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Delhi News : ये है दिल्ली का सबसे पुराना ब्रिज, बनने की कहानी कर देगी हैरान

आज हम आपको अपनी इस खबर में दिल्ली के सबसे पुराना ब्रिज के बारे में बताने जा रहे है। इस ब्रिज की बनने की कहानी जान आप हैरान रह जाएंगे...
 
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Delhi News : ये है दिल्ली का सबसे पुराना ब्रिज, बनने की कहानी कर देगी हैरान

HR Breaking News, Digital Desk- Yamuna Bridge Delhi: दिल्ली में यमुना ब्रिज आपने देखा है? बता दें, ये पुल काफी साल पुराना है और करीबन 3500 टन का लोहा इसमें इस्तेमाल किया गया है। 16,16,335 पौंड की कीमत के साथ इस पुल को तैयार किया गया था।

 

​दिल्ली के सबसे पुराने Yamuna Bridge के बारे में कितना जानते हैं? बनने की कहानी कर न दे हैरान- ​
यमुना नदी उत्तर भारत की सबसे प्रमुख नदियों में से एक है, जो खास रूप से उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश राज्यों में बहती है। यमुना नदी को जमुना नदी के नाम से भी जानते हैं। दिल्ली में इसी नदी के ऊपर बना है लोहे का पुल यमुना ब्रिज। ये दिल्ली के सबसे पुराने पुलों में से एक है, जिसे अंग्रेजों के टाइम पर बनाया गया था। चलिए आपको इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताते हैं।

क्या रहेगा इतिहास- ​
इस पुल को दिल्ली से कोलकाता को जोड़ने के लिए तैयार किया गया था। अंग्रेजी हुकूमत ने ईस्ट इंडिया रेलवे द्वारा साल 1866 में 16,16,335 पौंड की कीमत के साथ इस पुल को तैयार किया गया था। इस समय एक पौंड की कीमत 90.13 रुपए है।

​क्या रहेगी खासियत-
इस पुल का डिजाइन यमुना नदी में आने वाली बाढ़ को ध्यान में रखकर किया गया है। उस समय खतरे का स्तर 672 फीट पहुंच गया था। इसमें आज कुल 11 पिलर हैं और इन सभी के फाउंडेशन अलग हैं। सबसे निचला बेस 615 फीट पर है।

कितनी रफ्तार से गुजरती है ये ट्रेन-​
पुरानी होने की वजह से इस पुल से ईएमयू 15 किमी प्रति घंटे हैं। मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें 20 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ती हैं और मालगाड़ी 10 किमी प्रति घंटे।

3500 टन का इस्तेमाल है लोहा- ​
इस पुल में कुल 3500 टन का लोहा है। हालांकि, साल साल 2011-12 में पुल को करीबन 240 टन में बदल दिया था। बता दें, अब तक 900 टन का लोहा बदल चुका है। काम जैसे ही पूरा होगा ट्रेन की रफ्तार थोड़ी तेज हो जाएगी।