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daughter property rights : शादी के कितने साल बाद तक पिता की प्रोपर्टी पर रहता है बेटी का अधिकार, ये है कानून

property rights : पिता की प्रोपर्टी को लेकर अक्सर यह सवाल बना रहता है कि  उसमें बेटी का कितना हक होता है। खासकर शादी के बाद उसका कितना हक रहता है, इस बात से अनेक बेटियां भी अनजान होती हैं। कानून में पिता की प्रोपर्टी पर बेटा बेटी के हक (Married Daughter's Property Rights) को लेकर विशेष प्रावधान किया गया है। इस कानूनी प्रावधान के अनुसार जानिये शादी के बाद पिता की प्रोपर्टी में बेटी को कितना हक होता है। 
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daughter property rights : शादी के कितने साल बाद तक पिता की प्रोपर्टी पर रहता है बेटी का अधिकार, ये है कानून

HR Breaking News - (property knowledge)। हर पिता बेटा बेटी को पढ़ाता लिखाता है और समान अवसर देते हुए उनका पालन पोषण करता है। उनकी शादी तक की भी जिम्मेदारी उठाता है, इसके बावजूद एक सवाल हमेशा उठता रहता है कि क्या पिता की प्रोपर्टी (property rights) में भी बेटी का इसी समानता के साथ अधिकार होता है? 


शादी के बाद पिता की प्रोपर्टी में बेटे का अधिकार तो सब देखते आए हैं पर बेटी की शादी के बाद पिता की प्रोपर्टी (property knowldege) में उसका कितना अधिकार रह जाता है, इस बारे में बहुत से लोग आज भी अनजान हैं। आइये जानते हैं इसे लेकर क्या है कानूनी प्रावधान-

शादी के बाद इतना होगा बेटी का हक- 


शादी के बाद एक बेटी का अपने पिता की प्रोपर्टी (property rights) में अपने भाई के बराबर ही हक होता है। शादी से पहले भी उतना ही हक बेटी का अपने पिता की प्रोपर्टी पर होता है। 


हिंदू उत्तराधिकार कानून 2005 (Hindu Succession Act 2005) में प्रावधान है कि अविवाहित  और विवाहित बेटियों को अपने पिता की प्रोपर्टी में बेटों के बराबर ही हक होगा। 1965 में बने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार बेटियों के प्रोपर्टी अधिकार (daughter's property rights) सिमित थे।

2005 में कानूनी रूप से मिला यह अधिकार-


पहले शादी से पहले बेटी को हिंदू अविभाजित परिवार (Hindu Undivided Family) की सदस्य माना जाता था, उसकी शादी होने के बाद यह सदस्यता नहीं रहती थी। 


ऐसे में शादी के बाद पिता की संपत्ति (property disputes) पर कोई अधिकार नहीं रह जाता था। साल 2005 में हिंदू उत्तराधिकार कानून में संशोधन के साथ ही बेटी को ताउम्र के लिए पिता की संपत्ति में अपने भाई के बराबर हमेशा के लिए हक (son's property rights) है। ऐसे में यह सवाल ही नहीं उठता कि शादी के कितने साल बाद तक बेटी का पिता की प्रॉपर्टी पर हक रहेगा।

पैतृक संपत्ति पर कितना हक-


कानूनी रूप से संपत्ति दो तरह की होती है, एक तो पैतृक संपत्ति (ancestral property rights) और दूसरी स्वअर्जित संपत्ति। पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही संपत्ति पैतृक संपत्ति होती है और खुद की कमाई से ली गई प्रोपर्टी स्वअर्जित संपत्ति (self acquired property rights) होती है। 


पैतृक संपत्ति पर बेटे और बेटियों का जन्मसिद्ध अधिकार होता है, लेकिन पिता की स्वअर्जित संपत्ति पर किसी का कोई अधिकार नहीं होता। 

स्वअर्जित संपत्ति पर अधिकार -


पिता की स्वअर्जित संपत्ति (self acquired property) में पिता की मर्जी होती है वह चाहे उसको वह प्रोपर्टी दे सकता है। पिता पूरी या कुछ हिस्सा चाहे तो बेटा बेटी को दे सकता है और चाहे तो वंचित भी कर सकता है। 


इस संपत्ति को पिता दोनों में बराबर भी बांट सकता है। बिना बंटवारे व वसीयत (property will) लिखे पिता की मौत हो जाती है तो इस तरह की संपत्ति पर बेटा और बेटी का समान हक (son daughter property rights) होता है।

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