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Indian Railway : ट्रेन के 3 AC और 3 AC इकोनॉमी कोच में क्या होता है अंतर, जानिये कहां मिलती है कम पैसों में ज्यादा सुविधा

Indian Railways : भारत में हर दिन करोड़ों लोग ट्रेनों से सफर करते हैं. रेलवे इसके लिए अलग-अलग सुविधाओं के साथ अलग-अलग क्लास की कोचों चलाती है. जनरल क्लास, स्लीपर के अलावा ट्रेन में एसी कोच भी होते हैं, जिनके किराए स्लीपर क्लास से ज्यादा होता है. हालांकि, सभी पैसेंजर्स के लिए ट्रेनों में एसी का सफर मुमकिन बनाने के लिए रेलवे ने थर्ड एसी इकोनॉमी कोच को भी लॉन्च कर दिया है, जिसमें आमतौर पर वो सभी सुविधाएं मिलती है, जो कि थर्ड एसी में मिलती है, लेकिन इसका किराया थोड़ा कम होता है. आइए जानते हैं रेलवे के इन दोनों कोच के बीच का अंतर क्या है.
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Indian Railway : ट्रेन के 3 AC और 3 AC इकोनॉमी कोच में क्या होता है अंतर, जानिये कहां मिलती है कम पैसों में ज्यादा सुविधा

HR Breaking News, Digital Desk - भारतीय रेलवे (Indian Railways) ट्रेन यात्रियों की यात्रा को सुखद और आरामदायक बनाने के लिए लगातार बदलाव करता रहता है. भारतीय रेलवे भारत की जीवन रेखा के रूप में देखा जाता है. ट्रेन यात्रा (Train Travelling) के लिए भारतीयों की पहली पसंद भी है. रोजाना हजारों-लाखों लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए ट्रेन से सफर करते हैं. एक ही ट्रेन में रेलवे अलग-अलग कोच के जरिए यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराती है.


बीते हफ्ते भारतीय रेलवे ने घोषणा की कि वह एसी-3 इकोनॉमी के किराए में कटौती कर रहा है. किराए में 6-7 फीसदी की कटौती की गई है. जिन लोगों ने ऑनलाइन टिकट बुक की थी उन्हें अतिरिक्त पैसा रिफंड कर दिया जाएगा. अबी तक यात्रियों को एसी-3 इकोनॉमी में सफर के लिए लगभग 70-80 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा था. रेलवे ने पिछले साल इसका किराया बढ़ाकर एसी-3 के बराबर करने का फैसला किया था. बता दें कि जब इन कोचों को पहली बार परिचालन के लिए उतारा गया था तब किराया एसी-3 से कम था.

हालांकि, तब बेडशीट वगैरह नहीं दी जाती थी. इन डिब्बों को सितंबर 2021 में परिचालन में लाया गया था. इसका किराया सामान्य एसी-3 कोच से 6-8 फीसदी कम था. इसे कम कीमत में सर्वोत्तम यात्रा सुविधा के रूप में लॉन्च किया गया था. 2022 में इकोनॉमी कोच में भी बेडशीट दी जाने लगी और किराया बढ़ा दिया गया. अब वही बढ़ा हुआ किराया घटा दिया गया है, लेकिन रेलवे अब भी बेडशीट देना जारी रखेगा.

क्या है दोनों कोच में अंतर


एसी-3 इकोनॉमी कोच का डिजाइन पुराने एसी कोच से अलग है. इसमें हर कपार्टमेंट में एक एक्सट्रा सीट होती है. मसलन, एसी-3 कोच में 6 बर्थ और 2 साइड बर्थ होती हैं, लेकिन एसी-3 इकोनॉमी में साइड बर्थ में भी मिडिल बर्थ दी जाती है. इस तरह से एसी-3 डिब्बे में कुल 72 जबकि इकोनॉमी में 80 सीटें होती हैं. सीटों के डिजाइन को बेहतर और मॉड्यूलर बनाया गया है. हर बर्थ के लिए एसी वेंट दिया गया है. दिव्यांगों के लिए हर कोच में अलग प्रवेश द्वार और टॉयलेट के चौड़े दरवाजे दिए गए हैं. हर बर्थ के लिए रीडिंग लैंप और यूएसबी चार्जिंग पोर्ट व मिडिल और अपर बर्थ के लिए बढ़ा हुआ हेडरूम मिलता है. इस कोच में अनाउंसमेंट के लिए पैसेंजर इफोर्मेशन सिस्टम लगा हुआ है. नए कोच सीसीटीवी से लैस हैं.
 

फिलहाल कितने इकोनॉमी कोच


अभी देश में एसी-3 के 11277 कोच हैं. वहीं, एसी-3 इकोनॉमी के करीब 500 कोच हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसाक, नए कोच के जरिए पहले साल में रेलवे को 231 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. पिछले साल अप्रैल से अगस्त तक रेलवे ने इन कोच के जरिए 177 करोड़ रुपये की कमाई कर ली थी.