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driver se affair : अमीर मालकिन को ड्राइवर से मिली संतुष्टि, खुद ने बताई पूरी कहानी

driver se affair :  साथी की बेरूखी इतनी भारी पड़ती है कि आप चाहकर भी रिश्ता ठीक नहीं कर सकते। इससे कुछ ऐसा हो जाता है जो मैरिड लाइफ के लिए मुसीबत बन  जाता है। ऐसा ही कुछ एक महिला के साथ हुआ है, जो पति के कारण ही किसी दूसरे से अफेयर कर बैठी।

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driver se affair : अमीर मालकिन को ड्राइवर से मिली संतुष्टि, खुद ने बताई सारी कहानी

HR BREAKING NEWS (driver se affair)। आपको प्यार कहां और किससे हो जाएग ये पता नहीं है। आप भले ही ऐसी परिस्थितियों से घिरे हुए हों, जो आपको खुशियों को पाने से रोके, लेकिन किसी के प्यार में डूब जाना बहुत ही साफ और सौम्य एहसास होता है। ये आपको इतना प्रोत्साहित करता है कि आप जिससे प्यार करते हैं, उसके लिए कुछ भी कर जाने को तैयार हो जाते हैं। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है।

 

 

मेरी उम्र 24 साल है।  मेरी शादी को 3 साल हो गए है। मेरे पति का नाम सुशील है। इस शादी को लेकर मेरी बहुत उम्मीदें थी। ये एक अरेंज्ड मैरिज थी और इससे पहले मेरी सुशील से बहुत कम बात हुई थी। वह एक अच्छा और शर्मिला इंसान लगा, इस वजह से मैंने उससे किसी चीज को लेकर ज्यादा पूछताछ भी नहीं की। मैं उसके लिए एक परफेक्ट वाइफ बनना चाहती थी।

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सुहागरात जो हुआ मुझे वो मुझे अच्छा हनीं लगा। मैं  बिस्तर पर बैठी थी और उसका इंतजार करते हुए ये सोच रही थी कि अब आखिरकार हमें आपस में बात करने का और एक-दूसरे को समझने का मौका मिला है, तब मुझे सिर्फ निराशा हाथ लगी। वो कमरे में आया, मुस्कुराकर कुछ चीजें कहीं और थोड़ी देर बाद ही उसने रिश्ते बनाए।  हमने बिल्कुल भी बात नहीं की और फिर हम सो गए। मुझे लगा कि ये सब शादी की थकान के कारण हो सकता है। 

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पति की बेरुखी रही जारी 


मेरा ये सोचना गलत था क्योंकि इसके बाद भी हम दोनों में कभी अच्छे संबंध नहीं बन पए। सुशली हमेशा खुद में सिमटा हुआ सा रहा। हम भले ही नव-विवाहित थे, लेकिन फिर भी वह मेरे लिए बहुत कम समय निकालता था। मैंने दूसरे कपल्स को हनीमून पर जाते हुए देखा है, लेकिन मैं और रोशन इसकी जगह दिल्ली शिफ्ट हुए ताकि उसे काम पर जाने में आसानी हो। यहां पर हमारे पास एक बड़ा विला था और उसमें कुछ नौकर। वे सब बहुत प्यारे और नम्र थे। उन्होंने कभी भी मुझे घर से दूर होने का एहसास नहीं होने दिया पर रोशन के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता।

लेकिन मैं तो उसके प्यार के लिए तड़प रही थी, क्योंकि वो कभी इसे जाहिर ही नहीं करता था। वो हमेशा रूखा, सख्त और नाराज सा लगता था। अपनी पत्नी तक से वह भावनाएं जाहिर नहीं कर पाता था। उसके सहारे के बगैर मेरे लिए इस नई जिंदगी और शहर में अडजस्ट होना मुश्किल हो गया।

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उसने मेरी क्लास करवाई ज्वाइन


इन सब में कई महीने बीत गए, लेकिन सुशील नहीं बदला। इसकी जगह वह मेरी पसंद और व्यक्तित्व की आलोचना करने लगा। मुझे हर चीज पर टोका टाकी शुरू कर दी। ये सब मेरे लिए बहुत ही निराशाभरा होने लगा था। उसने तो मेरे एक्सेंट तक को घटिया बताया। इसके बाद उसने मुझे सख्ती के साथ ग्रूमिंग क्लासेस लेने को कहा ताकि मैं सोसायटी में अच्छे से ढलना सीख सकूं और ज्यादा आकर्षक लगूं। 

