gold Price Today : 1947 में केवल 88 रूपए में मिलता था 10 ग्राम सोना, इतने सालों में इस वजह से बढ़ गए हैं रेट
आज सोने के रेट आसमान पर पहुंच गए हैं , आज सोना 60000 का 10 ग्राम मिलता है पर क्या आप जानते हैं की आज़ादी के समय 1947 में यही सोना केवल 88 रूपए में ही 10 ग्राम सोना मिल जाता था | आइये जानते हैं इतने सालों में सोने के इतने दाम क्यों बढ़ गए हैं |
HR Breaking News, New Delhi : गोल्ड इम्पोर्ट के मामले में भारत पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर है। सिर्फ चीन ही ऐसा देश है जो जहां भारत से ज्यादा सोना खपता है। 2021 में हमने 797.3 टन सोने की खपत कर डाली। हमारे इम्पोर्ट्स में गोल्ड की हिस्सेदारी तगड़ी है। भारी मात्रा में आयात के चलते, तेल की तरह सोने की कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर हैं। सोने और महंगाई का चोली-दामन का साथ है मगर थोड़े अलग अर्थ में। जब महंगाई बढ़ती है तो सोना गिरता है। 1942 में जब दूसरा विश्व युद्ध और देश में 'भारत छोड़ो आंदोलन' चरम पर था, सोने का भाव 44 रुपये प्रति 10 ग्राम था। आजादी के वक्त, 1947 में सोने का भाव 88.62 रुपये हुआ करता था। स्वतंत्रता के बाद सोने की कीमत में सबसे बड़ी गिरावट आई 1964 में। उस वक्त 10 ग्राम सोना सिर्फ 63.25 रुपये में बिक रहा था। आज की तारीख में सोने का मूल्य कई सौ गुना बढ़कर 50 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से भी ज्यादा हो गया है।
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भारत में सोने की कीमतों का इतिहास जानिए
इंडियन पोस्ट गोल्ड कॉइन सर्विसिज के अनुसार, 1947 में सोने का भाव 88.62 रुपये था। उस वक्त दिल्ली से मुंबई तक की फ्लाइट का किराया 10 किलो सोने के रेट से ज्यादा था। महज 5 साल पहले, 1942 में सोने का भाव 44 रुपये प्रति 10 ग्राम हुआ करता था। आजादी के साथ ही सोने के दाम बढ़ने लगे। 1950 से 60 के दशक में सोने पर करीब 12% का रिटर्न मिला।
1970 में 10 ग्राम सोने का औसत मूल्य 184 तक पहुंच गया। 1980 में यह 1,330 रुपये हुआ और 1990 आते-आते 3,200 रुपये को पार कर गया। HDFC सिक्योरिटीज के अनुसार, 2000 से 2010 के बीच सोने का रेट 4,400 से बढ़कर 18,500 हो गया। अगले दशक में कीमतें दोगुने से भी ज्यादा हो गईं। 2021 में सोने का औसत भाव 48,720 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा।
कौन से फैक्टर्स डालते हैं सोने के रेट पर असर?
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सोने की डिमांड कितनी है, यह अहम फैक्टर है। भारत में शुभ मुहूर्त पर सोना खरीदने की परंपरा है। शादी, त्योहारों पर खूब सोना बिकता है। सोने की डिमांड जितनी ज्यादा होगा, कीमत भी उसी अनुपात में बढ़ती है।
ग्लोबल मार्केट्स में सोने का रेट ऊपर-नीचे होने का खूब असर पड़ता है। निवेश के लिहाज से सोने को सबसे भरोसेमंद विकल्प माना जाता है। पॉलिटिकल फैक्टर्स के अलावा सरकारी पॉलिसी का असर भी गोल्ड की कीमतों पर पड़ता है।
भारत में सबसे ज्यादा सोना कहां से आता है?
हम लगभग आधा सोना स्विट्जरलैंड से आयात करते हैं। 2021-22 में सोने के कुल आयात में 45.8% हिस्सा स्विट्जरलैंड का था। स्विट्जरलैंड सोने का सबसे बड़ा ट्रांजिट हब है। वहां की बेहतरीन रिफाइनरियों में तराशा गया सोना पूरी दुनिया में हाथोंहाथ बिकता है।
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