हरियाणा की राजनीति के मंझे खिलाड़ी थे स्व. चौधरी भजनलाल

संदीप बिश्नोई, हिसार
हरियाणा की राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी और राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले स्वर्गीय चौधरी भजनलाल की आज 10वीं पुण्यतिथि है। उनके व्यक्तित्व और राजनीतिक पकड़ की वजह से आज देश प्रदेश में उनको याद किया जा रहा है। 1947 में जब विभाजन हुआ तो चौधरी भजनलाल का परिवार फतेहाबाद के मोहम्मदपुर रोही गांव में आकर बस गया। विभाजन की त्रासदी झेलते हुए युवा अवस्था में ही कपड़े का व्यापार शुरु किया था। कुछ समय तक कपड़े का व्यापार करने के बाद अपने स्वभाव की वजह से लोगों की पंसद बन गए। 1968 में वो राजनीति में कूद पड़े थे और यहां से ही उन्होने अपनी राजनीति शुरु की। चौधरी भजनलाल की 10वीं पुण्यतिथि के अवसर पर वीरवार को आदमपुर स्थित उनकी समाधी पर क्रांगेस वर्किंग कमेटी के सदस्य कुलदीप बिश्नोई, फतेहाबाद विधायक दुड़ाराम, पूर्व विधायक रेनुका बिश्नोई, भव्य बिश्नोई, द्वारका प्रसाद, विक्रांत बिश्नोई ने पुष्प अर्पित कर उन्हें शत् शत् नमन किया। इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, संजय गौतम, जयवीर गिल, मानसिंह चेयरमैन, राजाराम खिचड़, विनोद ऐलावादी आदि उपस्थित थे।

- हरियाणा पर किया 11 साल, 9 महीने और 22 दिन राज
चौधरी भजनलाल हरियाणा पर 11 साल, 9 महीने और 22 दिन तक राज कर चुके हैं। उनके परिवार से 1968 से लेकर साल 2014 तक लोकसभा के 7 चुनाव, विधानसभा के 21 चुनाव और राज्यसभा का 1 चुनाव लड़ा है। फरवरी 2005 को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौ. भजनलाल ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर 86,963 मतों से जीत हासिल करके नया कीर्तिमान स्थापित किया। सबसे पहले 28 जून, 1979 को वे पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तथा दूसरी बार 23 मई, 1982 से लेकर 5 जून, 1986 तक उन्होंने हरियाणा की बागडौर संभाली। तीसरी बार 24 जून, 1991 से लेकर 8 मई, 1996 तक वे मुख्यमंत्री रहे।
- 1970 में बने कृषि मंत्री, हिसार में चौधरी चरण सिह के नाम से बनवाया कृषि विश्वविद्याल
करनाल और फरीदाबाद लोकसभा से भी सांसद रहे। 1970 में जब चौ. भजनलाल कृषि मंत्री बने तो इस दौरान वे लुधियाना के कृषि विश्वविद्यालय में एक बैठक में भाग लेने के लिए गए और वहीं उन्होंने निश्चय कर लिया कि हरियाणा में भी ऐसा ही कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने की मांग करेंगे और इस मांग पर फूल चढ़ाते हुए चौधरी चरण सिंह के नाम से हिसार में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई जो आज पूरे एशिया में ख्याति प्राप्त है।
- प्रदेश से जुड़े मसलों पर पूरे दम से की वकालत
चाहे एसवाईएल के निर्माण का मामला हो या फिर प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने का फैसला प्रदेश के हितों से जुड़े अहम मसले पर चौ. भजनलाल ने हरियाणा की वकालत पूरे दमदार तरीके से की। प्रदेश की प्यासी जनता की समस्या को दूर करने के लिए 9 अप्रैल, 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कपूरी गांव में कस्सी चलवाकर SYL की खुदाई का कार्य शुरू करवाना उनकी दूरदर्शिता थी। एसवाईएल के निर्माण का 98 प्रतिशत कार्य अपने कार्यकाल में पूरा करवाकर तथा अदालतों में दमदार तरीके से हरियाणा की पैरवी कर उन्होंने इस मसले पर पूरी संजीदगी दिखाई।
- पूर्व मूख्यमंत्री स्व. चौ. भजनलाल विरले इंसान थे, जिन्होंने सदैव समाज के गरीब, पिछड़े तथा कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए काम किया – कुलदीप बिश्नोई
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मूख्यमंत्री स्व. चौ. भजनलाल विरले इंसान थे, जिन्होंने सदैव समाज के गरीब, पिछड़े तथा कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए काम किया। भले ही वे आज हमारे बीच मौजूद नहीं है, परंतु जनता अपने महान नेता को सदैव अपने दिलों में जिंदा रखेगी। पिछले 10 वर्षों में मुझे पारिवारिक, सामाजिक तथा राजनीतिक स्तर पर उनकी बहुत कमी महसूस हुई, परंतु एक अद्वितीय शक्ति के रूप में वे सदा मेरे साथ रहेंगे और उनके संस्कार मुझे लोगों के हितों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देते रहते हैं। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि स्व. चौ. भजनलाल राजनीति में होते हुए भी सदैव सामाजिक रहे। विरोधियों को भी अपना बनाने की उनकी कला का हर कोई मुरीद था। विधायक, सांसद, केन्द्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री के ओहदे पर रहते हुए उन्होंने समाज की 36 बिरादरी व प्रदेश के हर क्षेत्र का एक समान चहुमुखी विकास करवाया। यही कारण है कि प्रदेश के हर क्षेत्र में उनकी गहरी पैठ रही और उनके परिवार राज्य के हर क्षेत्र से न केवल चुनाव लड़े, बल्कि जीत भी दर्ज की।