CIBIL Score : खराब सिबिल स्कोर वालों को अब लोन के अलावा एक और मुसीबत का करना पड़ेगा सामना

HR Breaking News (ब्यूरो)। हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे जानकर खराब सिबिल स्कोर वाले लोगों की चिंता और बढ़ सकती है। पहले तो लोन मिलने में दिक्कतें आती थीं, अब एक और सिबिल स्कोर कम होने पर एक और समस्या का सामना करना पड़ेगा।
यह समस्या (cibil score kaharb kaise hota hai) केवल आर्थिक तंगी में फंसे लोगों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका असर हर उस व्यक्ति पर पड़ेगा जिसकी सिबिल स्कोर कम है। इसलिए सिबिल स्कोर को हमेशा ठीक रखें व इसे मेंटेन रखने के लिए लापरवाही न बरतें।
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इन पर पड़ेगा कम सिबिल स्कोर का असर -
अब नौकरी के लिए केवल शिक्षा और कौशल ही महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि क्रेडिट स्कोर भी एक अहम कारक बन चुका है। सरकारी बैंकों ने यह नियम लागू किया है कि अच्छे क्रेडिट स्कोर (credit card kaise sudhare) वाले उम्मीदवारों को ही नौकरी मिलेगी। पहले क्रेडिट स्कोर का इस्तेमाल लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए होता था, लेकिन अब यह नौकरी (nokari ke liye cibil score) पाने के लिए भी आवश्यक हो गया है। अगर किसी का क्रेडिट स्कोर खराब है, तो उसे नौकरी मिलने में दिक्कत हो सकती है।
हो जाएगा आवेदन खारिज-
बैंकों का मानना है कि जिनकी वित्तीय स्थिति मजबूत है, वह दूसरों की बेहतर तरीके से सहायता कर सकते हैं। इसके चलते उन्होंने उम्मीदवारों के लिए एक मानक तय किया है, जिससे खराब क्रेडिट स्कोर (credit score update news) वालों के नौकरी के लिए किए गए आवेदन सीधे खारिज हो जाते हैं।
भर्ती नीतियों में भी किया बदलाव -
बैंकों के लिए कर्मचारियों का चयन करने वाली संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (IBPS) (Institute of Banking Personal Selection) ने अपनी भर्ती नीतियों में कुछ बदलाव किए हैं। अब बैंकों को ऐसे उम्मीदवारों की तलाश है जिनका वित्तीय हिस्ट्री (credit history) मजबूत हो और उनकी क्रेडिट रेटिंग एक विशेष मानक के अनुरूप हो।
यह बदलाव बैंकिंग क्षेत्र में बेहतर और विश्वसनीय कर्मचारियों की भर्ती सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। इससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और गुणवत्ता की उम्मीद की जा रही है।
क्रेडिट स्कोर का इतना होना जरूरी -
बैंकों की ओर से भर्ती प्रक्रिया में क्रेडिट स्कोर की भूमिका को जोड़ने के लिए तर्क दिया गया है कि बैंक के पास बेहद संवेदनशील फाइनेंशियल जानकारी होती है, जिसे ठीक से हैंडल करने के लिए उन व्यक्तियों की जरुरत होती है, जिनकी वित्तीय स्थिति और ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा हो।अगर आवेदन करने वाले व्यक्तियाें का क्रेडिट स्कोर 650 से कम (cibil score for job) है, तो ऐसे व्यक्तियों को प्रोबेशनरी ऑफिसर और क्लर्क पद के याेग्य नहीं माना जा सकता।
फॉरेन के बैंकों ने की नकल -
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भारतीय बैंकों के साथ-साथ बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी कर्मचारियों की भर्ती में एक नया मानक अपनाया है। अब, इन कंपनियों में नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों का वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड महत्वपूर्ण हो गया है। कुछ प्रमुख संस्थान जैसे सिटीबैंक,(Citibank) ड्यूश बैंक (Deutsche Bank), टी-सिस्टम (T-System) है, जो पहले केवल बैंकों के लिए ही यह प्रक्रिया अपनाते थे, अब नौकरी देने से पहले उम्मीदवारों की वित्तीय स्थिति की जांच करते हैं। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिल रही है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसा बना रहे।