DMRC News : दिल्ली मेट्रो का सफर होगा अब और भी आसान, लोगों को जल्द मिलेगी गोल्डन लाइन की सौगात
DMRC News :दिल्ली शहर में मेट्रो की भरमार है और यहां डीएमआरसी की ओर से मेट्रो के विस्तारीकरण को लेकर काम किया जाता है, लेकिन अब जल्द ही दिल्ली में रहने वाले लोगों को गोल्डन लाइन की सौगात मिलने वाली है, जिससे दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) का सफर अब आसान होने के साथ ही ओर भी सुविधाजनक हो सकेगा। आइए विस्तार से जानते हैं खबर में गोल्डन लाइन के बारे में।
HR Breaking News : (DMRC News) दिल्ली वालों के लिए सफर को आसान बनाने के लिए डीएमआरसी (DMRC News) की ओर से एक और उपलब्धि हासिल की गई है। अब यहां के लोगों को जल्द ही गोल्डन लाइन की सौगात मिलने वाली है। बड़ा अपडेट यह आया है इस गोल्ड लाइन के तैयार होती हीजल्द ही लोग इस लाइन में भी सफर कर पाएंगे और अपनी यात्रा को आसान बना सकेंगे।
हासिल की गोल्डन लाइन पर नई उपलब्धि
दरअसल, बता दें कि दिल्ली मेट्रो चरण (Delhi Metro Phase) 4 गोल्डन लाइन की ओर से दिल्ली मेट्रो फेज 4 का निर्माण किया जा रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) ने अपनी गोल्डन लाइन पर नई उपलब्धि हासल की है, ये नई गोल्डन लाइन तुगलकाबाद से एरोसिटी तक फैली हुई है।
डीएमआरसी ने मां आनंदमयी मार्ग और तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्टेशन के बीच 0.792 किलोमीटर लंबी सुरंग का कार्य कंप्लिट कर लिया है। इसके साथ ही 96 मीटर लंबी टीबीएम (tunnel boring machine) की हेल्प से सुरंग बनी है।
डीएमआरसी एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के हिस्से के रूप में इस खंड पर ऊपर और नीचे के आवागमन के लिए दो समानांतर गोलाकार सुरंगों बनाया जा रहा है और दूसरी समानांतर सुरंग पर जुलाई 2025 में सफलता मिलने मिल सकती है।
कैसे हुआ था नई सुरंग का निर्माण
बता दें कि नई सुरंग का निर्माण तकरीबन 18 मीटर की औसत गहराई पर किया गया है। इससे तकरीबन 566 रिंग लगाए गए हैं, जिनका इनर डीएमटीर 5.8 मीटर पर है। इस सुरंग का निर्माण अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड (Earth Pressure Balancing Method) की तकनीक का यूज करके किया गया है, जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग से बनी कंक्रीट लाइनिंग है। बता दें कि इन टनल रिंग को मुंडका में स्थापित पूरी तरह से मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में कास्ट किया गया था। अब कंक्रीट सेगमेंट को मजबूती देने के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम से ठीक किया गया था।
अब तक फिलहाल स्वीकृत चरण (accepted phase) 4 के कार्य के तहत 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों को बनाया जा रहा है। बता दें कि एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर में कुल 19.343 किलोमीटर भूमिगत खंड हैं।
किस तरीके से हो रहा मेट्रो सुरंग निर्माण
दिल्ली मेट्रो की भूमिगत सुरंगों (Delhi Metro underground tunnels) की जो खुदाई की जा रही है, वो टीबीएम मशीन का यूज करके की जा रही है। दरअसल, बता दें कि टीबीएम एक मशीन है, जिसका यूज मिट्टी और चट्टानी परतों के जरिए एक गोलाकार क्रॉस-सेक्शन वाली सुरंगों की खुदाई के लिए किया जाता है। इसका यूज चट्टान से लेकर रेत तक किसी भी चीज खोदने के लिए डिजाइन किया जा सकता है।
क्या है टीबीएम मशीन
बता दें कि टीबीएम (tbm) ने दुनिया भर में सुरंग बनाने के काम में उपलब्धि हासिल की है, जिससे इमारतों और अन्य सतही संरचनाओं को बिना नुकसान पहुंचाए सुरंग खोदना संभव हो पाया है। डीएमआरसी (डीएमआरसी) की ओर से सुरंग निर्माण कार्य के लिए चरण 1 से ही टीबीएम का यूज कर रही है। चरण 3 में, जब लगभग 50 किलोमीटर भूमिगत खंड का निर्माण (construction of underground section) किया गया था तो उस समय में राष्ट्रीय राजधानी में तकरीबन 30 टीबीएम तैनात की गई थीं।
किन लोगों को होगा सबसे ज्यादा फायदा
जैसे ही फेज-4 बनता है तो इससे दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) में कुल 65.20 किलोमीटर नई लाइनों (Delhi Metro New Line) का विस्तार हो जाएगा, जिनमें से 40 किलोमीटर से ज्यादा का पार्ट अंडरग्राउंड बनाया होगा। इसकी सबसे अहम कड़ी गोल्डन लाइन को मानी जा रही है। यह दिल्ली के दक्षिणी हिस्से को IGI एयरपोर्ट से सीधे तौर पर कनेक्ट करेगी। इसके साथ ही उन लोगों को जो हर रोज यात्रा करते हैं, उन्हें कई इंटरचेंज से छुटकारा मिल सकेगा।
