उग्राहां ग्रुप ने बुलाई महापंचायत, बोले- MSP पर कानून बनने पर ही करेंगे वापसी

HR BREAKING NEWS. किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया। 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के Farm laws की वापसी के ऐलान के बाद से ही किसानों के जत्थे लगातार tikri border और singhu border पर पहुंच रहे हैं। Farm laws की वापसी की प्रक्रिया भले ही शुरू हो गई, लेकिन MSP समेत दूसरी मांगों को लेकर किसान शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।
गुरुवार की रात से शुक्रवार की सुबह तक हजारों की संख्या में और भी किसान tikri border पर पहुंचे हैं। किसान अपने साथ राशन-पानी सब लेकर आए हैं। tikri border के पास सेक्टर-13 में 7 एकड़ क्षेत्र में किसान महापंचायत शुरू हो गई है। किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां महापंचायत में पहुंच गए हैं।
Bharatiya Kisan Union Ekta (उग्राहां) की तरफ से सेक्टर-13 में यह महापंचायत आयोजित की जा रही है। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के तमाम नेताओं को बुलाया गया है। BKU एकता (उग्राहा) के कार्यकारी प्रधान जसविंदर सिंह ने बताया कि पिछले दो दिन में 20 हजार से ज्यादा किसान tikri border पर पहुंच चुके हैं। इसके अलावा singhu border पर भी काफी किसान पहुंचे हैं।
उग्राहां ने कहा कि किसान की मांग पर जवाब अभी नहीं आया है। संयुक्त मोर्चा के पत्र का जवाब आ जाएगा तो किसान घर चले जाएंगे। MSP समेत दूसरी मांगों पर भी फैसला होना अभी बाकी। यह पंचायत किसानों की जीत का जश्न मनाने के लिए है। संघर्ष का एलान करने के लिए महापंचायत की है और जब तक मुक्कमल मांग पूरी नहीं होगी घर वापसी नहीं होगी। घर वापस जाने का मन करता है, लेकिन अभी सरकार के जवाब का इंतजार है।
उन्होंने बताया कि महापंचायत में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा के साथ ही एक साल की तमाम गतिविधियों पर किसान नेता अपने विचार रखेंगे। इधर tikri border पर भी सुबह से ही चहल-पहल बढ़ गई है।
इस महापंचायत को लेकर पंजाब से बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। किसानों के दिल में एक तरफ कृषि कानूनों की वापसी की खुशी है, तो दूसरी तरफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले साथी किसानों की मौत का गम भी नजर आ रहा है। वहीं, tikri border पर पंचायत के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई है। पैरामिलिट्री के जवानों की तादाद भी अधिक हुई है। tikri border पर 6 फुट का रास्ता दोपहिया वाहनों के लिए खुला है।
इससे साफ है कि किसानों ने आंदोलन को खत्म करने की बजाय आगे भी जारी रखने की रणनीति बनाई है। 50 से ज्यादा ट्रैक्टरों में पंजाब से किसान सिर्फ खाद्य सामग्री ही लेकर पहुंचे हैं। किसान नेता पहले ही कह चुके हैं कि MSP की गारंटी कानूनी और अन्य मांगों को मनवाने तक आंदोलन जारी रहेगा।