Indian Railways New Rules : क्या जनरल डिब्बे में जगह नहीं मिलने पर किसी और बोगी में कर सकते हैं सफर, रेल यात्री जान लें रेलवे के नियम
Indian Railways New Rules : रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर। अगर आपके पास द्वितीय श्रेणी की टिकट है और जनरल कोच में पैर रखने की जरा भी जगह नहीं है, तो रेलवे एक्ट के अनुसार, आपको अगली ट्रेन के आने तक का इंतजार करना होगा, क्योंकि ये टिकट यात्रा के लिए होती है....रेल यात्री जान लें रेलवे का ये नियम।
HR Breaking News, Digital Desk- देशभर में रोजाना लोग ट्रेन से सफर करते हैं, यातायात का सस्ता साधन होने की वजह से यहां यात्रियों की भीड़ सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। कई बार तो जनरल डिब्बा इतना भरा हुआ मिलता है कि इंसान को पैर रखने तक की जगह नहीं मिलती। ऐसे में यात्रियों को बड़ी दिक्कत होती है।
अब सवाल ये है कि इस स्थिति में द्वितीय श्रेणी के जनरल टिकट के आधार पर ट्रेन की दूसरी बोगी यानी रिजर्व श्रेणी की बोगी में सफर कर सकते हैं? अगर आपके मन में भी कुछ इसी तरह का सवाल है, तो चलिए फिर आपको इसका जवाब देते हैं।
टिकट की कितने घंटे तक रहती है वैलिडिटी -
ऊपर बताई गई स्थिति में आप ये चीज बिल्कुल कर सकते हैं, लेकिन इसमें कुछ शर्तें हैं, जिनका आपको थोड़ा ध्यान रखना पड़ेगा। रेल अधिनियम, 1989 के अनुसार द्वितीय श्रेणी के ट्रेन टिकट की कुछ वैलिडिटी होती है। नियम के अनुसार, अगर आपकी यात्रा 199 किमी या इससे कम दूरी की है, तो टिकट की वैलिडिटी 3 घंटे की होगी और इससे अधिक दूरी की है तो 24 घंटे की वैलिडिटी रहेगी।
अगली ट्रेन के आने का इंतजार करें -
अगर आपके पास द्वितीय श्रेणी की टिकट है और जनरल कोच में पैर रखने की जरा भी जगह नहीं है, तो रेलवे एक्ट के अनुसार, आपको अगली ट्रेन के आने तक का इंतजार करना होगा, क्योंकि ये टिकट यात्रा के लिए होती है, किसी खास ट्रेन के लिए आरक्षित नहीं होती।
जनरल टिकट पर स्लीपर क्लास में यात्रा -
अगर टिकट की वैलिडिटी लिमिट के अंदर दूसरी ट्रेन का विकल्प नहीं है, तो आप स्लीपर क्लास में भी यात्रा कर सकते हैं। लेकिन हां आप किसी भी खाली सीट में नहीं बैठ सकते, इसका अधिकार आपको नहीं है। रेलवे अधिनियम की 138 धारा के अनुसार ट्रेन में जाते ही आपको पहले TTE देखकर ये बताना की किन वजहों से आप स्लीपर क्लास में आएं हैं।
बात न मानने पर देना पड़ेगा जुर्माना -
अगर कोई सीट खाली होती है TTE आपसे दोनों श्रेणियों की यात्रा टिकट का अंतर लेकर स्लीपर क्लास का टिकट बनाकर देगा। अगर कोई सीट खाली नहीं होती है, तो अगले स्टेशन तक यात्रा करने की अनुमति आपको मिल जाएगी। इसके बाद भी अगर स्लीपर क्लास से बाहर नहीं जाते हैं, तो 250 रुपए का जुर्माना आपको भरना पड़ेगा।
जुर्माना न देने पर क्या होगा -
अगर आपके पास 250 रुपए नहीं हैं, तो TTE आपको एक चालान बनाकर देगा, इस जुर्माने को आप न्यायालय में भी जमा कर सकते हैं। ध्यान दें, जब तक जनरल कोच में नहीं जा पा रहे हैं, तब तक आपको कोई भी ट्रेन से नहीं निकाल सकता। जुर्माने न दे पाने की स्थिति में आपका सामान भी जब्त नहीं होगा।