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Haryana News प्याज की नई किस्म – कम समय में पककर होगी तैयार, उत्पादन 100 से 125 क्विंटल प्रति एकड़

HR Breaking News उत्तर भारत के राज्यों के किसानों को इस वर्ष प्याज की नई गुलाबी रंग की प्रजाति एनएचओ-920 मिलने की उम्मीद है। करनाल (Karnal) के सलारू गांव स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) की ओर से विकसित की गई इस प्रजाति की विशेषता है कि यह 80 से 85 दिन में
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Haryana News प्याज की नई किस्म – कम समय में पककर होगी तैयार, उत्पादन 100 से 125 क्विंटल प्रति एकड़

HR Breaking News उत्तर भारत के राज्यों के किसानों को इस वर्ष प्याज की नई गुलाबी रंग की प्रजाति एनएचओ-920 मिलने की उम्मीद है। करनाल (Karnal) के सलारू गांव स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) की ओर से विकसित की गई इस प्रजाति की विशेषता है कि यह 80 से 85 दिन में पककर तैयार हो जाती है। कम अवधि की किस्म होने से मार्च के अंतिम (Haryana News) सप्ताह में इसकी हारवेस्टिंग होगी और उपभोक्ताओं की प्याज की जरूरत पूरी करेगी। जबकि अन्य किस्में पकने में 100 से 120 दिन लगते हैं।

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पिछले कई वर्ष तक इस प्रजाति को विकसित करने के लिए अनुसंधान चला है। नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट एंड जेनेटिक रिसोर्स की ओर से यह किस्म पिछले वर्ष चिन्हित की गई। (Haryana News) आने वाले समय में रिलीज होने पर इसका बीज किसानों को मुहैया करवाया जाएगा।

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नई किस्म का औसत उत्पादन 100 से 125 क्विंटल प्रति एकड़ होगा। यह रबी मौसम की किस्म है। (Haryana News) इसकी नर्सरी के लिए बिजाई नवंबर के पहले सप्ताह में की जाएगी। 50 से 60 दिन की तैयार पौध की जनवरी की शुरूआत में रोपाई की जाती है।

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भंडारण की क्षमता अधिक होने से कम होता है नुकसान
गुलाबी रंग की नई किस्म एनएचओ-920 सलाद के रूप में खाने में बहुत स्वादिष्ट है। सब्जी भी अच्छी बनेगी। इसे हरी प्याज के रूप में भी बेचा जा सकता है। इस किस्म में भंडारण की (Haryana News) क्षमता अधिक होने से नुकसान कम होता है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए यह किस्म उपयुक्त रहेगी।

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इसके अलावा महाराष्ट्र में इस प्रजाति का परीक्षण करेंगे। फसल पकने पर सभी पौधे एक साथ जमीन पर गिर जाते हैं और प्याज हारवेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है। (Haryana News) एनएचआरडीएफ की ओर से अब तक प्याज की 14 किस्में व लहसुन की नौ किस्में विकसित की जा चुकी हैं।

– डॉ. आरबी सिंह, सहायक निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, करनाल