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House Rent Rules : किराए पर प्रोपर्टी लेते वक्त कर लें ये 3 काम, बाद में नहीं होगी दिक्कत

House Renting Tips : किराए पर प्रॉपर्टी लेते वक्त कुछ खास बातें होती हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आप इन 3 कामों को सही से कर लेते हैं, तो बाद में कोई परेशानी नहीं होगी। कभी-कभी जल्दबाजी में किए गए फैसले बाद में भारी पड़ सकते हैं। इन सावधानियों (house rent tips) को अपनाकर आप न सिर्फ अपनी मेहनत को बचा सकते हैं, बल्कि एक सुरक्षित और आरामदायक जगह पा सकते हैं। 

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House Rent Rules : किराए पर प्रोपर्टी लेते वक्त कर लें ये 3 काम, बाद में नहीं होगी दिक्कत

HR Breaking News - (rules for tenant)। नौकरी व कारोबार की बेहतर संभावनाओं के कारण अक्सर लोगों को नए शहरों में जाना पड़ता है। नए स्थान पर घर ढूंढना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब अच्छा और सुविधाजनक घर चाहिए होता है। इस प्रक्रिया में बहुत सावधानी (rental rules for property) बरतनी पड़ती है, ताकि सही घर मिल सके। इसके साथ ही दूसरे शहरों में किराए पर घर लेते समय कुछ खास बातों को भी ध्यान में रखते हुए ये काम जरूर कर लें ताकि भविष्य में किसी भी तरह के झंझट से बच सकें।

1. रेंट एग्रीमेंट बनवाना है जरूरी -

आजकल कई शहरों में घर किराए पर लेने से पहले रेंट एग्रीमेंट (rent agreement rules) के रूप में कानूनी दस्तावेज बनवाना जरूरी हो गया है। हालांकि कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर बिना किसी आधिकारिक अनुबंध के घर ले लेते हैं। इससे भविष्य में समस्याएं आ सकती हैं। 
आमतौर पर, यह अनुबंध एक साल से कम यानी की 11 माह की अवधि (rent ageement time limit) के लिए तैयार किया जाता है, जिससे दोनों पक्षों को सुरक्षा और स्पष्टता मिलती है। इस प्रक्रिया से किसी भी प्रकार की विवाद की संभावना कम होती है और सही कानूनी मार्गदर्शन मिलता है।

2. एडवांस रेंट का समझ लें मतलब -

आजकल एडवांस रेंट का ट्रेंड है। हर मकान मालिक (landlord property rights) किरायेदार से एडवांस रेंट की मांग करता है। वह ऐसा इसलिए करता है ताकि उसे किराये व घर को लेकर कोई चिंता न रहे, इससे व निश्चिंत भी हो जाता है, क्योंकि पहले ही वह एडवांस रेंट ले चुका होता है। इसे सुरक्षा राशि भी कहा जाता है।


 जब घर किराए पर लिया जाता है, तो सुरक्षा राशि देने की जरूरत होती है। कई बार मकान मालिक अधिक रकम मांगते हैं, जो किराएदार (tenant's property rights) के लिए मुश्किल हो सकती है। कंट्रोल एक्ट कानून (control act law) के अनुसार, मकान मालिक अधिकतम दो महीने का किराया ही सुरक्षा राशि के रूप में ले सकते हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सुरक्षा राशि की सही मात्रा पहले से तय हो, ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो।-

3. किराए के मकान में देना होगा मेंटेनेंस चार्ज -


किराए पर रहते समय मेंटेनेंस चार्ज (house mantinance charge) देना जरूरी होता है, जो स्थान के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा, घर में जो उपकरण होते हैं जैसे पंखा, लाइट, फ्रिज, एसी, उनकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी पहले से तय होनी चाहिए। किसी भी टूट-फूट की स्थिति में, मरम्मत का खर्च और किराएदार (tenant rights) की जिम्मेदारी को स्पष्ट करना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके।

क्या होता है रेंट एग्रीमेंट - 

रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) नाम का यह कानूनी दस्तावेज़ दोनों पक्षों के बीच समझौते को दर्शाता है। इसमें दोनों को निर्धारित नियमों का पालन करना पड़ता है। निर्धारित समय में मकान मालिक किराएदार (tenant and landlord rights) से घर छोड़ने के लिए नहीं कह सकता। 


अगर किसी कारण से दोनों के बीच विवाद हो, तो यह दस्तावेज कानूनी  (legal documents for property) मदद में काम आता है। यह न केवल पक्षों के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि किसी भी प्रकार की समस्या को हल करने के लिए सहायक साबित होता है।

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