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EMI bounce : लोन नहीं भरने के मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला, लोन नहीं चुका पाने वालों को बड़ी राहत

Loan EMI : बैंक से लोन लेने के बाद डिफॉल्ट होने के मामले काफी देखने को मिलते हैं। इसके बाद बैंकों की ओर से भी कार्रवाई पर कार्रवाई (bank action on loan default) की जाती है और लोन लेने वाले की परेशानियां बढ़ जाती हैं। अब लोन का भुगतान न कर पाने वालों को हाईकोर्ट (high court news) ने बड़ी राहत दी है। यह फैसला बैंक उपभोक्ताओं व लोनधारकों के लिए जानना बेहद जरूरी है।

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EMI bounce : लोन नहीं भरने के मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला, लोन नहीं चुका पाने वालों को बड़ी राहत

HR Breaking News - (high court decision)। लोन को चुकाना लोनधारक की जिम्मेदारी होती है, इसलिए लोन डिफॉल्ट होने पर लोनधारक की परेशानियां बढ़ जाती हैं। लोन न चुकाने का मतलब यह भी नहीं होता कि बैंक  (bank news) कुछ भी मनमानी पर उतर आएगा, ऐसा हाई कोर्ट के एक फैसले से स्पष्ट पता चल रहा है। इस फैसले में कोर्ट ने लोन न चुका पाने वालों के हक में अहम टिप्पणी भी की है। हाई कोर्ट का लोन डिफॉल्ट (loan default rules) पर आया यह फैसला सुर्खियों में है।

 


यह कहा है बॉम्बे हाई कोर्ट ने -

 


बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने कहा है कि  बैंकों (public sector banks) को कानूनी रूप से यह अधिकार कतई नहीं है कि लोन न भरने वालों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (lookout circular rules) जारी कर दें। कोर्ट के फैसले के बाद कई लोनधारकों को राहत मिली है। अगर सामान्य मामलों में बैंक एलओसी (LOC) यानी लुकआउट सर्कुलर जारी करेगा तो वे रद्द हो सकते हैं। 

लुकआउट सर्कुलर पर टिप्पणी- 


Bombay High Court की डिविजनल बेंच ने केंद्र सरकार (Central govt) के कार्यालय ज्ञापन की उस धारा को भी कानूनी रूप से गलत करार दिया है, जिसमें जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चेयरपर्सन को लोन न चुकाने वालों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (lookout circular new rules) जारी करने का अधिकार दिया गया  था।

केंद्र सरकार की ओर से इस आदेश पर कोर्ट से रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन बैंच ने इस बारे में साफ मना कर दिया। केंद्र सरकार की इस धारा को सही न मानने वाली कई याचिकाओं पर बॉम्बे हाईकोर्ट (bombay high court) ने अपना अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि आवर्जन ब्यूरो ऐसे लुकआउट सर्कुलर (LOC) पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

कोर्ट ने बैंकों को लगाई फटकार-


अदालत ने लोन डिफाल्ट के एक मामले में कहा है कि लोन न भर पाने पर बैंक खासकर उन मामलों में उपभोक्ता के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC new rules) जारी नहीं कर सकते, जिनमें विदेश यात्रा करने से रोका गया हो। यह किसी के मौलिक अधिकारों के हनन करने के समान है। यहां पर इस बात से भी अवगत करा दें कि केंद्र सरकार ने 2018 में कार्यालय ज्ञापन में संशोधन किया था, इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (bank news) को भारत के आर्थिक हित में एलओसी जारी करने का अधिकार दिया था। कोर्ट ने इस मामले में बैंकों को फटकार भी लगाई है।

सरकार की दलील को खारिज किया-


केंद्र सरकार के वकील की ओर से इस मामले में दलील दी गई थी कि सरकार के कार्यालय ज्ञापन की धारा के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का विदेश जाना देश के लिए आर्थिक रूप से  नुकसानदायक लगता हो तो उसे एलओसी (bombay HC decision on LOC) जारी कर रोका जा सकता है। इस दलील को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।