income tax department : टैक्सपेयर्स के हक में हाईकोर्ट ने दिया फैसला, इनकम टैक्स विभाग से कहा- वापस करो पैसे
income tax : आयकर विभाग की ओर से टैक्सपेयर्स के लिए कई नियम (rules for taxpayers) तय किए गए हैं। इन नियमों को लेकर कई बार विभाग की मनमानी भी सामने आती है। अब हाईकोर्ट ने करदाताओं को राहत देते हुए अहम फैसला सुनाया है। एक मामले में हाईकोर्ट ने आयकर विभाग को फटकार भी लगाई है।

HR Breaking News - (Taxpayers' News)। आयकर नियमों का करदाताओं को पूरी सतर्कता के साथ पालन करना होता है। इनकम टैक्स (income tax rules) के तय मानदंडों के बावजूद कई बार ऐसे मामले भी सामने आ जाते हैं, जिनमें कुछ करदाताओं को प्रताड़ित होना पड़ता है।
ऐसा ही एक मामला हाईकोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने टैक्सपेयर्स (taxpayers news) को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अहम फैसला सुनाया है। इसमें कोर्ट ने विभाग व उसके अधिकारियों को भी खरी खरी सुनाई है। कोर्ट का यह फैसला अब चर्चाओं में है। आइये जानते हैं क्या कहा है हाईकोर्ट ने।
आयकर विभाग को लगाई फटकार -
बॉम्बे हाईकोर्ट (bombay high court news) ने आयकर विभाग को फटकार लगाते हुए कहा है कि विभाग वकील से जब्त किए गए 16 लाख रुपये जल्द वापस करे। एयर इंटेलिजेंस यूनिट (AIU) ने यह राशि मुंबई के एक वकील से जब्त की थी।
इसके बाद आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (Income Tax Appellate Tribunal) ने वकील के स्पष्टीकरण को सही माना था। इस मामले में पेशेवर वकील ने बाद में टैक्स भी दिया था। हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने यह भी टिप्पणी की है कि उच्च अपीलीय प्राधिकरण के आदेशों का पालन करना अधीनस्थ अधिकारी सुनिश्चित करें।
अविवक्ता ने वापस मांगे थे जब्त किए रुपये-
इस मामले के अनुसार लंबे समय से पेशेवर वकील रहे राम मेंडाडकर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि उससे अवैध रूप से रुपये जब्त (IT seized amount case) किए गए हैं, इसे वापस दिलाया जाए। जुलाई 2018 में दिल्ली हवाई अड्डे (delhi airport) पर मेंडाडकर को रोककर तलाशी ली गई थी। तब उसके सामान में अलग अलग नोटों के रूप में 16 लाख रुपये की राशि मिली थी। आयकर विभाग (IT department news) ने इसे छिपाई गई आय बताया था।
देरी करने पर देना होगा ब्याज -
हाईकोर्ट ने आयकर विभाग को पेशेवर वकील मेंडाडकर से जब्त रकम यानी 16 लाख रुपये वापस करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट (bombay HC decision) ने यह भी कहा है कि अगर विभाग ऐसा नहीं करता है तो 12 मई से इस राशि पर ब्याज भी देना होगा।
यह तर्क दिया वादी ने -
आयकर विभाग (income tax department) की ओर से जब्त किए गए पैसों के इस मामले के वादी मेंडाडकर ने कहा जो नकदी वे साथ ले जा रहे थे, वह दो मुवक्किलों की ओर से दी गई वकील को भुगतान की जाने वाली फीस थी। इन मामलों में दोनों मुवक्किलों के लिए वरिष्ठ वकील को नियुक्त करना था। हालांकि मेंडाडकर (mendadkar case decision) ने इस याचिका में उस वरिष्ठ वकील के नाम का जिक्र नहीं किया, जिसे वे नियुक्त करना चाहते थे।
इस खाते की जांच की गई-
एडवोकेट के अनुसार वह पेशेवर वकील है और अप्रैल 2018 में 6 लाख रुपये नकद और 17 लाख रुपये चेक से उसके ग्राहकों की ओर से दिए गए थे । आईटी आकलन में उनके स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद आईटीएटी (ITAT) ने उनके पेशेवर शुल्क खाते की जांच की और राशि का लेखा जोखा सही मिलने पर संतुष्टि जताई।
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी-
इस मामले में वादी राम मेंडाडकर (Ram Mendadkar IT case) की याचिका का आयकर विभाग ने विरोध किया था। मेंडाडकर के अनुसार आयकर आयुक्त की ओर से मुवक्किल के पैसे के स्रोत के बारे में मांगा गया स्पष्टीकरण सही नहीं था। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट (bombay high court) से आईटीएटी के आदेश पर विचार न करने की अपील की। हाईकोर्ट ने इसे आपत्तिजनक कहते हुए नाराजगी जताई और बाद में अधिकारी ने इस मामले में अपना हलफनामा वापस लिया।
अधिकारियों को ट्रेंड करना जरूरी-
हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी (HC Comment in IT case) करते हुए कहा है कि इस मामले को देखते हुए आयकर अधिकारियों को पूरी जानकारी होनी चाहिए। ऐसे में अधिकारियों को ट्रेंड करना भी जरूरी है, नहीं तो टैक्सपेयर्स (taxpayers news) को दिक्कतें ही होंगी। उम्मीद है केंद्रीय वित्त मंत्रालय, आयकर और केंद्रीय निदेशक, प्रत्यक्ष कर बोर्ड व संबंधित विभाग अपने अधीनस्थ अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए ओरिएंटेशन का सहारा जरूर लेंगे।