ये सब मेरे लिए एक बेइज्जती की तरह था, लेकिन अगर ये मुझे पति के करीब ला सकता था, तो मैं ऐसा करने को भी तैयार थी। उसने मेरे लिए सप्ताह में तीन बार जाने के लिए क्लासेस अरेंज कीं। 


पहली बार हुई उससे मुलाकात

इस दौरान पहली बार मेरी मुलाकात हमारे ड्राइवर से हुई। वो मुझे हर सप्ताह क्लास छोड़ने और लेने आता था। वह काफी विनम्र और दयालु स्वभाव का था। उसकी स्किन डार्क और बॉडी अच्छी थी। वह 25 की उम्र के आसपास होगा और उसका व्यवहार काफी मिलनसार था। शुरुआत से ही उसने मुझे कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया। 

क्लास जाने के दौरान हम कई चीजों पर बात करते थे, जो मेरे लिए दिन का सबसे अच्छा अनुभव होता था। मैं इंतजार करने लगी थी कि कब मैं उसके साथ क्लास जाया करूंगी। वो मुझे इतना सहज महसूस करवाता था कि मैं उसके सामने हंसने से भी नहीं शर्माती थी।


उसने जो कहा, मेरी नहीं रूकी हंसी

एक दिन मैंने सफेद सलवाह-कमीज पहनी और मुझे देखते ही वह खुश हो गया और कहा 'मैडम, आज आप सूरज की तरह चमक रही हो।' मैं ये सुनकर हंस दी और कार में बैठ गई। अंदर ही अंदर मैं बहुत खुश थी। आखिरकार कोई तो था जो मेरी तारीफ कर रहा था। मेरे पति ने नहीं बल्कि ड्राइवर ने मुझे ये एहसास करवाया कि मैं खूबसूरत हूं। और इसी दिन मुझे उससे प्यार हो गया।

मैं उसके साथ अकेले रहने के बहाने ढूंढने लगी। मैंने उसे कई बार साथ चाय पीने को बुलाया लेकिन वह मना कर देता। एक दिन वह माना, और हम बाहर कॉफी पीने गए। उस दौरान मैंने उसे बताया कि मैं तुम्हें प्यार करती हूं और तुम अच्छे लगते हो। वो ये सब देख कुछ नहीं बोल पाया। इसके बाद हम घर पर आ गए। देर रात उसका मेरे पास मैसेज आया और उसने भी अपनी फिलिंग्स मेरे को बताई। 

उस दिन पहली बार बने रिश्ते

अगले दिन वो हमारे घर आया। उस समय घर पर कोई नहीं था। मैं क्लास के लिए तैयार हो रही थी। मुझे उसकी आवाज सुनाई दी तो मैंने उसे अंदर आने को कहा। वो मेरे बैडरूम में आया, मैंने उसे जानबूझकर कहा की पीछे से मेरी ड्रेस ठीक कर दो , मेरा हाथ नहीं पहुंच पा रहा है। वो मेरी ड्रेस ठीक करने लगा। उसका हाथ मेरी बॉडी को टच कर रहा था। धीरे धीरे वो अपने हाथ को मेरी कमर पर ले आया और उसने मुझे किस किया। उस दिन पहली बार हम दोनों ने रिश्ते बनाए। इसके बाद मैं उसकी छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देने लगी, जैसे वह जब बोलता है, तो कैसे उसकी आंखों में कोमलता आ जाती है और हंसते समय आंखों के पास लकीरें बनती हैं। हर बीतते पल के साथ मैं मेरे लगाव और बढ़ने लगा। 

वह मुझे एहसास करवाता था कि मैं ऐसी शख्स हूं, जिससे प्यार व फिक्र किया जाना चाहिए और सबसे अहम ये कि मेरे साथ भी खुशी के साथ समय बिताया जा सकता है। अब हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। मुझे मेरे किए पर कोई पछतावा नहीं है।