3 साल से डिब्बे पैक रही ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन मशीन का शुभारंभ आज

HR BREAKING NEWS, HISAR Dengue से बुरी तरह प्रभावित मरीजों के इलाज में कारगर साबित platelets को निकलवाने के लिए अटेंडेंट को अब प्राइवेट लैब या अस्पताल में जाने की जरूरत नहीं है। बुधवार को रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल (civil hospital) में DC यशेन्द्र सिंह करेंगे ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन मशीन (blood component separation machine) का शुभारंभ। इसके बाद यहां आसानी से platelets निकलवाई जा सकती है।
वर्ष 2019 में बड़ी संख्या में dengue के केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सरकार को ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन मशीन (blood component separation machine) की डिमांड भेजी थी। कुछ माह बाद यानि 3 साल पहले ही यह मशीन रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल (civil hospital) में पहुंच भी गई, लेकिन उसके बाद से ही एक डिब्बे में पैक होकर ही रखी रही। इसकी सबसे बड़ी वजह इस मशीन को चालने के लिए मिलने वाला लाईसैंस नहीं मिल पाया था। इस बार dengue के केस काफी ज्यादा सामने आए है, जिसकी वजह से मरीजों के अटेंडेंट प्राइवेट लैब या अस्पताल में platelets निकलवाने के लिए जेब कटवाने को मजबूर हुए। आज से इस मशीन की शुरुआत होगी। उसके बाद रेवाड़ी के (civil hospital) में ही प्लेटलेट्स निकलवाई जा सकेगी।
dengue की बीमारी में platelets डाउन होने की वजह से मरीजों की जान भी चली जाती है। इसलिए किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर से platelets, प्लाजा, आरडीपी, पीबीसी के घटक अलग कर लिए जाते हैं। उसके बाद मरीज को platelets चढ़ाई जाती है। कंपोनेंट सेप्रेशन मशीन (blood component separation machine) के शुरू होने से एक यूनिट रक्त से 3 मरीजों को अलग-अलग कंपोनेंट्स दे सकेंगे। कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट में रक्त में से प्लाज्मा, आरबीसी, platelets को अलग कर जरूरतमंद मरीजों को दिया जा सकेगा।
इसका फायदा थेलेसीमिया, स्वाईन फ्लू आदि बीमारी के मरीजों को भी होगा क्योंकि इन मरीजों को संपूर्ण रक्त की जरूरत न होकर कंपोनेंट चाहिए होते हैं। ऐसे मरीजों को सिर्फ रक्त से कम हुए उस कंपोनेंट को देकर पूर्ति कर सकते हैं। platelets निकलवाने के लिए रेवाड़ी में अभी तक मरीज प्राइवेट लैब या फिर अस्पतालों पर ही निर्भर थे, जिसकी एवेज में 10 से 15 हजार रुपए तक वसूले जाते थे। BPL कार्ड धारक व अस्पताल में भर्ती मरीजों को अब नागरिक अस्पताल (civil hospital) में इस मशीन की मदद से मुफ्त platelets निकालकर दी जाएंगी। वहीं बाहर से आने वाले लोगों को सरकार द्वारा निर्धारित फीस चुकानी होगी।