मर्ज कर उचित फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो वेतन में बड़ा सकारात्मक बदलाव संभव है. कर्मचारियों (employees update) की आशाएं हैं कि सरकार उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है.