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IRCTC : यहां बना था देश का पहला रेलवे स्टेशन, ट्रेन देखने के लिए ल्रगी थी लोगों की भीड़

History of Railways : यह बात शायद हर किसी को नही पता है कि भारत मे पहली बार रेल कब और कहां चली थी। अगर आप भी ये नही जानते है तो ये खबर आपके काम आने वाली है। आज इस खबर में हम आपको बताने वाले है कि देश में पहली बार 3 मार्च 1859 को ट्रेन देख्खी गई थी। आइए जान लेते है कि कहां है देश का पहला रेलवे स्टेशन...
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HR Breaking News, Digital Desk : भारतीय रेल देश के बड़े रेल नेटवर्क में से एक है। रेलवे का इतिहास (History of Railways) सालों पुराना है. ट्रेन में लोगों एक सदी पहले से सफर कर रहे हैं. इसका अपना एक गौरवशाली इतिहास है, भारत में रेल की शुरूआत 16 अप्रैल 1853 में हुई थी। मुंबई से थाणे के बीच पहली ट्रेन (country's first train) चलाई गई। हालांकि कानपुर इस मामले में बहुत ज्यादा पीछे नहीं रहा। ठीक तीन वर्षों बाद ही कानपुर में भी रेल लाइनों को बिछाने का काम शुरू कर दिया गया था। उत्तर भारत में पहला रेलवे स्टेशन बनाए जाने का गौरव भी कानपुर के ही पास है।

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जान लें पहली ट्रेन का आना और उस समय का परिवेश

बता दें कि मुंबई में रेल के सफल संचालन (successful operation of railways) के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने उत्तर भारत में कानपुर का रुख किया। कानपुर छावनी होने के साथ-साथ औद्योगिक नगरी के रूप में भी विकसित हो रहा था। उद्योगों तक काेयला और कारखानों और मिलों से निकले उत्पादों को दूसरे शहरों में पहुंचाने के लिए बड़े ट्रांसपोर्टेशन की जरूरत थी। 


इसे देखते हुए अंग्रेज अधिकारियों ने वर्ष 1855 में इलाहाबाद (Allahabad ralway station) वर्तमान में प्रयागराज से कानपुर तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया। 3 मार्च 1859 को इलाहाबाद से पहली ट्रेन पुराना कानपुर आई। ट्रेन की रफ्तार दस किमी प्रति घंटा थी। कानपुर के लिए यह दिन रेल इतिहास में सबसे अहम और खास था। मालगाड़ी को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ रेल लाइन के किनारे जमा हो गई थी जिसे संभालने के लिए भी तब अंग्रेज अफसरों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इसके बाद यहां से ट्रेनों के संचालन का सिलसिला शुरू हो गया।

शुरू मेंचल जाता था काम

जानकारी के लिए बता दइें कि शुरूआती दौर मालगाड़ियों (early freight trains) का था इसलिए छोटे स्टेशन से ही काम चलता रहा। बाद में जब यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया तो रेलवे स्टेशन के लिए भवन काे मंजूरी दी गई। 


इतिहासकार बताते हैं कि रेलवे स्टेशन (railway station) के भवन की रूपरेखा 1883 में बनी जबकि इमारत 1885 में बनकर तैयार हुई जिसे अब पुराना कानपुर स्टेशन कहते हैं। इस स्टेशन की भव्यता देखते ही बनती थी। इमारत की संरचना और अद्वितीय डोम वास्तुकला इसकी भव्यता को और बढ़ा देती है। 

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बता दें कि पुराने कानपुर स्टेशन (Old Kanpur Station) ने 47 वर्षों तक मुख्य रेलवे स्टेशन के रूप में काम किया। वर्ष 1932 में सेंट्रल स्टेशन शुरू होने के बाद इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया। वर्तमान में यह भवन रेलवे अधिकारियों के प्रशिक्षण संस्थान के रूप में काम कर रहा है।


इसके बाद वर्ष 2002 में रेलवे ने इसे हेरिटेज बिल्डिंग (heritage building) घोषित कर दिया। इस भवन को अब रेलवे संग्रहालय के रूप में विकसित करने की मंशा प्रशासन ने जतायी है जिसे लेकर रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से वार्ता चल रही है।