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Haryana में 53 वर्षों में पारा इतना नीचे, जानिये 23 तारीख तक का मौसम

23 व 26 मई को एक के बाद एक दो नए पश्चिमी विक्षोभ  सक्रिय होंगे। इसके प्रभाव से उत्तरी राजस्थान पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। इस कारण 24 व 25 मई को तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम श्रेणी की बारिश होगी। आइए जानते मौसम के बारे में ताजा अपडेट। 
 
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Haryana में 53 वर्षों में पारा इतना नीचे, जानिये 23 तारीख तक का मौसम

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के साथ ही तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है। शुक्रवार को प्रदेश के औसत अधिकतम तापमान में 2.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई। हालांकि अभी भी यह सामान्य से 2.8 डिग्री नीचे है। मौसम विशेषज्ञ की मानें तो 23 मई तक तापमान में बढ़ोतरी होगी और इसके 45 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। इसके बाद 23 व 26 मई को एक के बाद एक दो नए पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे, जिस कारण तापमान में फिर से गिरावट आएगी।


मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल चुका है। इसके साथ ही हवाओं की दिशा बदलकर पश्चिमी उत्तर पश्चिमी हो गई। इसके साथ तापमान भी बढ़ने लगा है। यह बढ़ोतरी 23 मई तक जारी रहेगी। इस दौरान तेज गति से धरातलीय हवाएं भी चलेंगी। 23 मई रात तक एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके प्रभाव से उत्तरी राजस्थान पर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। इस कारण 24 व 25 मई को तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम श्रेणी की बारिश होगी।

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यह पश्चिमी विक्षोभ थोड़ा आगे खिसकेगा तो इसके साथ ही 26 मई को एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इससे दोनों पश्चिमी विक्षोभ मिल जाएंगे। फिर 27 व 28 मई को इसके असर से 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ हल्की से मध्यम श्रेणी की बारिश होगी। इसके अलावा कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी संभावना है।


नौतपा भी ज्यादा नहीं तपेगा


डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार 25 मई से 2 जून तक नौतपा रहेगा। चूंकि 28 मई तक बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी, जिससे तापमान में गिरावट आएगी। इसके सामान्य से नीचे जाने की भी संभावना है। इसके बाद धीरे-धीरे तापमान में बढ़ोतरी होगी। ऐसे में संभावना है कि नौतपा लोगों को ज्यादा परेशान नहीं करेगा।


53 वर्षों में 19 मई को छठी बार 35 डिग्री से नीचे पारा


हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले 53 वर्षों के 19 मई के अधिकतम तापमान की बात करें तो यह छठी बार हुआ, जब तापमान 35 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया है। इससे पहले वर्ष 2023 में 34.0 डिग्री, वर्ष 2021 में 33.2, वर्ष 2019 में 32.8, वर्ष 2001 में 33.6, वर्ष 1983 में 33.6 और वर्ष 1973 में 31.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। हालांकि इस माह में वर्ष 2001 में 18 मई को 27.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था, जो इन 53 वर्षों का सबसे कम है, जबकि वर्ष 1994 में 31 मई को 47.1 डिग्री सेल्सियस तापमान था, जो सर्वाधिक रहा।

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फसलों के लिए फायदेमंद है बारिश


एचएयू के कृषि विशेषज्ञ डॉ. रमेश ने बताया कि फिलहाल खेतों में कपास व चारे के लिए ज्वार की फसल बोई हुई है। कपास की फसल अभी 20 से 25 दिन की हुई है। बारिश से इस फसल को कोई नुकसान नहीं है। हालांकि अंधड़ से फसल को नुकसान हो सकता है। वहीं, ज्वार की फसल के लिए भी बारिश फायदेमंद साबित होगी।