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Farmers news : किसानों के फायदे के लिए सरकार ने की ये पहल, सांची डेयरी को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद आएगा अहम फैसला

sanchi dairy : हाल ही में सरकार की ओर से किसानों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मध्य प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ (एमपीएससीडीएफ) द्वारा संचालित सांची, भारत के सबसे प्रसिद्ध दूध ब्रांडों में से एक है। बता दें कि अमूल दूध ब्रांड (amul Milk) एमपी की फेमस सांची डेयरी के संभावित टेकओवर के लिए बातचीत कर रहा है। यह एक ऐसा ब्रांड है जो मध्य प्रदेश के घर घर में परिचित है और उतना ही पंसद किया जाता है। अब सवाल ये बठता है   इस पर क्या होने वाला है सरकार का फैसला...
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HR Breaking News, Digital Desk : भारत में शायद ही कोई ऐसा घर परिवार होगा जो नियमित रूपर से दूध का सेवन न करते हो। भारत के अलग-अलब राज्यों में अलग-अलग ब्रैंड के नाम से दूध की बिक्री होती है। घर-घर में फेमस अमूल (Amul Milk) एक और मशहूर डेयरी का टेकओवर करने का प्‍लान कर रही है। मध्य प्रदेश में मशहूर सांची डेयरी (Sanchi Dairy news) को अमूल की तरफ से टेकओवर करने की बातचीत चल रही है। 


सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार गुजरात की अमूल जैसा मॉडल सांची के लिए अपनाना चाहती है। हालांक‍ि अभी यह साफ नहीं हुआ है क‍ि अमूल सांची को आगे बढ़ाने में मदद करेगी या उसका टेकओवर कर लेगी। इस बारे में फैसला लोकसभा चुनाव (loksabha election 2024) के बाद ल‍िया जाएगा।

दुध उत्पादक करने वाले किसानों को फायदा 


एमपी सरकार (MP Government news) को उम्‍मीद है क‍ि इस कदम से राज्य के दुग्‍ध उत्पादक किसानों को फायदा होगा। पशुपालन और डेयरी विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने बताया, दुग्‍ध उत्पादक किसानों के फायदे के ल‍िए मध्य प्रदेश में अमूल की भूमिका पर सरकार जल्द फैसला लेगी। खबर के अनुसार इस साल जनवरी से पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) और अमूल के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है।

CM  ने सांची और अमूल की मीट‍िंग में हिस्सा लिया


इसी के संबंध में अधिकारियों की तरफ से बताया गया क‍ि अमूल सांची का टेकओवर (Amul Takeover of Sanchi) कर उसे अपने में म‍िलाना चाहता है। लेकिन, सरकार कर्नाटक जैसे हालात से बचना चाहती है। पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान अमूल और नंदिनी के बीच टकराव बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया था। इसी साल 10 जनवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अहमदाबाद में सांची और अमूल की एक मीट‍िंग में हिस्सा लिया था। इस मीट‍िंग का मकसद मध्य प्रदेश के दुग्‍ध उत्पादकों से दूध की खरीद करना और डेयरी किसानों के फायदों की रक्षा (Protecting the benefits of dairy farmers) करना था।

सांची को आगे बढ़ाने के लिए करार करना चाहती है सरकार


बता दें कि उज्जैन में मार्च में संपन्‍न हुए इन्वेस्टर्स सम‍िट में मध्य प्रदेश सरकार अमूल के साथ मिलकर सांची को आगे बढ़ाने के लिए करार करना चाहती थी। एक अधिकारी के अनुसार आखिरी समय तक कोशिश के बावजूद ऐसा नहीं हो सका। दरअसल, अमूल को इसमें क‍िसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं थी और एमपी सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं था जिससे अमूल को राजी किया जा सके। आपको बता दें सांची मध्य प्रदेश के सबसे मशहूर ब्रांड (Most famous milk brands of Madhya Pradesh) में से एक है। मध्य प्रदेश राज्य सहकारी संघ की तरफ से संचालित यह ब्रांड म‍िल्‍क प्रोडक्‍ट और मिठाइयों समेत कई तरह के प्रोडक्‍ट की ब‍िक्री करता है।


जल्द निर्णय लेगी एमपी सरकार


पशुपालन और डेयरी विभाग (Animal Husbandry and Dairy Department) के प्रधान सचिव गुलशन बामरा ने बताया कि दूध उत्पादक किसानों के लाभ के लिए मप्र में अमूल की भूमिका पर सरकार जल्द ही निर्णय लेगी। एमपी सरकार का मानना है कि यह राज्य के डेयरी किसानों के लिए फायदेमंद होगा। इस साल जनवरी से इस पर पशुपालन विभाग और अमूल के बीच कई दौर की चर्चा हो चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि अमूल, सांची ब्रांड को टेकओवर करना चाहता है। हालांकि, सरकार कर्नाटक जैसी अमूल बनाम नंदिनी लड़ाई से सावधान है, जो पिछले साल इसी समय के आसपास विधानसभा चुनावों के दौरान एक चर्चित राजनीतिक मुद्दा बन गया था।