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कैसे होती है Court Marriage, कौन से लगते हैं डॉक्यूमेंट, जान लें ये जरूरी नियम

Court Marriage Benefits : क्या आप भी उनमें से हैं जिन्हें 4-5 दिनों तक चलने वाली शादियों का ट्रेडिशन नहीं पसंद? या आप और आपके पार्टनर दोनों अलग-अलग देश, धर्म और समुदाय से ताल्लुक रखते हैं तो ऐसे में शादी करने का सबसे सेफ एंड बेस्ट विकल्प है कोर्ट मैरिज। ऐसे में अगर आप भी कोर्ट मैरिज करने का प्लान कर रहे है तो समझ लें नियम..
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कैसे होती है Court Marriage, कौन से लगते हैं डॉक्यूमेंट, जान लें ये जरूरी नियम

HR Breaking News, Digital Desk : आज कल देखा जाए तो कोर्ट मैरिज का ट्रैंड (court marriage trend) बढ़ रहा है। अधिकतर लोग शादी के ताम-झाम से बचने के लिए कोर्ट मैरिज के विकल्प को ही चुनते है। यदि आप अपने पार्टनर के साथ कोर्ट मैरिज करने का प्लान (plan for court marriage) बना रहे हैं लेकिन इसके नियम और प्रकिया को लेकर थोड़े कंफ्यूज हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें। सबसे पहले तो यह बात समझ लें कि दो लोग कोर्ट मैरिज सामाजिक या किन्हीं पारिवारिक कारणों की वजह से करते हैं। 


ऐसे में कोर्ट मैरिज क्या है ,कोर्ट मैरिज के नियम (rules of Court marriage) क्या हैं, इन सब सवालों के जवाब आपके शादी करने से पहले ही आपके पास होने चाहिए। ताकि समय आने पर आप शर्मिंदा या परेशान होने से बच जाएं। आइे जानते हैं  कोर्ट मैरिज करने वाले कपल्स को शादी से पहले कोर्ट मैरिज से जुड़े किन नियमों (Court Marriage Benefits ​​​​​​) के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। 

पहले जान लें कैसे होती है कोर्ट मैरिज?


कोर्ट मैरिज, किसी भी धर्म और समुदाय के लोग कर सकते हैं, जिसे कानूनी माना जाता है। कोर्ट मैरिज करने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 बनाया गया है, जिसके तहत कोर्ट में मैरिज ऑफिसर की देखरेख में शादी करवाई जाती है। इस शादी में किसी तरह के रीति-रिवाज नहीं होते।

ये है कोर्ट मैरिज के नियम (court marriage rules)


-कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़का और लड़की बालिग होने चाहिए। पुरुष की आयु 21 वर्ष से ज्यादा तथा महिला की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होना जरूरी है। 
-इसके अलावा शादी करने वाले लड़का और लड़की दोनों ही मानसिक रूप से स्टेबल यानि स्वस्थ होने चाहिए।
-शादी करने वाले लड़का और लड़की को मैरिज रजिस्ट्रार के सामने अपनी शादी का आवेदन देना होता है।
-शादी का आवेदन करने वाले लड़का और लड़की पहले से शादीशुदा नहीं होने चाहिए।
-यदि शादी करने वाले लड़का या लड़की में से किसी ने पूर्व में शादी की थी, तो उसका तलाक हुआ होना चाहिए या फिर उसका पति या पत्नी जीवित न हों।
-शादी करने वाले दोनों लड़का और लड़की की आपसी सहमती होनी चाहिए।
-शादी करने वाले लड़के और लड़की को एक फॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड करना होता है। जिसमें उन्हें अपने कोर्ट मैरिज का नोटिस डिक्लेरेशन करना होता है।

 

कोर्ट मैरिज करने के लाभ (Court Marriage Benefits)


-कोर्ट मैरिज (Court marriage) करने से पैसों की बचत होती है। इस तरह की शादी बहुत ही कम खर्च में संपन्न हो जाती है। इसके लिए किसी तरह की सजावट, लेन-देन या बड़े-बड़े प्रोग्राम में खर्चे नहीं करने पड़ते। 
-शादियां को लेकर बहुत से रीति-रिवाज करने की टेंशन होती है। वहीं, कोर्ट मैरिज में किसी तरह के रीति-रिवाज को पूरा करने की जरूरत नहीं होती। जिससे व्यक्ति को तनाव कम होता है।
-कोर्ट मैरिज कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती है। जिससे व्यक्ति का समय बचता है।