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Income Tax Notice : इनकम टैक्स विभाग इन टैक्सपेयर्स को धड़ाधड़ भेजे जा रहा नोटिस, देना होगा 200 फीसदी जुर्माना

Income Tax Notice :केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में बड़ी सौगात टैक्स पेयर्स को दी है, लेकिन यह छूट अभी से लागू नहीं हो रही है। इनकम टैक्स (Income Tax Notice) में छूट अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दी गई है। यह एक अप्रैल से लागू होगी। लेकिन, मौजूदा वित्त वर्ष और पिछले साल के मामलों में आयकर (Income Tax) विभाग धड़ाधड़ नोटिस भेज रहा है। आयकर विभाग के नियमानुसार 200 फीसदी जुर्माना भी देना पड़ेगा। 
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Income Tax Notice : इनकम टैक्स विभाग इन टैक्सपेयर्स को धड़ाधड़ भेजे जा रहा नोटिस, देना होगा 200 फीसदी जुर्माना

HR Breaking News (Income Tax Notice) : आप टैक्सपेयर हैं तो यह आर्टिकल आपके काम का है। बता दें कि, आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से टैक्सपेयर्स को धड़ाधड़ नोटिस भेजे जा रहे हैं। टैक्सपेयर्स से तगड़ा जुर्माना भी वसूला जाएगा। इनकम टैक्स (Income Tax Notice) विभाग जुर्माना वसूलने को लेकर एक्शन प्लान भी शुरू हो गया है।

 

 

दरअसल, आयकर विभाग ने पु​रानी रिजीम के तहत इनकम टैक्स (Income Tax) बचाने के लिए कई उपाय दिए हुए हैं। इसमें, घर का किराया व अन्य कई बीमा आदि शामिल हैं। आपको आयकर (Income Tax) में बचत के लिए फरवरी या मार्च में हाउस रेंट रिसीट (House Rent Receipt) जमा करानी होती है। कई बार दूसरे कागजात भी चल जाते हैं। 

 

 

इस तरह के मामले भी आते हैं सामन
 

दरअसल, पुरानी रिजीम (old regime) के तहत आयकर में छूट का पहले बहुत सारे टैक्सपेयर्स लाभ उठाते रहे हैं। ऐसे में कई मामले ऐसे भी होते हैं जिसमें मकान मालिक से रिसीट (Income Tax Notice) नहीं लेते, और उसकी बजाए खुद ही फर्जी हाउस रेंट रिसीट (House Rent Receipt) बनवा लेते हैं। इस चालाकी से अब बच पाना आसान नहीं है, यह पकड़ में आने वाली है। आयकर विभाग ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है।

 

खास सॉफ्टवेयर की मदद से लगाया जा रहा पता
 

आयकर विभाग (Income Tax Department) रिसटी के फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए एक खास सॉफ्टवेयर की सहायता ले रहा है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की ओर से जमा फर्जी दस्तावेज पकड़ना आसान हो गया है। आयकर विभाग ऐसे टैक्सपेयर्स को धड़ाधड़ नोटिस (Income Tax Notice) भेज रहा है। नोटिस भेजकर छूट के कागजात मांगे जा रहे हैं। 

 
ये दस्तावेज किए जा रहे हैं जांच
 

इनकम टैक्स विभाग (Income tax) फर्जी दस्तावेज के मामलों पर सख्ती दिखा रहा है। आयकर विभाग की नजर में हाउस रेंट रिसीट, ऑफिशियल ड्यूटी हेतू सहायक हायर करने और होम लोन के चुकाए ब्याज की रशीद है। ऐसे कई फर्जीवाड़ के मामले सामने आ चुके हैं।  


वित्त वर्ष 2023-24 के हैं मामले
 

आयकर विभाग के रडार पर एसेसमेंट ईयर 2023-24 के मामले हैं। ऐसे लोगों को नोटिस (Income Tax Notice) भेज जा रहे हैं। नोटिस आईटी कानून (Income Tax act) की धारा 133(6) के अनुसार भेजे जा रहे हैं। कानून की इस धारा के अनुसार टैक्स एसेसिंग अधिकारी किसी खास अवधि में की गई ट्रांजेक्शन्स (Income Tax Department) की जानकारी मांग सकता है। यह उनका अधिकार है। टैक्सपेयर्स को इसकी जानकारी देनी होगी।  

ऐसे किए फर्जी दस्तावेज तैयार
 

आयकर बचाने के लिए टैक्सपेयर्स ने पुरानी रिजीम (old regime) के तहत आईटी एक्ट की धारा 10 (13ए) का इस्तेमाल किया। इसके तहत घर के किराए पर भी टैक्स में छूट का बेनिफिट मिलता है। कानून अनुसार घर का किराया (rent) एक लाख से ज्यादा है तो आपको मकान मालिक का पैन कार्ड देना होगा। किराया कम होने पर पैन कार्ड देने की जरूरत नहीं है। इसी का लाभ उठाते हुए अपने रिश्तेदारों के नाम से लोगों ने स्लीप बनवा ली। जो जांच में पकड़े जा रहे हैं। 

आयकर विभाग ने पकड़ लिया फर्जीवाड़ा


आयकर विभाग को एक और फर्जीवाड़ा मिला है। इसमें टैक्सपेयर्स टैक्स (Income Tax) बचाने के लिए अपना घर होते हुए भी रेंट स्लिप (House Rent Sleep) लगाकर टैक्स में छूट का लाभ ले रहे हैं। वहीं, आयकर विभाग के सॉफ्टवेयर में अब ये मामले पकड़ में आ रहे हैं और आयकर विभाग ऐसे लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है। 

इस लिए होता है ये फर्जीवाड़ा


हाउस रेंट (tax on house rent) को लेकर अकसर पुरानी रिजीम में फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसा होने का सबसे बड़ा कारण है कि इससे काफी टैक्स (Income Tax) बच सकता है। पुरानी रिजीम में किसी ने सालाना 2.40 लाख रुपये रेंट दिया है तो आपका पूरा टैक्स बच जाता है। इसमें कंपनी से आपको ये हाउस रेंट अलाउंस मिला होना चाहिए।  

कितना लगता है जुर्माना
 

टैक्स बचाने के लिए कोई नकली बिल संस्थान को जमा करता है तो यह मामला सीधा सीधा आय को छुपाने का बनता है। ऐसे केसेज में आकलन अधिकारी (income tax officer) जांच खोल सकते हैं। वह आपके बिल की रिसीट मांग सकते हैं और उसके असली होने का प्रमाण भी देना होगा। ऐसा नहीं कर पाने पर सेक्शन 270ए (1) के अनुसार 50 फीसदी जुर्माना (Fine) लग सकता है। वहीं, कोई जानबूझकर नकली बिल जमा कराता है तो 200 प्रतिशत तक जुर्माना देना पड़ेगा।