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Delhi High Court ने पूछा- 20 रुपये की पानी की बोतल के लिए 100 रुपये क्यों वसूले जा रहे

Delhi HC Decision : आजकल वाटर बोटल्स की खरीद जमकर होने लगी है। लोग सफर बेसफर पानी की बंद बोतल खरीदकर अपनी प्यास बुझाते हैं। कई जगह पानी की इन बोतलों के लिए मनमर्जी की कीमत वसूली जा रही है। ऐसे  दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court news) ने भी सवाल करके जवाब तलब किया है कि 20 रुपये की पानी की बोतल के लिए 100 रुपये क्यों वसूले जा रहे हैं। आइये जानते हैं आखिर क्या है यह पूरा मामला

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Delhi High Court ने पूछा- 20 रुपये की पानी की बोतल के लिए 100 रुपये क्यों वसूले जा रहे

HR Breaking News : (Delhi News) आप पानी की बोतल खरीदकर पानी पीते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है। अन्य जगह की तरह कहीं पर आपसे भी पानी की बंद बोतल के कई गुना तक रेट वसूले जा सकते हैं। पानी की बोतल के अधिक रेट (extra charges on Foods) वसूले जाने के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट एसोसिएशन से पूछा है कि 20 रुपये की पानी की बोतल के 100 रुपये क्यों लिए जा रहे हैं। हाईकोर्ट (HC decision on extra food charges) का यह सवाल अब चर्चाओं में है, यह सवाल और इसका जवाब लाखों लोगों पर असर डालेगा। खबर में जानिये इस मामले से जुड़ी पूरी डिटेल-


इस याचिका पर हाईकोर्ट ने किया सवाल-


सेवा शुल्क के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (high court decision in food service charges) की एकल पीठ ने आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने अपील की थी। अब इसी अपील याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट एसोसिएशन (HC decision against restaurant association) से बड़ा सवाल किया है कि  20 रुपये की पानी की बोतल पर 100 रुपये क्यों लिए जा रहे हैं? कोर्ट ने पूछा है कि जब पहले ही ग्राहक से बोतल पर लिखा अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं तो अतिरिक्त सेवा शुल्क वसूले (additional service charges recovery case) जाने का क्या औचित्य है? हाईकोर्ट ने इस अतिरिक्त सेवा शुल्क को अनुचित बताते हुए तर्क दिया था कि उपभोक्ताओं को सेवा कर और जीएसटी पहले ही देना पड़ता है।

अब यह कहा है हाईकोर्ट ने-


अब हाईकोर्ट ने एकल पीठ के खिलाफ नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन आफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया (FHRAI) की अपील याचिका पर सुनवाई की है। इसमें हाईकोर्ट के 2 जजों की पीठ ने कहा कि रेस्टोरेंट ग्राहकों से विभिन्न सामानों पर वास्तविक कीमत यानी एमआरपी से अधिक शुल्क ले रहे हैं। खाद्य पदार्थ, माहौल और परोसना जैसे घटकों के नाम पर अधिक पैसे (Illegal recovery for food services) लिए जा रहे हैं।

रेस्टोरेंट एसोसिएशन से यह भी पूछा-


हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट एसोसिएशन से यह भी पूछा कि ग्राहक से सामान पर एमआरपी से ज्यादा रेट लेने के बाद रेस्टोरेंट सर्विस के लिए सेवा शुल्क (Service Charges for Restaurant Services) क्यों लिया जा रहा है?  रेस्टोरेंट की ओर से ग्राहक को खास माहौल प्रदान करने में  अतिरिक्त शुल्क वाली सेवाएं शामिल होनी चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) ने रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अधिवक्ता से सवाल किया कि रेस्टोरेंट की ओर से 20 रुपये की पानी की बोतल के लिए 100 रुपये वसूले जा रहे हैं तो अन्य सेवाओं के लिए अतिरिक्त पैसे क्यों लिए जा रहे हैं। बोतल  पर लिए गए अतिरिक्त 80 रुपये अन्य सेवाओं (Additional Services Fees Case) का ही तो शुल्क है। 

रेस्टोरेंट मेनू को लेकर कही यह बात-


दिल्ली हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट मेनू (HC decision on hotel menu) को लेकर भी सवाल किए। कोर्ट ने कहा कि रेस्टोरेंट संचालक मेनू में 20 रुपये की पानी की बोतल के लिए 100 रुपये तो लिख रहे हैं, उनको यह भी बताना चाहिए कि ये अतिरिक्त 80 रुपये रेस्टोरेंट (Restaurant Services charges) द्वारा प्रदान किए जा रहे अलग अनुभव व माहौल के लिए हैं। कोर्ट ने कहा कि  माहौल प्रदान करना रेस्टोरेंट संचालकों की सेवाओं का हिस्सा होगा। इसके लिए अतिरिक्त रुपये ग्राहक से नहीं लिए जा सकते।

एकल पीठ ने यह किया था क्लियर-


हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कुछ माह पहले इस तरह के अतिरिक्त सेवा शुल्क वसूलने को गलत बताया था और इसे ग्राहकों की जेब पर दोहरी मार बताया था। कोर्ट का तर्क था कि ग्राहक को पहले ही सामान व अन्य वस्तुओं पर सेवा कर सहित वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी (Goods and Services Taxes) भी चुकाना पड़ता है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि रेस्टोरेंट खाने के बिलों पर ग्राहकों से हिडन तरीके से सेवा शुल्क (Restaurant Hidden Fees Case) नहीं ले सकते, यह अनुचित व्यापार करने की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने माना कि यह शुल्क ग्राहकों से जबरदस्ती व गलत तरीके से वसूला जा रहा है। ऐसे में कोर्ट ने इसे गलत करार देते हुए आदेश (Delhi HC order on hotel Service Charges) जारी किए थे। इसी पर रेस्टोरेंट ऐसोसिएशन ने अपील याचिका लगाई थी।