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Income Tax Raid : देश के इतिहास की सबसे बड़ी इनकम टैक्स रेड, RBI के कर्मचारियों ने 20 घंटे गिने नोट

Income Tax Raid : आयकर विभाग की कार्रवाई समय-समय पर होती रहती है। आयकर विभाग काला धन रखने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शता है। आयकर विभाग की ओर से देश भर में लगातार छापेमारी और सर्वे किए जाते रहते हैं। आयकर विभाग की इतिहास की सबसे बड़ी इनकम टैक्स रेड काफी चर्चित रही थी। इसमें 20 घंटे तक तो आरबीआई के कर्मचारियों को नोट गिनने पड़े थे। 

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Income Tax Raid : देश के इतिहास की सबसे बड़ी इनकम टैक्स रेड, RBI के कर्मचारियों ने 20 घंटे गिने नोट

HR Breaking News (Income Tax Raid) आयकर विभाग देश के राजस्व को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है। इनकम टैक्स विभाग का काम देश में उन लोगों से टैक्स लेना है, जो टैक्स के दायरे में आते हैं।

 

वहीं जो लोग इनकम टैक्स को छुपाते हैं, उन पर भी आयकर विभाग सीधी कार्रवाई करता है और कार्रवाई ऐसी होती है कि साथ वालों को भी पसीने आ जाए। ऐसी ही एक रेड आयकर विभाग ने कई साल पहले की थी। 

 

आयकर विभाग की सबसे बड़ी रेड


आयकर विभाग की सबसे बड़ी रेड इनकम टैक्स विभाग की ओर से पूर्व नेता और कारोबारी सरदार इंदर सिंह की आवास पर की गई थी। इसमें इनकम टैक्स विभाग को भारी भरकम कैश और सोना मिला था। यह रेड इतनी तगड़ी थी कि इस पर तो फिल्म भी बनाई गई है। इस रेड (Income Tax Raid) के दौरान जानते हैं क्या-क्या हुआ था। 

पहले नहीं हुई थी कभी ऐसी रेड 


आयकर विभाग की यह सबसे पहली बड़ी रेड थी। इतनी बड़ी रेड आयकर विभाग द्वारा पहले नहीं की गई थी। इस रेड में आयकर विभाग ने पूरे प्लान के हिसाब से कार्रवाई की थी। रेड को वैसे तो 1 दिन में पूरा हो जाना था लेकिन 2 दिन और तीन रात तक यह है रेड चली थी। 


पैसे गिनने में ही लग गए घंटों 


इनकम टैक्स विभाग की इस रेड (Income Tax Raid) के दौरान इतना कैसे बरामद हुआ कि पैसे गिनने के लिए 18 से 20 घंटे का टाइम लग गया। पैसे गिनने के लिए 45 लोगों की टीम लगानी पड़ी। इस में रिजर्व बैंक आफ इंडिया के कर्मचारी भी शामिल किए गए। 

सरदार इंदर सिंह के ठिकानों पर हुई रेड 


इनकम टैक्स विभाग की रेड सरदार इंदर सिंह के ठिकानों पर की गई थी। आपको बता दें कि इंदर सिंह कानपुर के एक नामी कारोबारी थे और पूर्व राज्यसभा सांसद रह चुके थे। 1928 में इंदर सिंह ने कानपुर के इंजीनियरिंग वर्क्स की स्थापना की थी। इंदर सिंह 1964 से 1951 तक पंजाब विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं। 

90 से अधिक ऑफिसर 200 पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे 


इनकम टैक्स विभाग की इस रेड (Income Tax Raid) के दौरान इनकम टैक्स विभाग के 90 से अधिक अफसर और 200 पुलिस कर्मियों की टीम सरदार इंदर सिंह के आवास पर दबिश देने के लिए पहुंची।

16 जुलाई 1981 को सुबह 8:00 का यह घटनाक्रम है। इंद्र सिंह का आवास कानपुर के स्वरूप नगर में था। इस रेड की कमान अफसरों के हाथ में थी। 

रेड की हुई देशभर में चर्चा 


इस रेड (Income Tax Raid) की देशभर में चर्चा हुई। पूरे देश में इस रेड को हाईलाइट मिली। 92 लख रुपए कैश उस समय बरामद हुआ था जो आज के कईं 100 करोड़ रुपए के बराबर है। इसके अलावा दिल्ली के लॉकरों में 72000 की नकदी और 1.10 लाख रुपए की एफडी की रसीद मिली थी।

एक दिन के हिसाब से की गई रेड (Income Tax Raid) में दो दिन, तीन रातें लग गई। इस पूरे समय में 1.6 करोड रुपए का कैश बरामद किया गया।  ‌

रेड में यह भी मिला 


आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान कैश के अलावा कई तोले सोना भी मिला। इसमें दो तो सोने की ईंट थी। लगभग 8 लाख रुपये की कीमत के गहने मिले और 144 गिनी मिली। 15 बैंक लॉकर खोले गए तो दो लॉकरों से 6 सोने की ईंट मिलीं। यह 30 लाख रुपये की थीं। हर ईंट का वजट 250 तोला था।

इस दौरान 16 महंगी संपत्तियों से संबंधित कागजात मिले। सरदार इंदर सिंह की पत्नी मोहिंदर कौर के आवास से 500 तोला सोने की 2 ईंटें और 144 सोने के सिक्के बरामद किए गए। यह  6,977 ग्राम के थे। इन्हें गोल्ड (कंट्रोल) एक्ट, 1968 के उल्लंघन के दायरे में माना गया।

 

रेड के पीछे की वजह


रेड (Income Tax Raid) करने के पीछे की वजह सरदार इंदर सिंह के परिवार में आंतरिक विवाद को बताया जाता है। इस विवाद के कारण आयकर विभाग ने किसी से गुप्त सूचना प्राप्त की।

इस जानकारी के आधार पर ही छापेमारी (Income Tax Raid) की गई। यह बात ज्यादा चर्चा में रही। इस रेड के पीछे एक राजनीतिक कारण की चर्चा का विषय बना। 

रेड के बाद क्या हुआ 


रेड के बाद आयकर विभाग (Income Tax Raid) ने सरदार इंदर सिंह उनकी पत्नी महेंद्र कौर और चार बेटे और दो दामादों व अन्य परिवार के सदस्यों के खिलाफ नोटिस जारी किए। सरदार इंदर सिंह की छवि पर दाग लगा। उनको मामले का सामना करना पड़ा।

महेंद्र कौर के खिलाफ गोल्ड एक्ट 1968 के उल्लंघन के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग की ओर से करवाई शुरू कर दी गई। कार्रवाई के बाद समीक्षा करते हुए सरदार इंदर सिंह के परिवार पर 15 लाख रुपए के भुगतान करने का आदेश दिया गया।
 

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