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NCR के इस एक्सप्रेसवे पर अब नहीं चलेगा फास्टैग, इस तरीके से कटेगा टोल टैक्स

NCR - देश की राजधानी और एनसीआर अपनी विकासशीलता के लिए प्रसिद्ध हैं. अब, नया एक्सप्रेसवे एनसीआर की ट्रेफिक स्थिति में सुधार लाएगा. यह टोल वसूली के लिए देशभर में एक मॉडल तैयार करने का माध्यम बनेगा, जिससे यात्रा सुगम और तेज होगी... बता दें कि अब नए तरीके से कटेगा टोल-

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NCR के इस एक्सप्रेसवे पर अब नहीं चलेगा फास्टैग, इस तरीके से कटेगा टोल टैक्स

HR Breaking News, Digital Desk- एनसीआर का एक्‍सप्रेस वे टोल वसूली के मॉडल के लिए देशभर में मिसाल बनेगा. इसमें लागू तकनीक के तहत, वाहनों को टोल प्‍लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी. यह एक पायलट प्रोजेक्‍ट के रूप में विकसित हुआ है, जहां चलती गाड़ी से ऑटोमेटिक टोल कट जाएगा. यह नई प्रणाली सभी एक्‍सप्रेस वे और हाईवे में प्रभावी रूप से लागू की जाएगी, जिससे यात्रा के समय में कमी आएगी और यातायात सुगम होगा.

दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेस वे (Delhi-Meerut Express Way) देशभर के एक्‍सप्रेस वे और हाईवे के लिए मॉडल बनेगा. यहां पर एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन) तकनीक का इस्‍तेमाल किया जा रहा है. यहां टोल चुकाने के लिए एंट्री और एग्जिट प्‍वाइंट (Entry and exit points for paying toll) में कैमरे लगे हैं, वहां पर गाड़ी धीमी नहीं करनी पड़ेगी. स्‍पीड से चलने वाहन का कैमरे से नंबर प्‍लेट की फोटो ली जाएगा.

चूंकि नंबर प्‍लेट से फास्‍टैग लिंक (fastag link) है, इसलिए स्‍वत: टोल कट जाएगा. दिल्‍ली मेरठ एक्‍सप्रेसवे पर इसी तरह टोल वसूली का ट्रायल किया जा चुका है, जो सफल रहा है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) के अधिकारियों के अनुसार इसी तकनीक से सभी एक्‍सप्रेसवे और नेशनल हाईवे प टोल की वसूली की जाएगी.

समय बचाने के लिए बदली जा रही है तकनीक-

सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) ने घोषणा की है कि देश में टोल बैरियर्स को समाप्त किया जाएगा, जिससे वेटिंग टाइम (waiting time) में कमी आएगी. नई प्रणाली के तहत, चलती गाड़ी से टोल वसूली की जाएगी. इसके लिए जीपीएस तकनीक का उपयोग किया जाएगा. कुछ स्थानों पर टेंडर (tender) जारी किए गए हैं, जिससे देशभर में यह तकनीक लागू की जाएगी.

GPS आधारित टोल वसूली में परेशानी-

हाल ही में एक्‍सपर्ट कमेटी ने जीपीएस (GPS) अधारित टोल तकनीक पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे. इसके साथ ही अगर कभी जीपीएस में गड़बड़ी आ गयी तो परेशानी और बढ़ सकती है, इसलिए मंत्रालय ने जीपीएस आध‍ारित टोल मॉडल को रोक दिया है.