grandfather's property : दादा की प्रोपर्टी में पोते का कितना अधिकार, जानिये कानूनी प्रावधान
grandson's property rights : आज के समय में अक्सर प्रोपर्टी को लेकर विवाद सामने आते रहते हैं, जिनमें पति-पत्नी के विवाद, बहन-भाई के विवाद और दादा की प्रोपर्टी (property knowledge) पर पोते के हक के विवाद भी सामने आते रहते हैं। अधिकतर लोग इस बारे में अनजान होते हैं कि दादा की प्रोपर्टी पर पोते का कितना अधिकार होता है और इसके लिए कानून में क्या प्रावधान है। आइए जानते हैं इस बारे में खबर में।

HR Breaking News - (ब्यूरो)। पैतृक संपत्ति पर अधिकारों की जहां तक बात है, तो इसमें परिवार के सदस्यों के अधिकारों को लेकर कानून में भी कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। इस तरह की संपत्ति पर आमतौर पर पोते के हक को लेकर बहस और विवाद दिखाई देते हैं। पूर्वजों से मिली इस तरह की संपत्ति पर पोते के अधिकारों (property rights in law) को लेकर भी कानून में स्पष्ट रूप से व्याख्या की गई है, जिसका उल्लेख विभिन्न धाराओं के अंतर्गत किया गया है।
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कौन सी संपत्ति पर नहीं होता पोते का अधिकार -
वैसे तो आपको पता होगा की दादा की प्रोपर्टी पर पोता का भी हक होता है, लेकिन इस बात में भी एक मोड़ है कि अगर संपत्ति को दादा(dada ki property pr pote ka hak) ने खुद की कमाई से अर्जित किया है, तो उस पर केवल पोते का हक कहना गलत होगा क्योंकि दादा की द्वारा अपनी कमाई से अर्जित की गई संपत्ति (self-accrue property) को दादा किसी भी व्यक्ति को दे सकता है।
बिना वसीयत दादा का देहांत होने पर पोते का कितना हक -
किसी कारणवश अगर उस दादा का देहांत हो जाता है और वह उस संपत्ति की वसीयत नहीं कराता है, तो दादा की संपत्ति पर प्रथम वर्ग वाले उत्तराधिकारियों में बराबर बांटी (equally distribution of self earned property) जाएगी। आपको बता दें की प्रथम वर्ग के वारिस पत्नी, पुत्र और बेटी होते हैं। एक अहम बात अगर दादा का बेटा यानी पोते का पिता अगर जीवित है, तो इस स्थिति में पोते के पास दादा की संपत्ति पर हक पाने का कोई अधिकार नहीं है। यह पोते के पिता को पहले जाएगी।
दावा करने का कितना हक? -
पोते को परिवारिक सम्पत्ति पर अधिकार प्राप्त होता है और किसी प्रकार के विवाद की स्थिति में वह न्यायालय का रुख कर सकता है। यह अधिकार उसे उसी तरह मिलता है जैसे पहले के पीढ़ी के सदस्यों को उनके पूर्वजों (property rights in law) से मिलता था। वह संपत्ति का कानूनी हकदार होता है और इसे लेकर किसी भी प्रकार की समस्या या विवाद की स्थिति में उसे अधिकार है कि वह उचित समाधान के लिए अदालत में जाए।
क्या है पैतृक संपत्ति? -
जो संपत्ति पीढ़ी दर पीढ़ी एक परिवार में मिलती है, वह परिवार के सदस्य अपने पूर्वजों से प्राप्त करते हैं। यह संपत्ति दादा, पिता और पोते के बीच एक जंजीर के रूप में चलती है। इसके संबंध में नियम अलग होते हैं, जो अपनी मेहनत से कमाई गई संपत्ति (grandson property rights) से भिन्न होते हैं। परिवार के सदस्यों को यह संपत्ति विरासत में मिलती है और इसे लेकर कानून विशेष रूप से निर्धारित होते हैं। आमतौर पर दादा-परदादाओं से विरासत में मिली इसी संपत्ति को पैतृक संपत्ति (ancestral property) कहा जाता है।
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क्या मददगार होगा वकील का साथ -
अगर किसी को परिवारिक संपत्ति पर अधिकार हासिल करना है, तो यह जरूरी है कि वह पेशेवर कानूनी सलाह ले। वकील की मदद से न केवल संपत्ति (grandson property rights) के विवाद से बच सकते हैं, बल्कि अदालत की प्रक्रिया की जटिलताओं को भी समझ सकते हैं। कानूनी विशेषज्ञता से सही मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे किसी भी कानूनी उलझन में फंसने से बचा जा सकता है और न्याय पाने का रास्ता सरल हो सकता है। इसके अलावा आपको प्रोपर्टी से जुड़े कानूनी अधिकारों के बारे में भी जान लेना जरूरी होता है, क्योंकि लोगों को किसी प्रोपर्टी को लेकर अपने कानूनी अधिकारों (legal rights on property) के बारे में जानकारी न होने पर भी विवाद बढ़ते हैं।