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FASTAG का सिस्टम खत्म, 15 दिन में आएगी नई टोल नीति, अब इस तरीके से कटेगा टोल टैक्स

FASTAG - वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर. दरअसल आपको बता दें कि केंद्र सरकार नया टोल कलेक्शन सिस्टम ला रही है, जो मौजूदा FASTag प्रणाली की जगह लेगी. जिसके चलते अब इस तरीके से कटेगा टोल टैक्स... जारी इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-

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FASTAG का सिस्टम खत्म, 15 दिन में आएगी नई टोल नीति, अब इस तरीके से कटेगा टोल टैक्स

HR Breaking News, Digital Desk- केंद्र सरकार GPS-आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम ला रही है, जो मौजूदा FASTag प्रणाली की जगह लेगी. इस नई व्यवस्था में, टोल का भुगतान तय की गई दूरी के हिसाब से होगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने बताया कि यह नई टोल नीति 15 दिनों के भीतर घोषित की जाएगी और जल्द ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है. यह कदम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा उठाया जा रहा है.

GPS से टोल कलेक्शन-
भारत जल्द ही टोल कलेक्शन के लिए फास्टैग (fastag) को ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित प्रणाली से बदलेगा. 2016 में लागू फास्टैग (fastag) ने लेन-देन में तेजी लाई थी, लेकिन तकनीकी खराबी, लंबी कतारों और गड़बड़ियों के कारण इसमें सुधार की जरूरत थी. GNSS इस नई प्रणाली के साथ टोल कलेक्शन (toll collection) को अधिक कुशल और निर्बाध बनाने का लक्ष्य रखता है.

हाल ही में, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में पुष्टि की कि GNSS-आधारित सिस्टम अप्रैल के अंत तक शुरू हो जाएगा. कुछ देरी के बाद पहले इसे 1 अप्रैल को लॉन्च किए जाने की उम्मीद थी. अब केंद्र जल्द इसे शुरू करने की योजना बना रहा है.

GNSS-आधारित टोल सिस्टम कैसे काम करता है?
RFID-आधारित FASTag के विपरीत, एक नई टोल संग्रह प्रणाली GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) तकनीक का उपयोग करेगी. इसमें आपकी कार की विंडशील्ड पर टैग की आवश्यकता नहीं होगी. इसके बजाय, यह आपकी कार में स्थापित एक ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) या ट्रैकर के माध्यम से उपग्रहों का उपयोग करके वाहन की आवाजाही को ट्रैक करेगी. 

इससे आपके राजमार्ग उपयोग की सटीक निगरानी होगी और उसी के अनुसार आपसे शुल्क लिया जाएगा. और टोल शुल्क की गणना यात्रा की गई दूरी के आधार पर की जाएगी और लिंक किए गए डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) से स्वचालित रूप से काट ली जाएगी. नई टोल कलेक्शन सिस्टम से प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों बिलिंग विकल्पों का समर्थन करने की उम्मीद है.