Delhi-Yamuna Bridge: दिल्ली वालों के लिए आई बड़ी खुशखबरी! जल्द ही पूरा होने जा रहा यमुना पर नए पुल का इंतजार, इस दिन से होगा शुरू
Delhi Yamuna Bridge launch date: दिल्ली में नए यमुना पुल का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे है। आपको बता दें, इस पल का निर्माण 1997-98 में स्वीकृत और 2003 में शुरू हो गया था। लेकिन इतने सालों (delhi yamuna pul) के बाद भी यह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। दरअसल, बीते दो दशक से लोग इस पुल का इंतजार कर रहे। अब इसपर बड़ा अपडेट (delhi new yamuna bridge) सामने आया है। आइए खबर में विस्तार से जानते है कब पूरा होगा इसका निर्माण-
HR Breaking News, Digital Desk- लोहा पुल के पास बन रहे नए यमुना पुल का काम इस मॉनसून में भी पूरा नहीं हो पाएगा। दिल्ली में लगातार नए पुल की मांग हो रही। हालांकि, 1997-98 में स्वीकृत और 2003 में शुरू हुए नए पुल का अब तक पूरा नहीं हो सका है। यह पुल पिछले 2 दशकों से भी (delhi new yamuna bridge deadline) ज्यादा वक्त से बन रहा। 2023 में आई बाढ़ के दौरान यमुना का जलस्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया था। उस समय नया पुलिस नहीं होने की वजह से कई ट्रेनों को दूसरी लाइन पर डायवर्ट करना पड़ा था। बाढ़ की वजह से उस समय नए (delhi yamuna bridge deadline) पुल के निर्माण में देरी हुई थी। अधिकारियों का कहना है कि पुराने पुल का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है और बारिश के मौसम में निगरानी बढ़ा दी गई है।
इस महीने पूरा होगा नए पुल का काम
उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नए यमुना पुल का निर्माण कार्य अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि, गर्डर को ठीक करने में कुछ दिक्कतें आ रही थीं क्योंकि अलाइनमेंट सही नहीं बैठ (delhi yamuna bridge update) रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि काम अपने अंतिम चरण में है। पिछले साल रेलवे ने बताया था कि बाढ़ के कारण काम रोकना पड़ा था, जिससे निर्माण में देरी हुई है। यानी अगर जलस्तर फिर से बढ़ता है तो और देरी हो सकती है।
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इस मॉनसून भी नहीं मिलेगा नया पुल
दिल्ली में मॉनसून का मौसम जुलाई से सितंबर तक रहता है। इस दौरान सबसे ज्यादा बारिश होती है। पिछले साल आई बाढ़ के बाद, रेलवे अधिकारियों को उम्मीद थी कि इस साल के मॉनसून से पहले यह परियोजना (delhi yamuna bridge latest news) पूरी हो जाएगी। मौजूदा पुराना यमुना पुल, जिसे लोहा पुल भी कहा जाता है, दिल्ली-शाहदरा खंड पर स्थित है। इसका निर्माण 1867 में हुआ था। यह पुल अपनी उम्र पूरी कर चुका है। एक नया पुल बनाने की योजना को 1997-98 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन काम 2003 में शुरू हो पाया था।
लोहा पुल से ही गुजर रहा ट्रैफिक
मौजूदा लोहा पुल दो मंजिला है। इसके निचले तल से सड़क यातायात गुजरता है, जबकि ऊपरी तल से ट्रेनें गुजरती हैं। ट्रेनों के लिए गति सीमा निर्धारित है, जो सामान्य स्थिति में 30 किमी/घंटा और बाढ़ के दौरान 20 (delhi yamuna bridge launch date) किमी/घंटा होती है। एक अधिकारी ने बताया कि नया पुल तैयार हो जाने पर स्पीड लिमिट हटा दी जाएगी। लगभग एक किलोमीटर लंबे इस नए पुल से रेल यातायात गुजरेगा, जबकि सड़क यातायात पुराने पुल पर ही जारी रहेगा।
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पुल निर्माण में इसलिए हुई देरी
नए पुल के निर्माण में शुरुआत में देरी हुई क्योंकि यह सलीमगढ़ किले के करीब था, जो एक संरक्षित स्मारक है। इस कारण, किले की तरफ इसके अलाइनमेंट को बदलना पड़ा। परियोजना को पूरा करने के लिए किले के परिसर में कुछ जमीन की जरूरत थी। लेकिन 2007 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने रेलवे को दी गई अपनी अनुमति वापस ले ली, क्योंकि किले की दीवार के एक हिस्से को तोड़ने से संरक्षित स्मारक को अपूरणीय क्षति होगी।
2011 में, एएसआई (NHAI) की सलाह पर, रेलवे ने इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज से एक सांस्कृतिक प्रभाव आकलन अध्ययन कराया। इसके बाद किले के परिसर से बचने के लिए अलाइनमेंट को बदलने का फैसला किया गया। 2012 में, एएसआई ने संशोधित अलाइनमेंट के साथ काम को अंजाम देने के लिए रेलवे को नई अनुमति दी।