EPFO rule : हर महीने सैलरी कटता है PF तो आपको मिलेंगे 7 फायदे, कर्मचारी जान लें काम की बात
EPFO New rules : नौकरीपेशा लोगों को हर महीने वेतन तो मिलता ही है, इसके साथ ही अधिकतर कर्मचारियों का इस वेतन से पीएफ भी काटा जाता है। यह पीएफ EPFO की ओर से बनाए गए खाते में जमा होता है। इसी PF पर कर्मचारी को 7 फायदे (PF account benefits) मिलते हैं। अधिकतर कर्मचारी इनके बारे में अनजान होते हैं, आइये बताते हैं आपको इन फायदों के बारे में खबर में।

HR Breaking News - (PF account)। अगर आप किसी कंपनी में नौकरी करते हैं तो आपका ईपीएफ अकाउंट (EPF account)तो होगा ही। अधिकतर कर्मचारी इस खाते के सभी फायदों के बारे में नहीं जानते। अगर किसी कर्मचारी का पीएफ खाता है तो उसे 7 बड़े फायदे मिलते हैं, जो आर्थिक संकट में कर्मचारी व कर्मचारी के परिवार के लिए बड़ा सहारा बनते हैं। अगर आपका भी पीएफ खाता है तो इससे जुड़े नियम (EPFO rules) व फायदों के बारे में जरूर जान लें।
1. बुढ़ापे में मिलता है पेंशन का सहारा -
इंपलॉय प्रॉविडेंट फंड के तहत कर्मचारी का पैसा EPF (Employee Provident Fund) और EPS (Employee pension scheme) के रूप में जमा होता है। इपीएफ का पैसा सैलरी से 12 फीसदी कर्मचारी का कटता है और 12 फीसदी कंपनी देती है। पेंशन में कंपनी के योगदान का हिस्सा कटता है। पेंशन पाने के लिए 58 साल की उम्र और मिनिमम 10 साल की नौकरी जरूरी है। मिनिमम पेंशन की राशि इसमें 1,000 रुपये होती है।
2. नॉमिनेशन की सुविधा-
EPFO (Employees Provident Fund organisation) ने नोमिनेशन की सुविधा को जरूरी कर दिया है। ईपीएफ सदस्यों को नॉमिनेशन कराने के लिए समय समय पर अपडेट भी जारी किए जाते हैं। कर्मचारी अपने EPF अकाउंट में किसी को भी नॉमिनी चुन सकते हैं। इससे कर्मचारी की मौत के बाद नॉमिनी को पीएफ का पैसा मिलता है।
3. इस निवेश की भी है सुविधा -
EPFO की ओर से कर्मचारियों को EPF के अलावा VPF (Voluntary Provident Fund) में भी निवेश करने की सुविधा रहती है। कर्मचारी एक्स्ट्रा कॉन्ट्रिब्यूशन करना चाहे तो अपनी बेसिक सैलरी से VPF में निवेश कर सकता है।
4. नौकरी बदलने पर पीएफ राशि से जुड़ा नियम-
कर्मचारी की ओर से नौकरी बदले जाने पर पैसे निकालने के भी नियम तय किए गए हैं। EPF खाते से पैसे निकालने के कई नियम (EPFO new rules) बनाए गए हैं। नौकरी बदलते ही ईपीएफ अकाउंट से पैसा नहीं निकाला जा सकता। EPF का पैसा नौकरी बदलने या छोड़ने के दो महीनों बाद निकाल सकते हैं। इस स्थिति में पैसे ट्रांसफर (PF transfer rules) नई नौकरी हासिल करने के बाद हो सकेंगे।
5. आंशिक निकासी का प्रावधान -
ईपीएफ खाते से खाताधारक को आंशिक निकासी करने का भी विकल्प मिलता है। हालांकि इसके लिए अलग-अलग नियम हैं। खाते से जरूरत के समय पूरे पैसों के बजाय कुछ लिमिट (PF withdrawal rules) तक पैसे निकाले जा सकते हैं। कर्मचारी को भाई-बहनों की शादी, बच्चों की शादी और शिक्षा के लिए पैसों की निकासी कर सकते हैं।
ईपीएफ खाता 7 साल पुराना होने पर 50 फीसदी राशि की निकासी (how to withdrawal PF) की जा सकती है। इसके अलावा खुद के इलाव व परिवार के सदस्य के इलाज के लिए भी पैसे निकाल सकते हैं। होम लोन का पैसा चुकाना हो, घर बनवाने या खरीदने के लिए पैसों की जरूरत हो तो भी पैसों की निकासी की जा सकती है।
6. EPF पर मिलता है कंपाउंड इंटरेस्ट -
EPF सदस्यों को पीएफ खाते में जमा राशि पर हर साल कंपाउंड इंटरेस्ट (interest on PF) मिलता है। इस समय EPF पर 8.15 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज दिया जाता है। EPS के मामले में कर्मचारी को रिटर्न नहीं मिलता, इसमें कर्मचारी का जितना फंड (EPF rules) जमा होता है, उतना ही कर्मचारी को मिल जाता है।
7. EDLI का फायदा-
कई कंपनी अपने कर्मचारी को लाइफ इंश्योरेंस (insurance in PF) का फायदा भी देती हैं, अगर ऐसा नहीं है तो कर्मचारी के परिवार को ईपीएफ की EDLI (Employees Deposit Linked Insurance) स्कीम के तहत लाइफ कवरेज मिल सकता है। बेशक इसमें कवरेज कम है लेकिन यह फायदेमंद ही है। कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना सुरक्षा योजना में शामिल, जो कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को आर्थिक सहारा देती है।