home page

Fitment factor hike : 2.86 फिटमेंट फैक्टर को हरी झंडी, सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन में होगी डबल से भी ज्यादा

8th Pay Commission Salary Hike : केंद्र सरकार अब जल्द ही कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग को लागू करने वाली है। इस वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में शानदार उछाल देखने को मिलेगा। इसके अलावा कर्मचारियों को मिलने वाले फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor hike) में भी शानदार बढ़ौतरी देखने को मिलेगी। हाल ही में सरकार ने 2.86 प्रतिशत फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी दे दी है। इसकी वजह से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन डबल से भी ज्यादा हो जाएगी। 

 | 
Fitment factor hike : 2.86 फिटमेंट फैक्टर को हरी झंडी, सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन में होगी डबल से भी ज्यादा

HR Breaking News - (8th pay commission update)। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हाल ही में एक बड़ा अपडेट आ रहा है। केंद्र सरकार अब जल्द ही कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th pay commission latest update) को लागू करने वाली है। केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह से 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। इस वेतन आयोग (pay revision) में सरकार कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर को आधार बनाएगी। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही कर्मचारियों के वेतन को संशोधित किया जाएगा। 


इतना फिटमेंट फैक्टर होगा लागू-


हाल ही में जारी रिपोर्ट्स के मुताबिक नए वेतन आयोग में सरकार 1.92 से लेकर 2.86 प्रतिशत की रेंज में फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor kya h) को आधार बनाएगी। अगर सरकार 2.86 फिटमेंट फैक्टर को लागू कर देती है तो इसकी वजह से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक कर दिया जाएगा। इसी फैक्टर के आधार पर मिनिमम पेंशन (Basic pension hike) मौजूदा 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये तक कर दिया जाएगा। 


7वां वेतन आयोग-


केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का गठन फरवरी 2014 में किया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को नवंबर 2016 में लागू किया गया था। इस  वेतन आयोग में कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी को बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से कर दिया गया। इस वेतन आयोग (7th CPC salary hike) में कर्मचारियों की अधिकतम मंथली सैलरी को 2,50,000 रुपये मंथली ग्रेड वेतन प्रणाली के स्थान पर नए वेतन मैट्रिक्स की सिफारिशों को पास कर दिया गया था। इस वेतन आयोग से कुल 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों को लाभ हुआ था। 


छठा वेतन आयोग-


केंद्र सरकार ने छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) का गठन अक्टूबर 2006 में किया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को मार्च 2008 में लागू किया गया था। छठे वेतन आयोग में वेतन बैंड और ग्रेड वेतन की शुरुआत की गई थी। इस वेतन आयोग में कर्मचारियों को बेसिक सैलरी (salary in 6th CPC) के रुप में 7,000 रुपये प्रति माह दिये जाती थी। इसके अलावा इस वेतन आयोग में कर्मचारियों की अधिकतम सैलरी 80,000 रुपये मंथली तय की गई थी। इस वेतन आयोग में लगभग 60 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ था।


5वां वेतन आयोग-


5वें वेतन आयोग का गठन अप्रैल 1994 में किया गया था, जिसके बाद इस वेतन आयोग को जनवरी 1997  में लागू किया गया था। इस वेतन आयोग (5th Pay Commission) में कर्मचारियों की मिनिममन सैलरी 2,550 रुपये तय की गई थी। इस वेतन आयोग में कर्मचारियों की अधिकतम सैलरी 26,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से तय की गई थी। इस वेतन आयोग (5th Pay Commission history) के तहत कुल 40 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ था।  वेतन आयोग में वेतनमान की संख्या कम करने का सुझाव दिया गया था। वेतन आयोग के तहत सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया था।


चौथा वेतन आयोग-


केंद्र सरकार ने चौथे वेतन आयोग (4th Pay Commission) को सितंबर 1983 में गठित किया गया था, इसके बाद इस वेतन आयोग को दिसंबर 1986 में लागू किया गया था। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी को 750 रुपये मंथली के हिसाब से तय किया गया था। अधिकतम सैलरी (4th pay commission salary) के बारे में बात करें तो इसे 8,000 रुपये मंथली के हिसाब से तय किया गया था। वेतन आयोग के लागू होने से लगभग 35 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ हुआ था। इस वेतन आयोग में विभिन्न पदों पर वेतन में असमानताओं को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। 


तीसरा वेतन आयोग-


केंद्र सरकार ने तीसरे वेतन आयोग (3rd CPC kab lagu hua tha) को अप्रैल 1970 में गठित किया गया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को मार्च 1973 में लागू किया गया था। इस वेतन आयोग में कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी को 185 रुपये मंथली के हिसाब से तय किया गया था। इसके अलावा अगर अधिकतम सैलरी (maximum salary in 3rd CPC) के बारे में बात करें तो ये 3,500 रुपये प्रति माह के हिसाब से तय की गई थी। इस वेतनन आयोग का लाभ लगभग 30 लाख कर्मचारियों को हुआ था। इस वेतन आयोग में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच वेतन समानता पर जोर दिया गया था।


दूसरा वेतन आयोग-


केंद्र सरकार ने दूसरा वेतन आयोग (2nd Pay Commission) को अगस्त 1957 में गठित किया गया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को अगस्त 1959 में लागू किया गया था। इस वेतन आयोग में अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन लागत के बीच संतुलन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था। वेतन आयोग (minimum salary in 2nd CPC) के तहत मिनिमम सैलरी - 80 रुपये और अधिकतम सैलरी - 3000 रुपये मंथली की सिफारिशें की गई थी। इस वेतन आयोग की वजह से लगभग 25 लाख कर्मचारी को लाभ हुआ था। 


पहला वेतन आयोग-


केंद्र सरकार ने  पहले वेतन आयोग (1st Pay Commission) का गठन स्वतंत्रता से भी पहले कर दिया था। इस वेतन आयोग का गठन मई 1946 में किया गया था। इसके बाद इस वेतन आयोग को मई 1947 में लागू किया गया था। इस वेतन आयोग के तहत भारत की स्वतंत्रता के बाद वेतन (maximum salary in 1st CPC) संरचना को युक्तिसंगत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इसके अलावा "जीवन निर्वाह मजदूरी" की अवधारणा को भी पेश किया गया था। इस वेतन आयोग में कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी - 55 रुपये मंथली और अधिकतम सैलरी -2,000 रुपये मंथली के हिसाब से तय की गई थी।

News Hub