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Indian Railways: 250 ब्रिज और 16 सुरंगों से गुजरती है देश की ये सबसे स्लो ट्रेन

Indian Railways: आज हम आपको अपनी इस खबर में देश की सबसे स्लो ट्रेन के बारे में बताने जा रहे है। इस ट्रेन पर काफी गाने भी शूट हो चुकें है... तो आइए नीचे खबर में जाने इस ट्रेन से जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में। 

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Indian Railways: 250 ब्रिज और 16 सुरंगों से गुजरती है देश की ये सबसे स्लो ट्रेन

HR Breaking News, Digital Desk- करीब 25 साल पहले मणिरत्नम के निर्देशन में बनी और शाहरूख खान अभिनीत ‘दिल से’ ने भारतीय सिनेमाघरों में दस्तक दी थी. इस फिल्म को मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला लेकिन इसके गाने सभी के सिर चढ़ के बोले. A.R.रहमान के तरकश से निकला इस फिल्म का एक गाना न सिर्फ अपने बोल और संगीत के लिए बल्कि एक और चीज के लिए काफी प्रसिद्ध हुआ.

दरअसल, इस पूरे गाने की शूटिंग एक चलती ट्रेन पर हुई थी. गाने का नाम था छईंया-छईंया और ये ट्रेन थी नीलगिरी माउंटेन रेलवे की नीलगिरी पैसेंजर. आज हम इसी ट्रेन के बारे में आपके बताएंगे.

शीर्षक से आप ये तो समझ गए होंगे कि ये देश की सबसे धीमी गति से चलने वाली ट्रेन है. आइए अब इसके बारे में कुछ और रोचक बातें आपको बताते हैं. ये ट्रेन तमिलनाडु में नीलगिरी पर्वत श्रृंखला के भव्य नजारे दिखाती हुई 5 घंटे में केवल 46 किलोमीटर का ही सफर तय करती है. यानी यह ट्रेन 10 किलोमीटर प्रति घंटे से भी कम रफ्तार से चलती है. इस ट्रेन का इस्तेमाल मुख्यत: पर्यटन के उद्देश्य से ही किया जाता है. इसे टॉय ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है. ये ट्रेन नीलगिरी में मेट्टुपलायम से शुरू होकर उधागमंडलम (ऊटी) तक जाती है.

क्यों लगता है इतना समय-
मेट्टुपलायम से चढ़ाई करते हुए ये ट्रेन ऊटी तक जाती है. जिस रास्ते पर यह ट्रेन चलती है वह एक तिरछी ढलान जैसा है. इसलिए इसे चढ़ाई करने में बहुत समय लगता है. हालांकि, यह ट्रेन चलाई भी धीमी गति से ही जाती है. वहीं, नीचे आते वक्त 1 घंटा कम समय लगता है. अगर आप सड़क मार्ग से ये दूरी तय करेंगे तो इससे बहुत जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे. इस ट्रेन का इस्तेमाल लोग खूबसूरत नजारों को देखने के लिए ही ज्यादा करते हैं.

250 पुल से होकर गुजरता है रास्ता-
जैसा कि हमने बताया कि ट्रेन को एक तिरछी चढ़ाई चढ़नी होती है. इस दौरान ये करीब 208 तेज मोड़ों से होकर गुजरती है. साथ ही इसके रास्ते में 250 पुल और 16 सुरंगे भी आती हैं. इस ट्रेन के फर्स्ट क्लास कोट का किराया करीब 600 रुपये है. अगर आप द्वितीय श्रेणी में सफर करना चाहते हैं तो ये किराया आधा हो जाता है.

आपको बता दें कि ऊटी देश के सबसे पुराने हिल स्टेशनों में से एक है और आज भी यह पर्यटन का बड़ा केंद्र है. नीलगिरी माउंटेन रेलवे यूनेस्को की माउंटेन रेलवेज ऑफ इंडिया वर्ल्ड हेरिटेज सूची का हिस्सा है. NMR के अलावा दार्जलिंग हिमालयन रेलवे (पश्चिम बंगाल) और कालका-शिमला रेलवे (हिमाचल) भी इस सूची का हिस्सा हैं.