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High Court Order : पत्नी ने दफ्तर में सीनियर्स से की पति की शिकायत, कोर्ट ने सुना दिया बड़ा फैसला ​​​​​​​

High court order : कोर्ट में आए दिन पति-पत्नी के केस आते रहते है। लेकिन कोर्ट में एक ऐसा केस भी आया है जिससे आप सुनकर थोड़े हैरान हो सकते है। दरअसल एक पत्नी ने दफ्तर में सीनियर्स से अपने पति की शिकायत कर दी... इस पर जानिए नीचे खबर में कोर्ट की ओर से फैसले को। 

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High Court Order : पत्नी ने दफ्तर में सीनियर्स से की पति की शिकायत, कोर्ट ने सुना दिया बड़ा फैसला

HR Breaking News, Digital Desk- हाई कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी-पत्नी का अपने पति और सास-ससुर के खिलाफ निराधार, अशोभनीय और मानहानिकारक आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करने का आचरण यह दर्शाता है कि उसने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए कि पति और उसके माता-पिता को जेल में डाल दिया जाए।

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अगर कोई पत्नी अपने पति की शिकायत उसके दफ्तर में सीनियर्स से करती हो, उसके करियर और प्रतिष्ठा को नष्ट करने पर तुली हो, तो यह मानसिक क्रूरता होगी और पति तलाक का हकदार होगा।


हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रितु बाहरी और न्यायमूर्ति अशोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने 2002 से अलग रह रही अपनी पत्नी को तलाक की मंजूरी दी। याचिका भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एक जवान की ओर से दायर की गई थी। हाई कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी-पत्नी का अपने पति और सास-ससुर के खिलाफ निराधार, अशोभनीय और मानहानिकारक आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करने का आचरण यह दर्शाता है कि उसने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए कि पति और उसके माता-पिता को जेल में डाल दिया जाए। पति को नौकरी से हटा दिया जाए। हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रतिवादी पत्नी के इस आचरण से अपीलकर्ता-पति को मानसिक प्रताड़ना हुई है।

1998 में की थी लव मैरेज-


दोनों की शादी 1998 में हुई थी। पति वायुसेना के अधिकारी थे और यह लव-कम-अरेंज मैरिज थी। 1999 में दोनों को एक बेटा हुआ। यह कपल 2002 तक साथ रहा। पति के अनुसार, उसने अप्रैल 2002 में उसे छोड़ दिया और तब से वह ससुराल नहीं लौटी, जबकि पति उसे हमेशा पत्नी और बेटे को प्यार करता रहा।


2006 में साथ रहने की बनी थी सहमति-


इससे पहले, उन्होंने 2006 में तलाक की याचिका दायर की थी, लेकिन वह पति के साथ रहने के लिए सहमत हो गई और तलाक की याचिका वापस ले ली गई। तलाक की अर्जी वापस लेने के बावजूद, पत्नी ने भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के समक्ष उनके खिलाफ की गई किसी भी शिकायत को वापस नहीं लिया।

रोहतक की अदालत ने खारिज की थी याचिका-


पति ने इसे मानसिक क्रूरता बताते हुए तलाक की याचिका दायर की। लेकिन उसे जिला अदालत रोहतक ने खारिज कर दिया था। हालांकि, पत्नी ने आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई और दावा किया कि उसका पति उसके साथ नौकरानी जैसा व्यवहार करता है और हमेशा उसके चरित्र पर संदेह करता है।