Indian Railway Act : ट्रेन में शराब ले जाने पर होती है इतने साल की सजा, जानिए कितना भरना पड़ेगा जुर्माना
क्या आप जानते हैं कि ट्रेन में शराब ले जाना गैरकानूनी काम है? अगर आप ऐसा करते हैं तो जेल का प्रावधान भी है। जेल में सजा काटने के साथ-साथ इतना जुर्माना भी भरना पड़ेगा। आइए नीचे खबर में जानते हैं विस्तार से-

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। ट्रेन, मेट्रो और हवाई जहाज में शराब की बोतल ले जाना क्या गैरकानूनी है. क्या शराब की बोतल लेकर जाने पर सजा या जुर्माना हो सकता है. ऐसे सवाल कभी न कभी हर रेलयात्रियों (Railway Pasengers) के मन में जरूर कौंधता होगा. ऐसे में आपके यह जानना भी आवश्यक हो जाता है कि किन राज्यों में शराबबंदी है.
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भारत में रेलवे (Indian Railway) नेटवर्क परिवहन का सबसे बड़ा साधन है और करोड़ों यात्री इस पर निर्भर करते हैं. मान लीजिए दिल्ली रेलवे स्टेशन (Railway Station) से जाने वाली ट्रेन उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) , राजस्थान, हरियाणा जैसे कई राज्यों से होकर गुजरती है. लेकिन रेलवे एक्ट 1989 (Railway Act 1989) के तहत ऐसे तमाम नियम हैं, जिन्हें हर रेलयात्री के लिए जानना जरूरी है.
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ट्रेन में शराब लेकर जाना निर्भर करता है कि आप किस राज्य में यात्रा कर रहे हैं, क्योंकि संविधान में सभी राज्यों को ये छूट दी गई है कि वो शराब को लेकर अपने-अपने नियम बना सकें. शराब यानी अल्कोहल को लेकर नियम-कानून राज्यों की सूची में रखा गया है. लिहाजा हर राज्य अपनी सीमा में शराब की बिक्री से लेकर सेवन तक नियम-कानूनों का निर्माण कर सकता है.
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देश के इन राज्यों में शराबबंदी (alcohol prohbition)
देश के कई राज्य हैं, जहां राज्य सरकारों ने शराब का सेवन ही नहीं, बल्कि उससे जुड़ी हर तरीके की गतिविधियां निषेध हैं. लिहाजा शराब को किसी भी तरीके से ट्रेन,मेट्रो, बस या अन्य परिवहन सुविधाओं के जरिये इन राज्यों में नहीं लाया जा सकता. बिहार, गुजरात, लक्षद्वीप औऱ नागालैंड इसमें शामिल हैं. इन राज्यों में शराब की बिक्री, उत्पादन या सेवन पूरी तरह निषिद्ध है. ऐसे में कोई यात्री अगर ट्रेन के जरिये ऐसे राज्य में शराब लेकर जाता है, जहां ये बैन है तो वहां उस राज्य के कानूनों के अनुसार उसे जेल और जुर्माना हो सकता है.
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जिन राज्यों में पाबंदी नहीं वहां क्या नियम
जिन राज्यों में शराब पर पाबदी नहीं है, वहां रेलवे अथॉरिटी के नियमों का पालन करते हुए शराब बंद बोतल में ले जाई जा सकती है. हालांकि खुले तौर पर या शराब पीते हुए ट्रेन में सवार होना नियमों के खिलाफ है और सजा हो सकती है.
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कितनी शराब की मात्रा की अनुमति
अगर कोई व्यक्ति ट्रेन में शराब alcohal quantity) ले भी जाता है तो इसकी मात्रा 2 लीटर से ज्यादा नहीं हो सकती. एल्कोहल की बोतल पूरी तरह सील होनी चाहिए और कवर पैक होनी चाहिए. ट्रेन में ये किसी भी तरीके से ये किसी को दिखाई नहीं पड़नी चाहिए. लेकिन इसकी इजाजत तभी है, जब उस राज्य में रेल यात्रा कर रहे हैं, जहां अल्कोहल प्रतिबंधित नहीं है. अगर आप शराब लेकर प्रतिबंधित राज्य में जाते हैं तो मुश्किल होगी. .
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क्या है रेलवे एक्ट 1989
रेलवे परिसर में रेलवे प्लेटफार्म या रेलवे स्टेशन के किसी भी स्थान पर खुले में शराब पीना या बोतल लेकर चलना गैरकानूनी है. रेलवे एक्ट 1989 के तहत आपको सजा हो सकती हैरेलवे ऐक्ट 1989 (The Railway Act 1989) कहता है कि कोई भी व्यक्ति शराब या अन्य मादक पदार्थ, जहरीले पदार्थ लेकर रेल संपत्तियों में नहीं जा सकता. रेलवे के अधीन सभी जगहों पर शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन प्रतिबंधित है.
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छह माह की सजा और जुर्माना
रेलवे एक्ट 1989 की धारा 145 कहती है कि ट्रेन, रेलवे प्लेटफार्म समेत रेलवे परिसर में कहीं भी कोई शराब, नशीले पदार्थ का सेवन करता पाया जाता है. या मादक पदार्थ उसके पास से पाया जाता है तो उसका ट्रेन टिकट या रेलवे पास रद्द कर दिया जाएगा. उसे छह माह झेल या 500 रुपये तक जुर्माना हो सकता है.
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ट्रेन, मेट्रो औऱ हवाई जहाज के नियम
ट्रेन, मेट्रो और हवाई जहाज में शराब की बोतल ले जाना क्या गैरकानूनी है. क्या शराब की बोतल लेकर जाने पर सजा या जुर्माना हो सकता है. ऐसे सवाल कभी न कभी हर रेलयात्रियों के मन में जरूर कौंधता होगा. ऐसे में आपके यह जानना भी आवश्यक हो जाता है कि किन राज्यों में शराबबंदी है.
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जिन राज्यों में छूट वहां क्या कानून
राज्यों का एक्साइज एक्ट (आबकारी कानून) शराब की बोतल को किसी भी जरिय लाने या ले जाने की गतिविधियों की भी जानकारी बताता है. स्टेट एक्साइज एक्ट (state excise act)कोई भी व्यक्ति अपने साथ 1.5 लीटर शराब अपने साथ ले जा सकता है और एक बोतल खुली होनी चाहिए, लेकिन उसे पीने की इजाजत नहीं होती.
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इससे यह सुनिश्चित होगा कि यह शराब बिक्री के लिए नहीं है, बल्कि उसके अपने सेवन के लिए है. अगर कोई भी व्यक्ति इससे ज्यादा मात्रा में शराब ले जाता है तो उसके पास आबकारी अफसर (excise officer) की इजाजत होनी चाहिए.