कैथल की एक फर्म की महिला समेत 5 पार्टनरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, 2018 में खरीदी थी करोड़ों की जीरी

हरियाणा। हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा निवासी एक आढ़ती से लाखों रुपए की ठगी के मामले में आखिरकार जिला पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ही लिया है। पीड़ित आढ़ती ने आरोपियों पर कार्रवाई करवाने के लिए भरसक प्रयास किए। इसके लिए उसने गृहमंत्री, डीजीपी, एडीजीपी क्राइम हरियाणा से गुहार लगाई। इसके बाद आढ़ती की शिकायत पर मतलौडा थाना में आईपीसी की धारा 406 व 506 के तहत कैथल की एक फर्म की महिला समेत पांच नामजद आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।पुलिस मामले की आगामी जांच कर रही है। आरोपियों ने आढ़ती से 2.65 करोड़ की जीरी खरीदी थी। जिसमें उसकी बकाया राशि 49 लाख रुपए करीब तीन साल बीत जाने के बाद भी नहीं दी गई।
पांच आरोपियों में महिला भी शामिल
पुलिस को दी शिकायत में मंगत राम ने बताया कि उसकी मतलौडा मंडी में गोपास दास मैसर्ज नाम से आढ़त की दुकान है। वह कमीशन एजेंट का काम करता है। कैथल के शेरगढ़ रोड स्थित लेखराज एंड सन्ज कंपनी के पांच पार्टनर अशोक कुमार मिगलानी निवासी जींद रोड कैथल, सुरेंद्र कुमार मिगलानी, अरुण कुमार, सिद्धार्थ व सुरेंद्र की पत्नी पूनम मिगलानी है। इन्होंने साल 2017-2018 में उसकी दुकान से जीरी खरीदी थी। जिसकी कुल कीमत 2 करोड़ 65 लाख 30 हजार 363 रुपए बनी थी। इस पेमेंट में से उन्होंने 1 करोड़ 51 लाख 12 हजार 168 रुपए दे दिए थे। शेष 1 करोड़ 22 लाख 93 हजार 995 रुपए की राशि रह गई। जिस पर उस समय का ब्याज 12 लाख 14 हजार 274 रुपए बन गए। 31 मार्च 2019 तक कुल 1 करोड़ 35 लाख 8 हजार 269 रुपए उक्त फर्म पर बकाया थी। जिसमें से उन्होंने केवल 86 लाख 13 हजार 264 रुपए ही दिए। उक्त फर्म पर 31 मार्च 2020 को कुल 48 लाख 95 हजार 5 रुपए बकाया रह गई।
पंचायती तौर पर भी समझाया, मगर नहीं दिए रुपए
मंगत राम ने बताया कि आरोपी उक्त राशि देने के बारे में पहले तो आज, कल पर कह कर टालता रहा। वे आश्वासन देते रहे कि बकाया रकम अगले सीजन में पूरी दे देंगे। इसके पश्चात भी कई बार आपस में पंचायती तौर पर भी समझाया गया, मगर कोई हल न निकल पाया। सितंबर 2020 में मंगतराम उनके पास रुपए लेने गया तो उन्होंने अपने मकान-कार्यालय पर हथियारों से लैस कई शरारती तत्व बैठाए हुए थे। जिन्होंने उसे देखते ही धमकी दी। उन्होंने कहा कि दोबारा अगर यहां रुपए लेने आया तो जान से मार देंगे। इस डर के कारण उसने वहां जाना छोड़ दिया। आरोपियों से फोन पर बातचीत करनी चाही, उन्होंने उसकी कॉल रिसीव करनी बंद कर दी। परेशान होकर ही उसने पुलिस को मामले की शिकायत दी।