Income Tax : अब इतने साल पुराने मामले नहीं खोल सकेगा इनकम टैक्स विभाग, हाईकोर्ट ने किया साफ
Income Tax Rules : आयकर विभाग की कार्रवाई का डर लोगों को सताता रहता है। अकसर लोग पुराने मामलों को लेकर भी चिंतित रहते हैं। लेकिन, हाईकोर्ट के एक फैसले ने आयकर (Income Tax) देने वालों को बड़ी राहत दी है। फैसले के अनुसार एक तय समय से पुराने मामले इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) नहीं खोल सकेगा। आइए जानते हैं हाईकोर्ट (Income tax case) के फैसले के बारे में विस्तार से

Hr Breaking News (Income Tax Rules) : देश की राजधानी दिल्ली की हाई कोर्ट ने 20 नवंबर को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है। जिसमें बताया गया है कि आयकर विभाग (Income Tax) एक तय समय सीमा से पुराने मामलों को नहीं खोल सकता है। इससे टैक्सपेयर्स (taxpayers) को काफी राहत मिली है। होईकोर्ट के फैसले से बड़ी संख्या में लोगों को काफी लाभ पहुंचेगा।
इतने साल पुराने मामले नहीं खोल सकता इनकम टैक्स विभाग
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) ने अपने आदेश में कहा कि आयकर विभाग तीन वर्ष से अधिक पुराने इनकम टैक्स से जुड़े किसी मामले को दोबारा नहीं खोल सकता है। इसमें कुछ मामलों को छोड़कर कानून नहीं खोला जा सकता है। वैसे आम मामलों में 3 साल के बाद रीअसेसमेंट ऑर्डर (reassessment order) जारी नहीं किया जा सकता है।
इनकम टैक्स विभाग री असेसमेंट (Income tax reassessment order) के लिए दस साल पुराने मामले भी खोल सकता है। लेकिन 10 साल की समयसीमा तभी लागू होगी जब टैक्स चोरी की इच्छा से 50 लाख रुपये से अधिक की आय को छिपाया हो। सीरियस फ्रॉड के मामले में भी दस साल तक के पुराने मामले खोले जा सकते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई में कही ये बात
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक खास केस की सुनवाई की। हाईकोर्ट में सुनवाई जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस गिरीश कथपालिया की बेंच ने की। कोर्ट ने कहा कि ऐसेसमेंट के वर्ष के खत्म होने के तीन वर्ष बाद सामान्य मामलों में नोटिस (Income tax Notice) जारी नहीं कर सकते हैं।
अदालत ने स्पष्ट किया है कि केवल कुछ खास केसेज में रीअसेसमेंट के लिए नोटिस 3 वर्ष का समय गुजर जाने के बाद भी जारी किया जा सकता है। इनमें वो मामले आते हैं जिनमें 50 लाख रुपये से ज्यादा आय छिपाई गई हो या फिर कोई गंभीर श्रेणी का टैक्स चोरी का मामला हो।
इनकम टैक्स की धारा 148 पर कोर्ट ने किया साफ
दिल्ली हाई कोर्ट को इनकम टैक्स (Income tax) के अधिनियम की धारा 148 के अनुसार याचिका कर्ता को जारी नोटिस की वैधता पर फैसला करना था। वहीं, कोर्ट में साफ हो गया कि धारा 148 की पुरानी व्यवस्था के अनुसार आयकर अधिकारी 6 साल तक के पुराने मामलों पहले खोल सकता था।
बाद में सरकार ने इसे तीन साल कर दिया था। वहीं, दस साल तक पुराने मामलों में 50 लाख रुपये से अधिक आयकर छिपाने पर ही री असेसमेंट यानी मामले को दोबारा जांच के लिए खोला जा सकता है।